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BSNL देशभर में अगस्त से शुरू करेगी 4G सर्विस:स्वदेशी होगी टेक्नोलॉजी; पंजाब से शुरुआत, वहां 8 लाख कस्टमर जोड़े

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BSNL देशभर में अगस्त से शुरू करेगी 4G सर्विस:स्वदेशी होगी टेक्नोलॉजी; पंजाब से शुरुआत, वहां 8 लाख कस्टमर जोड़े

नई दिल्ली

पब्लिक सेक्टर की टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) इसी साल अगस्त से देशभर में 4G सर्विस शुरू करेगी। न्यूज एजेंसी PTI ने इसकी जानकारी सोमवार (6 मई) को एक अधिकारी के हवाले से दी है। एजेंसी के अनुसार, BSNL की ये सर्विस पूरी तरह से स्वदेशी टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होगी।

इस स्वदेशी टेक्नोलॉजी को IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और टेलीकॉम रिसर्च ऑग्रनाइजेशन सी-डॉट (C-DoT) की पार्टनरशिप वाले कंसोर्टियम ने मिलकर डेवलप किया है। इसका इस्तेमाल करके BSNL ने पंजाब में 4G सर्विस शुरू कर दी गई हैं और करीब 8 लाख कस्टमर्स को अपने साथ जोड़ भी लिया है।

PTI के अनुसार, BSNL अधिकारियों ने 4G नेटवर्क पर 40-45 मेगाबिट प्रति सेकेंड की मैक्सिमम स्पीड दावा किया है, जिसे पायलट फेज के दौरान 700 मेगाहर्ट्ज (Mhz) के प्रीमियम स्पेक्ट्रम बैंड के साथ-साथ 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड में भी लॉन्च किया गया है।

पिछले साल जुलाई में इंस्टॉल की गई थी टेक्नोलॉजी
रिपोर्ट के अनुसार, सी-डॉट की 4G टेक्नोलॉजी कोर पंजाब में BSNL नेटवर्क में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इसे पिछले साल जुलाई में इंस्टॉल किया गया था। ‘ऐसी जटिल टेक्नोलॉजी की सक्सेस को साबित करने में 12 महीने का समय लगता है, लेकिन सी-डॉट कोर 10 महीने में ही स्टैबलाइज्ड हो गया है।’

5G में अपग्रेड होगा
कोर नेटवर्क एक ऐसा ग्रुप है, जिसमें टेलीकॉम सर्विस से जुड़े नेटवर्क हार्डवेयर, डिवाइस और सॉफ्टवेयर शामिल हैं। ये ग्रुप टेलीकॉम नेटवर्क में फंडामेंटल सर्विस जैसे एग्रीगेशन, कॉल कंट्रोल, स्विचिंग, ऑथेटिकेशन, चार्जिंग, गेटवे फंक्शनैलिटी आदि में मदद करता है।

TCS, तेजस नेटवर्क और सरकारी स्वामित्व वाली ITI को 4G नेटवर्क तैनात करने के लिए BSNL से लगभग 19,000 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिला है। इस नेटवर्क को आगे चलकर 5G में अपग्रेड किया जा सकता है।

1.12 लाख टावर लगाए जा रहे
BSNL पूरे भारत में 4G और 5G सेवाओं के लिए 1.12 लाख टावर लगाने की प्रक्रिया में है। कंपनी ने देशभर में 4G सेवा के लिए 9,000 से अधिक टावर स्थापित किए हैं। इनमें से 6,000 से अधिक टावर पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा सर्किल में हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि ‘BSNL पिछले 4-5 वर्षों से केवल 4G-सक्षम सिम बेच रही है। ऐसे में सिर्फ उन्हीं ग्राहकों को 4G सेवा का अनुभव लेने के लिए पुराना सिम हटाकर नया सिम लेना होगा।’

