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BSF जवान के सुसाइड पर बेटों को यकी नहीं:बोले, चार-पांच दिन में छुट्टी लेकर घर आने वाले थे

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BSF जवान के सुसाइड पर बेटों को यकी नहीं:बोले, चार-पांच दिन में छुट्टी लेकर घर आने वाले थे

ड्यूटी के दौरान रामदेव सिंह ने खुद को गोली मारकर सुसाइड किया था।

जम्मू कश्मीर में भारत-पाक इंटरनेशनल बॉर्डर पर सीकर के रहने वाले सीमा सुरक्षा बल (BSF) में तैनात सब इंस्पेक्टर ने सोमवार को सुसाइड कर लिया था। मौत से परिवार सदमे में है। उनके दोनों बेटों को यकीन नहीं है कि, पिता खुद को गोली मारकर जान दे सकते है। उनका कहना है कि, वह चार-पांच दिन में छुट्टी लेकर घर आने वाले थे। फिलहाल पूरे मामले की सेना कोर्ट ऑफ इंक्वायरी से जांच करवा रही है।

श्रीमाधोपुर इलाके के रहने वाले रामदेव सिंह BSF की 12वीं बटालियन में सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। वह जम्मू-कश्मीर में बीएसएफ की प्लाटून को कमांड कर रहे थे। उनकी मौत को 3 दिन हो चुके है। मंगलवार को उनके गांव में अंतिम संस्कार किया गया। मृतक के दो बेटे कुलदीप और संदीप है। बड़ा बेटा कुलदीप BSF में ही सेवा दे रहे है। उनकी त्रिपुरा, असम में पोस्टिंग है। छोटा बेटा संदीप बिजली विभाग में कार्यरत है।

जवान रामदेव सिंह का मंगलवार को उनके गांव में अंतिम संस्कार किया गया।

जवान रामदेव सिंह का मंगलवार को उनके गांव में अंतिम संस्कार किया गया।

मौत से 3 दिन पहले बेटे से फोन पर की बात
जवान रामदेव सिंह के छोटे बेटे संदीप ने बताया कि मार्च में पिता एक महीने की छुट्टी पर गांव आए थे। वह हमेशा से खुश मिजाज थे। कभी किसी बात को लेकर निराश होते हुए या गुस्सा होते नहीं देखा था। संदीप ने बताया कि शुक्रवार को पिता से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने बताया कि चार-पांच दिन में वह छुट्टी लेकर घर आने वाले हैं। उनकी बातों से नहीं लगा कि, वह परेशान है। न ही उन्होंने किसी परेशानी का जिक्र किया था।

मां की मौत के बाद पिता ने ही पाला
बेटे ने बताया कि उनकी मां मनोहरी देवी की बीमारी के चलते 22 साल पहले 6 जनवरी 2000 को मौत हो गई थी। मां की मौत के बाद पिता ने ही मह दोनों भाइयों को पाला था। आज हम दोनों भाई सरकारी सेवा में हैं। बेटों ने बताया कि पिता ने हमेशा मां की दुलार किया।

राजकीय सम्मान से जवान रामदेव सिंह को अंतिम विदाई दी गई।

राजकीय सम्मान से जवान रामदेव सिंह को अंतिम विदाई दी गई।

3 साल से जम्मू कश्मीर में तैनात थे
संदीप ने बताया कि पिता ने 1986 में BSF की 12वीं बटालियन में कॉन्स्टेबल के पद पर नौकरी ज्वाइन की थी। 36 साल की नौकरी में उनकी पश्चिम बंगाल, पंजाब समेत कई जगह पोस्टिंग रही। कुछ साल पहले सब इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोट हुए थे। 3 सालों से उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी। यहां वे अखनूर इलाके की एक चौकी में तैनात थे।

घटना के डेढ़ घंटे बाद पता चला
संदीप ने बताया कि सोमवार सुबह करीब 8 बजे के आस-पास BSF के अधिकारियों का फोन आया था। उन्होंने बताया कि, रामदेव सिंह का जूनियर 25 जुलाई को सुबह 6:35 पर उनके कमरे में गया। तब आपके पिता की बॉडी खून से लथपथ मिली। शव के पास बेरेटा गन मिली है। गले पर गोली का निशान है। अधिकारियों ने कहा कि, उन्होंने गले पर गोली मारकर सुसाइड कर लिया। संदीप ने बताया कि उनके साथी जवानों को भी यकीन नहीं है कि, वह सुसाइड कर सकते है।

पूर्व विधायक झाबर सिंह खर्रा पुष्प अर्पित करते हुए।

पूर्व विधायक झाबर सिंह खर्रा पुष्प अर्पित करते हुए।

जवान को उनके दोनों बेटों दोनों बेटों ने मुखाग्नि दी।

जवान को उनके दोनों बेटों दोनों बेटों ने मुखाग्नि दी।

जवान की 3 सालों से उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी। यहां वे अखनूर इलाके की एक चौकी में तैनात थे।

जवान की 3 सालों से उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी। यहां वे अखनूर इलाके की एक चौकी में तैनात थे।

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