तीन से पांच नवम्बर तक भरेगा मेला
बीकानेर, 29 अक्टूबर। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रीकोलायत में 3 से 5 नवम्बर तक भरने वाले मेले को लेकर तैयारियाँ अब अंतिम चरण में हैं। विधायक श्री अंशुमान सिंह भाटी ने बुधवार को पुनः कोलायत पहुंचकर मेले से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया। विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान विधायक श्री भाटी ने श्री कपिल मुनि मंदिर एवं सरोवर परिसर के चारों ओर, साथ ही झझू चौराहे से लेकर रामस्नेही साधु आश्रम और कोलायत बाजार क्षेत्र तक पैदल निरीक्षण करते हुए सफाई, प्रकाश, पेयजल, यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्थाओं की जमीनी स्थिति का अवलोकन किया।
विधायक श्री भाटी के नेतृत्व में इस वर्ष मेले को और अधिक दिव्य, भव्य एवं सुव्यवस्थित स्वरूप देने के लिए अनेक नवाचार किए जा रहे हैं। मुख्य एवं जनाना घाट को हेरिटेज लुक में संवारा जा रहा है। झझू चौराहे से कपिल सरोवर तक आकर्षक कॉरिडोर लाइटिंग तैयार की जा रही है। टेचरी फांटा से कोलायत तक सम्पूर्ण मार्ग पर विशेष विद्युत साज-सज्जा, पंच मंदिर और बारह महादेव मंदिर में आकर्षक डेकोरेशन एवं फायरवर्क्स की तैयारियाँ जारी हैं।
श्री भाटी ने कपिल सरोवर की सफाई कार्य का शुभारंभ कर जलीय वनस्पति हटाने और घाटों पर स्वच्छता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सरोवर परिसर के सभी मंदिरों, छतरियों और वृक्षों को एक समान लाइटिंग से सजाया जा रहा है, जिससे पूरा परिसर दिव्य आभा से आलोकित होगा।
विधायक श्री भाटी ने कहा कि -हमारा उद्देश्य है कि इस वर्ष का कार्तिक पूर्णिमा मेला धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक सौंदर्य और व्यवस्थागत उत्कृष्टता का संगम बने, जिससे कपिल मुनि की तपोभूमि की गरिमा और भी उज्ज्वल हो तथा कोलायत मेला पुष्कर की तर्ज पर राज्य स्तरीय पर्यटन आयोजन के रूप में स्थापित हो सके।
उन्होंने सभी विभागों को समन्वयपूर्वक कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा, स्वच्छता और सुरक्षा सरकार और प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
विधायक श्री भाटी के मार्गदर्शन में इस बार का कोलायत मेला न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष होगा, बल्कि यह बीकानेर जिले की पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।
इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी, संबंधित विभागों के अधिकारी और पूर्व प्रधान जयवीर सिंह, प्रभात सिंह, मंगेज सिंह हाड़ला, जय सिंह हाड़ला, बजरंग पंवार, युद्धवीर सिंह, बलदेव गहलोत, जेठू सिंह राठौड़, कन्हैयालाल साँखी, मनोहर सिंह सियाणा, खिन्याराम सैन, रमेश पुरोहित, भोम सिंह, पवन जोशी, पिंकू माली, मनोज सेवग, श्याम सुंदर पंचारिया, राजपाल सिंह राठौड़, अक्षय उपाध्याय, मांगू सिंह, नरसिंह पंचारिया, सुमेर सिंह, देवी सिंह हिराई, दिलीप सिंह राजपुरोहित, सोहन लाल कोटड़ी, लक्ष्मण राणा, पवन गहलोत, भूप सिंह भुर्ज सहित अनेक लोग मौजूद रहे।














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