जांभाणी संस्कार शिविर के तृतीय सत्र में योगाभ्यास करवाया, स्वास्थ्यवर्धक बातों की जानकारी दी
नोखा
जांभाणी साहित्य अकादमी बीकानेर एवं बिश्नोई धर्मशाला सेवा संस्थान नोखा के तत्वावधान में पांच दिवसीय संस्कार शिविर के तीसरे दिन की शुरुआत योग प्रशिक्षण से हुई।
शिविर में योग प्रशिक्षक रमेश व्यास, चंपालाल, हरिओम एवं प्राध्यापक बद्री प्रसाद कुमावत ने सभी विद्यार्थियों को सर्वप्रथम योगाभ्यास करवाया एवं विविध योगासनों से शरीर पर पड़ने वाले स्वास्थ्य वर्धक लाभों के बारे में जानकारी दी। उसके उपरांत होने वाले संस्कार दीक्षा कार्यक्रम में अपने संबोधन में बोलते हुए प्रमुख विद्वान वक्ता डा. रामस्वरूप झंवर ने कहा कि धर्म और संस्कृति के प्रति जन जन में चेतना जागृत करने में सद्साहित्य की अहम् भूमिका होती है, जिसके संरक्षण की जिम्मेवारी प्रत्येक मनुष्य की है। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक भगवाना राम डेलू ने कहा कि यदि आपको जीवन में सफल होना है तो अपने आप को अनुशासन के सांचे में ढालना होगा। जिस विद्यार्थी की अनुशासन पर पकड़ नहीं होती उसके जीवन में सफल होने की कोई गुंजाइश नहीं रहती। रामकिशन डेलू ने बालकों के व्यक्तित्व निर्माण से संबंधित नैतिक सिद्धांतों के बारे में बताया।
शिक्षक रामसिंह कस्वां ने गुरु जंभेश्वर भगवान के द्वारा धर्म प्रचार के लिए स्थापित किए गए अष्टधामों एवं साथरियों सहित पंथ के गौरवशाली अतीत की चर्चा की। मंच संचालक प्रेमकुमार भादू, हरिराम खीचड़, सुभाष बिश्नोई, रामनिवास जाखड़, राजाराम बिश्नोई आदि ने बच्चों की मानसिक योग्यता परख परीक्षा में अपना सहयोग दिया। शिविर में भाग ले रहे बालक बालिकाओं में हुई एकल गायन प्रतियोगिता में आंचल डेलू प्रथम मनीषा खीचड़ द्वितीय एवं रचना भांभू तृतीय रही, वहीं संभाषण में एंजल गोदारा प्रथम, बजरंग भांभू द्वितीय तथा गुंजन भादू तृतीय रहे। गायक मनीराम गोदारा ने भजनों की प्रस्तुति दी।
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