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अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस: बीकानेर में गूंजा ‘तिब्बत की आज़ादी’ का स्वर, भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने लिया कैलाश मानसरोवर की मुक्ति का संकल्प

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अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस: बीकानेर में गूंजा ‘तिब्बत की आज़ादी’ का स्वर, भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने लिया कैलाश मानसरोवर की मुक्ति का संकल्प

​बीकानेर, 10 दिसंबर।
विश्व शांति के अग्रदूत परम पावन दलाई लामा जी के नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्ति दिवस और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर, आज बीकानेर के स्थानीय तिब्बती हाट में ‘भारत तिब्बत सहयोग मंच’ एवं तिब्बती समुदाय के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य ‘मानवाधिकार रक्षण उत्सव’ का आयोजन किया गया।

​मंच के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री पंकज गोयल के निर्देशानुसार आयोजित इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम परम पावन दलाई लामा (तेनजिंग ग्यात्सो) के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन और विशेष पूजा-अर्चना कर वर्ष 1989 में उन्हें मिले नोबेल शांति पुरस्कार का स्मरण किया गया।

​चीन के कुटिल आधिपत्य से जल्द मुक्त होगा कैलाश: सुधा आचार्य
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय पदाधिकारी श्रीमती सुधा आचार्य ने चीन की विस्तारवादी नीतियों पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने मंच के संरक्षक माननीय डॉ. इंद्रेश कुमार जी के मार्गदर्शन में चल रहे अभियानों की चर्चा करते हुए हुंकार भरी कि “वह दिन अब दूर नहीं जब भगवान शिव का निवास स्थान ‘कैलाश मानसरोवर’ कुटिल चीन के अवैध कब्जे से मुक्त होगा और हम सभी तिब्बत की राजधानी ल्हासा में विजय उत्सव मनाएंगे।”
श्रीमती आचार्य ने बताया कि राष्ट्रीय महामंत्री श्री राजेंद्र प्रसाद कामदार अथक प्रयासों से प्रतिवर्ष 18 से 25 नवंबर तक ‘तवांग तीर्थ यात्रा’ का सफल आयोजन किया जाता है, जिसमें राजस्थान से सर्वाधिक देशभक्त यात्री शामिल होकर सीमा सुरक्षा और राष्ट्रवाद का संदेश देते हैं।

​🤝 दलाई लामा का गुंसाई समाज (दसनाम गोस्वामी) से है गहरा नाता: दिलीप पुरी
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष श्री दिलीप पुरी ने भारत और तिब्बत के पौराणिक और सामाजिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने भावुक उद्बोधन देते हुए कहा, “परम पावन दलाई लामा का संबंध गुंसाई समाज की 52 मडी से है। इस नाते समस्त तिब्बती समाज केवल हमारे पड़ोसी नहीं, बल्कि हमारे स्वजन और परिवार का अभिन्न हिस्सा हैं। इनका सुख-दुःख हमारा अपना है।”

​🙏 भारत भूमि हमारे लिए माता समान: तेनजिंग
स्थानीय तिब्बती मार्केट के अध्यक्ष श्री तेनजिंग ने भारतीय समाज के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “31 मार्च 1959 से जब से परम पावन दलाई लामा जी ने भारत में चरण रखे, तब से यह देश हमें अपनी गोद में आश्रय दे रहा है। हम भारत राष्ट्र और यहाँ के नागरिकों के ऋणी हैं जो हमें पराया नहीं, अपना भाई-बहन समझते हैं।”

​🛡️ तिब्बती भाई-बहनों की सुरक्षा और सेवा के लिए 24 घंटे तत्पर: मुकेश बन
कार्यक्रम में युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए युवा विभाग के जिला अध्यक्ष श्री मुकेश बन ने बीकानेर में निवासरत तिब्बती परिवारों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
मुकेश बन ने आश्वस्त करते हुए कहा, “बीकानेर का युवा वर्ग अपने तिब्बती भाई-बहनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। चाहे व्यापारिक समस्या हो या स्थानीय सहायता, हमारा संगठन आपकी सेवा में 24×7 (चौबीस घंटे) तत्पर है। आप यहाँ स्वयं को कतई अकेला न समझें, पूरा बीकानेर आपके साथ है।”

​इस अवसर पर संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारी हरीश भोजक, श्रवण सिंह, देवेन्द्र पुरी, स्थानीय पार्षद आदर्श शर्मा,तेनजिन , ताशी, सेरिंग डोरजी,त्सेन डोलमा , पेंपा, त्सेंग, रिग्जिन, त्सेंरिग, टोपग्याल, कर्मा, बुमचुग, त्सुलटिरम और बड़ी संख्या में तिब्बती समुदाय के लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन ‘भारत माता की जय’ और ‘तिब्बत की आज़ादी’ के गगनभेदी नारों के साथ हुआ।

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