CRPF के जवान का अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि:5 किलोमीटर की तिरंगा यात्रा निकाली, पार्थिव देह देखकर बिलख पड़ीं मां और पत्नी
राजस्थान के सीआरपीएफ जवान सुरेंद्र यादव (41) की दो दिन पहले नगालैंड में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। बुधवार को अलवर के बानसूर में जवान के पैतृक गांव बालावास में जानकी दास की ढाणी में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। जवान सुरेंद्र यादव के 15 साल के बेटे वीरेंद्र ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान लोगों ने ‘सुरेंद्र यादव अमर रहे’ के नारे लगाए।
इससे पहले, अलवर के बानसूर थाने से जवान के पैतृक गांव बालावास तक 5 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। जवान के घर में जब उनकी पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए रखी गई तो उनकी मां और पत्नी बिलख पड़ीं। परिवार और रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला।
बुधवार शाम करीब 4:30 बजे जवान सुरेंद्र यादव का अंतिम संस्कार किया गया। उनके 15 साल के बेटे वीरेंद्र ने उन्हें मुखाग्नि दी।
बेटे की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन करते समय जवान की मां बिलख पड़ीं।
सितंबर में छुट्टी से लौटे थे तहसीलदार गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया- बालावास की जानकी दास की ढाणी निवासी सुरेंद्र यादव नगालैंड के तिनसुकिया में तैनात थे। सुरेंद्र यादव 2004 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। वे 17 सितंबर को 15 दिन की छुट्टी बिताकर वापस गए थे। जवान को सोमवार को हार्ट अटैक आया था और मौत हो गई थी। मंगलवार को चचेरे भाई के पास यूनिट से कॉल आया था। जवान की पार्थिव देह बुधवार दोपहर 2 बजे बानसूर लाई गई थी।
सुरेंद्र के बेटे वीरेंद्र के अलावा बेटी नीतू (17) भी है। बेटा 11वीं और बेटी 12वीं क्लास में पढ़ते हैं। जवान के पिता शंकरलाल यादव और छोटा भाई जले सिंह गांव में खेती करते हैं।
जवान को अंतिम विदाई की PHOTOS…
सीआरपीएफ के जवानों ने सैन्य सम्मान के साथ सुरेंद्र यादव को अंतिम विदाई दी।
सीआरपीएफ अधिकारी ने जवान सुरेंद्र यादव के पिता शंकरलाल यादव और बेटे वीरेंद्र को तिरंगा सौंप कर सैल्यूट किया।
पंचायत समिति प्रधान सुमन यादव, एसडीएम अनुराग हरित और थाना प्रभारी सुरेंद्र मलिक ने पुष्प चक्र अर्पित कर विदाई दी।
बानसूर विधायक देवीसिंह शेखावत ने सुरेंद्र यादव की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर विदाई दी।
जवान सुरेंद्र यादव के घर से शाम 3:45 बजे उनकी अंतिम यात्रा अंत्येष्टि स्थल के लिए रवाना हुई।
पिता के अंतिम दर्शन करते समय बेटी नीतू को संभालते रिश्तेदार और ग्रामीण।
जवान सुरेंद्र यादव की पार्थिव देह पर उनकी पत्नी की चूड़ी तुड़वाते हुए देवर जलेसिंह यादव।
बुधवार दोपहर करीब 3:15 बजे जवान सुरेंद्र यादव की पार्थिव देह के साथ तिरंगा यात्रा उनके गांव बालावास पहुंची।
जवान की मौत की सूचना के बाद बालावास की जानकी दास की ढाणी में उनके घर पर जुटे लोग।
बानसूर थाने से दोपहर 2:30 बजे ‘सुरेंद्र यादव अमर रहे’ के नारे के साथ तिरंगा यात्रा रवाना हुई थी।
गांव बालावास के बाहर ही तिरंगा यात्रा के लिए तैयारी की गई थी, क्योंकि पहले परिवार को जवान की मौत की सूचना नहीं दी गई थी।
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