भारत की वायुसेना की मेज़बानी में होगा ऐतिहासिक बहुपरकारी हवाई अभ्यास: 30 देशों की वायुसेनाएँ एक साथ आसमान में
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने एक महत्वपूर्ण सैन्य पहल की शुरुआत की है, जिसमें भारत समेत 30 देशों की वायुसेनाएँ पहली बार एक साथ एक बहुपरकारी हवाई अभ्यास का आयोजन करेंगी। यह ऐतिहासिक अभ्यास 6 अगस्त से सुलूर में शुरू होगा और 14 सितंबर तक जारी रहेगा।
इस हवाई अभ्यास में भारत, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, यूके, यूएसए, ग्रीस और सिंगापुर की वायुसेनाएँ भाग लेंगी। अभ्यास को दो चरणों में विभाजित किया गया है—पहला चरण 6 से 14 अगस्त तक सुलूर में और दूसरा चरण 29 अगस्त से 14 सितंबर तक जोधपुर में आयोजित होगा।
इस अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न देशों की वायुसेनाओं के बीच सामरिक सहयोग और तकनीकी क्षमताओं का आदान-प्रदान करना है। इसमें भारत की ओर से राफेल, सुखोई, मिराज, तेजस, मिग-29, और कई अन्य लड़ाकू विमानों के साथ-साथ प्रचंड और रुद्र हेलीकॉप्टर भी शामिल होंगे।
भारतीय वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ने बताया कि इस अभ्यास से भारत की आत्मनिर्भरता और सैन्य क्षमताओं को प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभ्यास में शामिल होने के लिए 51 देशों को निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन कुछ देशों के आंतरिक संघर्षों के कारण वे इसमें भाग नहीं ले सकेंगे।
ग्रुप कैप्टन आशीष डोगरा ने बताया कि इस अभ्यास में सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) और फ्रांस, जर्मनी और स्पेन के वायुसेना प्रमुख भी शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, मेड इन इंडिया प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी जो भारत की स्वदेशी सैन्य क्षमताओं को प्रदर्शित करेगी।
वायुसेना ने यह सुनिश्चित किया है कि इस बहुपरकारी अभ्यास के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए विमानन सेवाओं के पुनर्निर्धारण की व्यवस्था की जाएगी।
यह अभ्यास भारत की सैन्य क्षमताओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विश्वास को भी बढ़ावा देगा।
भारत की वायुसेना का ऐतिहासिक कदम: ‘तरंग शक्ति’ हवाई अभ्यास होगा 30 देशों का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय अभ्यास
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित ‘तरंग शक्ति’ हवाई अभ्यास भारत का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास होगा, जिसमें 30 देशों की वायुसेनाएँ अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगी। भारतीय वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ने यह जानकारी दी कि इस अभ्यास में 51 देशों को निमंत्रण भेजा गया था, जिनमें से 10 देशों ने अपने सैन्य संपत्तियों के साथ भाग लेने की पुष्टि की है और 18 देश पर्यवेक्षकों के रूप में शामिल होंगे।
एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा, “तरंग शक्ति’ हवाई अभ्यास सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अभ्यास होगा जो भारत में आयोजित किया गया है। इसमें शामिल देशों की वायुसेनाओं के बीच जटिल मिशनों की योजना बनाई गई है ताकि वायु संचालन की समझ को बढ़ाया जा सके। यह अभ्यास न केवल हमारी श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करने का एक शानदार अवसर है, बल्कि विभिन्न देशों के बीच सहयोग और आपसी विश्वास को भी मजबूत करेगा।”
इस अभ्यास के तहत, विभिन्न देशों की वायुसेनाएँ अपनी उन्नत तकनीकी क्षमताओं और सैन्य रणनीतियों का प्रदर्शन करेंगी। भारतीय वायुसेना इस अवसर का उपयोग अपनी स्वदेशी सैन्य क्षमताओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने के लिए करेगी।
‘तरंग शक्ति’ हवाई अभ्यास का आयोजन भारतीय वायुसेना की सामरिक क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
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