बीकानेर।अजित फाउण्डेशन द्वारा आयोजित संवाद श्रृंखला में ‘‘जीवन पर्यन्त शिक्षा: शिक्षा नीति 2020’’ विषय पर शिक्षाविद् डॉ मनमोहन सिंह यादव ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि शिक्षा हमें स्वाभिमानी बनाती है तथा प्रत्येक शिक्षक का पहला धर्म होता है कि वह अपने विद्यार्थियों में नैतिक संस्कार के गुण देवें। उन्होंने विदेशी विचारकों के संस्मरण बताते हुए कहा कि शिक्षक ही ऐसा व्यक्ति होता है जो अपने विद्यार्थियों की प्रतिभा को मुखरित करता है, उसे आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करता है। उन्होंने शिक्षा नीति पर बाते करते हुए कहा कि इसको समुचित रूप से लागू करने हेतु हमें सामुहिक प्रयास करने होगे तभी इसकी सफलता सिद्ध होगी।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शिक्षाविद् एवं साहित्यकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि जीवन पर्यन्त शिक्षा का तात्पर्य यहीं है कि आप जीवन में हमेशा सीखते रहे तथा अपने आप को समयानुसार अपडेट करते रहे। चाहे वह तकनीकी ज्ञान हो या अन्य किसी प्रकार का बदलाव। हमें जीवन में शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक हुनर को भी सीखना चाहिए, जिससे हम सदैव जीवन में प्रगतिशील बने रहेगें। जोशी ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा में तुलनात्मक अध्ययन करना जरूरी है इससे हम प्रत्येक विषय पर अपनी पकड़ मजबूत कर सकते है। उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य, साक्षरता, भाषा आदि पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जब हम प्रकृति और अपने बीच संतुलन बनाएगें तो एक स्वच्छ समाज की परिकल्पना कर सकते है। जोशी ने साक्षरता के साथ-साथ डिजिटल साक्षरता की महत्ता पर बात रखते हुए इसके वर्तमान प्रयोग एवं आवश्यकता पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति में मातृभाषा में अध्ययन हेतु भी संभावनाएं होनी चाहिए। उन्होंने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि हमें अपने आस-पास जो भी निरक्षर हो उसको साक्षर करना चाहिए जिससे हमारा राज्य एवं जिला पूर्ण साक्षर हो पायेगा।
कार्यक्रम के शुरूआत में संस्था समन्वयक संजय श्रीमाली ने बताया कि शिक्षा नीति हेतु जब बात हो रही है तो उसमें भावी शिक्षकों का होना आवश्यक है, इस हेतु बी.एड. के विद्यार्थियों को आज के कार्यक्रम में विशेष रूप से सम्मिलित किया गया है। श्रीमाली ने बताया कि संवाद कार्यक्रम के तहत शिक्षा से जुड़ी पुस्तकों की प्रदर्शनी भी चष्पा की गई है जिसमें देष के श्रेष्ठ शिक्षाविद्ों की पुस्तकें पढ़ने हेतु उपलब्ध है।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. नीतिन गोयल, वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी ने संस्था की तरफ से धन्यवाद देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से ही हम युवाओं को आगे ला सकते है तथा युवा पीढ़ि को मुख्यधारा से जोड़ सकते है। इस आयोजन में मुरली सिंह यादव षिक्षक प्रषिक्षक महाविद्यालय, उदयरामसर के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।








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