केंद्र सरकार ने किया ऐलान, विक्रम मिस्री होंगे देश के नए विदेश सचिव
मौजूदा वक्त में विदेश सचिव के पद पर विनय मोहन क्वात्रा आसीन हैं. हालांकि उनका कार्यकाल इस साल 30 अप्रैल को ही खत्म हो गया था, लेकिन पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनका कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ा दिया था. बता दें कि विनय क्वात्रा ने साल 2022 में विदेश सचिव का कार्यकाल संभाला था.
मोदी सरकार ने तीसरे कार्यकाल में नए अफसरों की नियुक्तियां भी शुरू कर दी हैं. तीसरे कार्यकाल के शुरुआती महीने में ही देश को नया विदेश सचिव भी मिल गया है. दरअसल शुक्रवार को सरकार ने देश के डिप्टी NSA विक्रम मिस्री को अगला विदेश सचिव बनाने की घोषणा कर दी है. कार्मिक मंत्रालय ने उनके नियुक्ति का आदेश जारी करते हुए बताया कि 15 जुलाई से विक्रम मिस्त्री देश के विदेश सचिव होंगे.
मौजूदा वक्त में विदेश सचिव के पद पर विनय मोहन क्वात्रा आसीन हैं. हालांकि उनका कार्यकाल इस साल 30 अप्रैल को ही खत्म हो गया था, लेकिन पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनका कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ा दिया था. बता दें कि विनय क्वात्रा ने साल 2022 में विदेश सचिव का कार्यकाल संभाला था.
कार्मिक मंत्रालय ने जारी किया आदेश
कार्मिक मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में डिप्टी NSA विक्रम मिस्री की विदेश सचिव के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही डिप्टी NSA के रूप में विक्रम मिस्री के कार्यकाल को भी कम करने को मंजूरी दे दी.
मिस्री के बैकग्राउंड की बात करें तो वह सफल डिप्लोमैट रहे हैं. उन्होंने तीन भारतीय प्रधानमंत्रियों, इंद्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में कार्य किया है. चीन पर विदेश मंत्रालय के अग्रणी विशेषज्ञों में से एक रहे हैं और उनकी सबसे हालिया भूमिका बतौर राजदूत बीजिंग में थी.
जनवरी 2022 में, उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में नियुक्त किया गया. वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी ने पूर्वी लद्दाख में 2020 के गतिरोध और उसके बाद भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच गलवान घाटी में झड़प के बाद चीन में शी जिनपिंग प्रशासन के साथ संचार बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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