राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील का विशाल धरना-प्रदर्शन: 13 अक्टूबर 2025 को निदेशालय पर भागीदारी का मजबूत आह्वान
बीकानेर।राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील (Rajasthan Shikshak Sangh Pragatisheel) का एक महत्वपूर्ण आह्वान है, जो शिक्षकों की वैधानिक मांगों के समर्थन में 13 अक्टूबर 2025 को बीकानेर के निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) कार्यालय पर आयोजित होने वाले विशाल धरना-प्रदर्शन में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित हो।
यह धरना दीपावली अवकाश के दौरान है, जो शिक्षकों की लंबित समस्याओं (जैसे वेतन विसंगति, समायोजन, तृतीय से द्वितीय, द्वितीय से व्याख्याता, व्याख्याता से वि पी से प्रधानाचार्य पदोन्नति, बीएड इंटर्नशिप,स्थानांतरण बोनस नकद भुगतान, गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति आदि) के शीघ्र निराकरण की मांग को केंद्र में रखता है। बीकानेर जिलाध्यक्ष आनंद पारीक ने बताया कि संगठन द्वारा दिया जा रहा धरना शिक्षकों की वाजिब मांगों को लेकर है राजस्थान के हर कोने से हर जिले से “क्रांतिकारी शिक्षकों का सैलाब” आयेगा और सरकार का ध्यान आकृष्ट करेगा। बीकानेर जिले में लूणकरणसर ब्लॉक में प्रदेश वरिष्ठ मंत्री गुलाबनाथ योगी,श्रीडूंगरगढ़ में ब्लॉक अध्यक्ष जय प्रकाश कसवा,नोखा में ब्लॉक अध्यक्ष पंकज बिश्नोई,पांचू में ब्लॉक अध्यक्ष गोवर्धन सिंह चौधरी,श्रीकोलायत में प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री भंगा सिंह यादव,खाजूवाला में विजय लक्ष्मी स्वामी,पूगल में संदीप,बीकानेर ब्लॉक में ब्लॉक अध्यक्ष नारायणराम,बीकानेर शहर अध्यक्ष अजय भाटी,बज्जू राम चंद्र को शिक्षकों से अधिकाधिक संपर्क कर बीकानेर धरने में शामिल करने की जिम्मेदारी दी।
प्रदेश महामंत्री यतीश वर्मा ने सभी ब्लॉक अध्यक्ष एवं मंत्रियों से आह्वान किया कि अपने क्षेत्र के प्रत्येक शिक्षक से संपर्क कर भागीदारी सुनिश्चित करे ओर कहा कि संगठन के सभी पदाधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य है।
प्रदेश सलाहकार मंडल अध्यक्ष सुभाष आचार्य ने “जय संगठन! इंकलाब जिंदाबाद के नारे के साथ कहा कि यह शिक्षकों की एकजुटता और संघर्ष की भावना को दर्शाता है।
प्रदेशाध्यक्ष बन्नाराम चौधरी,बाड़मेर ओर मुख्य महामंत्री किशन लाल सारण,जालौर ने सभी जिलाध्यक्षों को
अपने अपने जिलों के लिए विशेष जिम्मेदारी सौंपी है।
ये जिलाध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षकों का समन्वय करेंगे, ताकि धरना एक ऐतिहासिक सफलता बने। सभाध्यक्ष ने कहा कि सभी जिलों के जिलाध्यक्षों को भी समान रूप से सक्रिय भागीदारी करनी है।
लंबे समय से वेतन विसंगति, अधिशेष शिक्षकों के समायोजन, भर्ती प्रक्रिया में देरी,स्थानांतरण, पदोन्नतियां और अन्य मुद्दों 21सूत्री मांग।
शिक्षकों का संघर्ष सफल हो, जय संगठन!
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