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एनआरसीसी में एससीएसपी योजना के तहत ऊँट पालन एवं स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण आयोजित…

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बीकानेर । भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र, बीकानेर द्वारा विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान अनुसूचित जाति उप-योजना तहत ‘ऊँट पालन और स्वास्थ्य अवधारणा: चुनौतियां एवं समाधान‘ विषयक एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें बीकानेर जिले के गांवों एवं आस-पास क्षेत्रों- उदासर, कल्याणसर, खारा, नापासर, जसोलाई, केसरदेसर, पूगल, अम्बासर, कोटड़ी, भारुपावा आदि के 63 महिला एवं पुरुष पशुपालकों ने सक्रिय सहभागिता निभाई। इस दौरान प्रतिभागियों को 15 दिवसीय ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के समापन के उपलक्ष्य पर गुजरात में आयोजित किसान सम्मेलन से भी ऑनलाइन जोड़ा गया।
प्रशिक्षण के इस अवसर पर केन्द्र के निदेशक डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने कहा कि पशुपालक एवं किसान भाई, पशुधन को स्वस्थ रखने एवं इससे बेहतर उत्पादन लेने हेतु विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रदत्त ज्ञान को अपनाएं। उन्होंने किसानों को अधिक आमदनी प्राप्त करने हेतु विशेषकर पशुधन से मिलने वाले दूध के उत्पादन, गुणवत्ता हेतु इसका रखरखाव, मूल्य-सवंर्धित उत्पाद बनाने, दूध की सीधे उपभोक्ता तक बिक्री करने आदि हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने विकसित कृषि संकल्प अभियान को आत्मनिर्भर किसान और समृद्ध खेती की दिशा में एक ठोस कदम बताया तथा कहा कि इस संकल्प के माध्यम से तकनीक, नवाचार और सहभागिता के जरिए भारतीय कृषि को नए आयाम देने का प्रयास किया गया। इस अवसर पर एस.सी.एस.पी. उप-योजना के नोडल अधिकारी डॉ. समर कुमार घोरूई ने किसानों को वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन एवं खेती करने हेतु प्रोत्साहित किया।
प्रशिक्षण-सत्र में केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राकेश रंजन ने बताया कि पशुधन में तेजी से आमदनी बढ़ाने की प्रबल संभावनाएं विद्यमान है। उन्होंने एन.आर.सी.सी. द्वारा ऊँटनी के दूध के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों की जानकारी देते हुए पशुपालकों को राष्‍ट्रीय पशुधन मिशन (एन.एल.एम.) योजना का अधिकाधिक लाभ उठाने हेतु प्रोत्साहित किया। वहीं केन्द्र वैज्ञानिक डॉ. श्‍याम सुंदर चौधरी ने कहा कि प्रदेश की जलवायु अनुकूल भेड़, बकरी, ऊँट पशुधन का व्यावसायीकरण कर किसान भाई अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। डॉ. चौधरी ने बीमार पशुओं को अलग रखने, टीकाकरण, दवा की उचित मात्रा, ऋतु अनुसार उनका रखरखाव आदि पहलुओं पर जानकारी दी।
केन्द्र की ओर से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान‘ के नोडल अधिकारी डॉ. वेद प्रकाश ने सरकार द्वारा चलाए गए इस अभियान के महत्व एवं उद्देश्‍य पर प्रकाश डाला। चर्चा-सत्र में डॉ. काशी नाथ, पशु चिकित्सा अधिकारी ने किसानों के पशुधन, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निवारण हेतु उचित समाधान सुझाए। कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षणार्थियों को कृषि में प्रयुक्त संसाधनों का वितरण भी किया गया।

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