एयरटेल और जियो से काफी पीछे BSNL
PM मोदी ने 6G नेटवर्क का रोडमैप लॉन्च कर चुके हैं। 2030 तक भारत में 6G सर्विस शुरू होने की उम्मीद है। इस मामले में BSNL काफी पीछे चल रहा है। कंपनी 4G के साथ 5G सर्विस लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। जनवरी-2023 में यूनियन IT एंड टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि BSNL अपनी 5G सर्विस अप्रैल 2024 तक शुरू कर देगी। वहीं, एयरटेल और जियो ने भारत में अक्टूबर-2022 में 5G सर्विस लॉन्च की थी।

एक समय नंबर वन मोबाइल ऑपरेटर थी BSNL
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने 19 अक्टूबर 2002 को लखनऊ से BSNL मोबाइल सर्विस की शुरुआत की थी। लॉन्च होने के मात्र 1-2 सालों में ये भारत की नंबर वन मोबाइल सर्विस बन चुकी थी। निजी ऑपरेटरों ने BSNL के लॉन्च के महीनों पहले मोबाइल सेवाएं शुरू कर दी थीं, लेकिन BSNL के ‘सेलवन’ ब्रांड की मांग काफी बढ़ गई थी।

जब BSNL की सर्विसेज की शुरुआत हुई, उस वक्त प्राइवेट ऑपरेटर 16 रुपए प्रति मिनट कॉल के अलावा 8 रुपए प्रति मिनट इनकमिंग के भी पैसे चार्ज करते थे। BSNL ने इनकमिंग को फ्री किया और आउटगोइंग कॉल्स की कीमत डेढ़ रुपए तक हो गई। 2002-2005 का ये वक्त BSNL का सुनहरा दौर था। हर कोई BSNL का सिम चाहता था। इसके लिए 3-7 किलोमीटर लंबी लाइनें लगती थीं।

BSNL की ऐसी हालत क्यों हुई?

  • साल 2000 में स्थापना के बाद BSNL के अधिकारी निजी ऑपरेटरों को चुनौती देने के लिए जल्द से जल्द मोबाइल सर्विस शुरू करना चाहते थे, लेकिन उन्हें जरूरी सरकारी सहमति नहीं मिली।
  • जल्द से जल्द सरकारी सहमति नहीं मिलने का दौर आगे भी जारी रहा। 2006-12 के बीच जहां BSNL की क्षमता में मामूली इजाफा हुआ, वहीं प्राइवेट ऑपरेटर्स कहीं ज्यादा आगे निकल गए।
  • लोगों ने नेटवर्क कंजेशन और अन्य समस्याओं के कारण BSNL छोड़ प्राइवेट कंपनियों की ओर रुख किया।
  • साल 2010 में जब 3G स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई तो सरकारी कंपनी होने के कारण BSNL ने हिस्सा नहीं लिया। बाद में BSNL को उसी दाम पर स्पेक्ट्रम मिले, जिस दाम पर निजी कंपनियों को मिले थे।
  • BSNL को वायमैक्स तकनीक पर आधारित ब्रॉडबैंड वायरेलस ऐक्सेस (BWA) स्पेक्ट्रम के लिए भी भारी रकम देनी पड़ी। इसका सीधा असर BSNL की आर्थिक स्थिति पर पड़ा।
  • देश में मोबाइल क्रांति जोर पकड़ने के साथ ही लैंडलाइन कनेक्शन में तेजी से गिरावट हुई। 2006-07 में BSNL के 3.8 करोड़ लैंडलाइन ग्राहक थे, जो 2014-15 में घटकर 1.6 करोड़ रह गए।
  • 4जी स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई तब भी BSNL को बाहर रखा गया। इस देरी के कारण जहां प्राइवेट कंपनियों देश में 5G रोलआउट कर चुकी हैं, वहीं BSNL 4G पर ही अटककर रह गई।

देश में अभी 116 करोड़ से ज्यादा मोबाइल सब्सक्राइबर्स
भारत में टेलीकॉम कंपनियों का लेखा-जोखा रखने वाली संस्था टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के फरवरी 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2024 के मुकाबले फरवरी में देशभर में 39,30,625 मोबाइल सब्सक्राइबर्स बढ़े। जनवरी में जहां देशभर में 116.07 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स थे, फरवरी में उनकी संख्या बढ़कर 116.46 करोड़ हो गई।

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