वैदिक कर्मकांड प्रशिक्षण शिविर का भव्य शुभारंभ, आचार्य राजेन्द्र जी किराडू का हुआ आत्मीय स्वागत
वैदिक परंपरा एवं सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार हेतु आयोजित वैदिक कर्मकांड प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन आज विधिवत मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ। इस शुभ अवसर पर पधारे प्रख्यात वैदिक विद्वान आचार्य राजेन्द्र जी किराडू का आयोजकों एवं समस्त धर्मप्रेमी जनों द्वारा माल्यार्पण, शॉल व श्रीफल से आत्मीय स्वागत किया गया।
शिविर का उद्देश्य युवाओं एवं आचार्य-शिष्यों को वैदिक संस्कार, संध्या-वंदन, यज्ञ-विधि, श्राद्ध, संकल्प, तथा अन्य धार्मिक अनुष्ठानों की शुद्ध एवं परंपरागत पद्धति से शिक्षा देना है। उद्घाटन समारोह में बड़ी संख्या में विद्वान, विद्यार्थी, साधक एवं श्रद्धालु शिवजी, मदन, राकेश, चांद भाई, मानू, आनन्द छंगाणी, गौरीशंकर , भैरू, झीनू आदि उपस्थित रहे।
आचार्य राजेन्द्र जी ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा, “वेद ही सनातन संस्कृति की आत्मा हैं। आज के युग में यदि हमें अपने अस्तित्व को अक्षुण्ण रखना है, तो वैदिक ज्ञान का जीवन में समावेश अनिवार्य है।”
कार्यक्रम में अन्य विशिष्ट अतिथियों ने भी विचार रखे एवं शिविर की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। आयोजन समिति के सोमदत्त आचार्य ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि यह शिविर युवा पीढ़ी के लिए एक दिशा-प्रदर्शक सिद्ध होगा।
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