योग विभाग, महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर द्वारा “स्वस्थ मन, प्राकृतिक जीवन” विषयक दो दिवसीय योग कार्यशाला का समापन 19 सितम्बर 2025 को विश्वविद्यालय, योग विभाग के ध्यान प्रांगण में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में सीए अनिल मेहता (आनापान औरविपश्यना ध्यान विशेषज्ञ) तथा डॉ. देवाराम काकड़ (निदेशक, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, एसकेआरएयू परिसर, बीकानेर) ने विद्यार्थियों को संबोधित किया।
अपने उद्बोधन में सीए अनिल मेहता ने कहा कि—
“आनापान ध्यान साधना मन और श्वास के गहरे संबंध को समझने का माध्यम है। नियमित अभ्यास से विद्यार्थी न केवल एकाग्रता विकसित कर सकते हैं बल्कि अपने मन के स्वामी भी बन सकते हैं।”
डॉ. देवाराम काकड़ ने नैचुरोपैथी और योग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि—
“समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है कि हम प्राकृतिक जीवनशैली अपनाएँ, जिसमें योग, आहार और ध्यान का संतुलन हो।”
कार्यक्रम का संचालन यशोवर्धिनी पुरोहित द्वारा किया गया।
कार्यशाला को सफल बनाने में डॉ. धर्मेश हरवानी (समन्वयक, एसएफएस), डॉ. सीमा शर्मा (प्रभारी, योग विभाग) का विशेष योगदान रहा।
साथ ही योग विभाग की अतिथि संकाय डॉ. हितेंद्र मारु, प्रियंका रघुवंशी, सपना बेरवाल और यशोवर्धिनी पुरोहित का भी सराहनीय सहयोग रहा।
छात्र–छात्राओं ने उत्साहपूर्वक इस कार्यशाला में भाग लिया और सीखी गई साधना को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लियाl








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