NEET-सिपाही भर्ती पेपर लीक के पीछे बाप-बेटे की जोड़ी:बिहार का संजीव मास्टरमाइंड; UP, MP, हरियाणा तक नेटवर्क
नई दिल्ली
NEET, UP में सिपाही भर्ती और बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा, तीनों के पेपर लीक हुए। पुलिस ने जांच शुरू की, तो सभी में एक नाम सामने आया- संजीव उर्फ मुखिया। पुलिस के मुताबिक, बिहार के नालंदा में रहने वाले संजीव का देशभर में नेटवर्क है। कहीं भी पेपर लीक हो, उससे संजीव का कनेक्शन जरूर मिलता है।
संजीव ने पहली बार 2016 में NEET का पेपर लीक करने की कोशिश की थी। तब उत्तराखंड पुलिस ने उसे अरेस्ट किया था। वो जमानत पर बाहर आया और फिर पुलिस उसे कभी पकड़ नहीं पाई। संजीव का डॉक्टर बेटा शिवकुमार भी पेपर लीक गैंग में शामिल है। उसके पास ऐसे एक्सपर्ट हैं, जो पेपर के बॉक्स बिना सील तोड़े खोल सकते हैं। शिवकुमार अभी पुलिस की गिरफ्त में है।
बिहार में NEET के पेपर लीक का दावा, सरकार का इनकार
NEET एग्जाम में गड़बड़ी के आरोपों के बीच सबसे बड़ा सवाल है कि क्या इसका पेपर लीक हुआ है। एग्जाम कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, यानी NTA और केंद्र सरकार पेपर लीक की बात मानने को तैयार नहीं हैं। एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने 13 जून, 2024 को मीडिया से कहा कि पेपर लीक के कोई सबूत नहीं हैं।
तीन दिन बाद 16 जून को न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में एजुकेशन मिनिस्टर ने पहली बार गड़बड़ी की बात मानी। उन्होंने कहा, ‘NEET के संबंध में दो जगह कुछ गड़बड़ियां सामने आई हैं। मैं छात्रों को आश्वस्त करता हूं कि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। NTA के अधिकारी दोषी पाए गए, तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।’
उधर, बिहार में पेपर लीक के आरोपी अरेस्ट किए जा रहे हैं। पुलिस के पास पूरी कहानी है कि पेपर कब और कैसे लीक हुए। पेपर लीक करने वाले गैंग के लिंक UP, गुजरात और दिल्ली तक मिल रहे हैं।
UP, बिहार और गुजरात में पेपर लीक के दावों की पड़ताल की। इसमें जो फैक्ट मिले, उससे पेपर लीक का दावा पुख्ता होता है। गुजरात के गोधरा, बिहार के पटना और दिल्ली में एग्जाम वाले दिन हुई गड़बड़ियों पर FIR भी दर्ज हुई हैं।
पटना में दर्ज FIR से साफ पता चलता है कि पेपर लीक कराने वाली गैंग को पहले ही NEET के सवाल मिल गए थे। पटना में स्टूडेंट्स को एक जगह रुकवाकर सवालों के जवाब रटवाए गए। वहीं, गोधरा में तो एग्जाम सेंटर ही सेट कर दिया गया। आरोपियों ने कैंडिडेट के लिए जवाब लिखने के लिए 10 लाख रुपए तक वसूले।
NEET के अलावा उससे पहले हुई दो बड़ी परीक्षाओं UP में पुलिस भर्ती और बिहार में टीचर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के पैटर्न की पड़ताल की। इसमें तीन बातें एक जैसी मिलीं।
1. पेपर लीक कराने से लेकर स्टूडेंट्स से पैसों की डील करने का पैटर्न एक ही है। तीनों एग्जाम में पेपर लीक कराने वालों में कुछ नाम कॉमन हैं।
2. तीनों केस में ट्रांसपोर्टेशन के दौरान पेपर लीक करने की बात सामने आई है।
3. गैंग ने स्टूडेंट्स से एडवांस पैसे लेने के साथ उनकी मार्कशीट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, चेक बुक और दूसरे डॉक्यूमेंट ले लिए। पेपर मिलते ही सेफ हाउस में ले जाकर रात में जवाब रटवाए गए।
पड़ताल की शुरुआत UP पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा से शुरू की। ये परीक्षा 17-18 फरवरी, 2024 को हुई थी। इसके जरिए 60,244 पदों के लिए भर्ती होनी थी। करीब 48 लाख कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी।
परीक्षा से दो दिन पहले ही इसका पेपर लीक हो गया था। इसके बाद पूरी प्रोसेस रद्द कर दी गई। पेपर लीक कराने में दो लोग शामिल थे। पहला रवि अत्री और दूसरा राजीव नयन मिश्रा।
राजीव नयन मिश्रा को UP-STF ने 3 अप्रैल, 2024 को अरेस्ट किया था। उससे पूछताछ के बाद 10 अप्रैल को रवि अत्री को गिरफ्तार किया गया। रवि से पूछताछ में पेपर लीक कराने वाले नेटवर्क का खुलासा हुआ। रवि अत्री से पूछताछ की इंटरनल जांच रिपोर्ट है। इसी रिपोर्ट से रवि अत्री का बिहार में संजीव से कनेक्शन का पता चला।
NEET और शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का मास्टरमाइंड एक
बिहार में NEET पेपर लीक के दावे की पड़ताल की। पुलिस के सूत्रों से पता चला है कि इस गड़बड़ी में संजीव उर्फ मुखिया का हाथ है। संजीव बिहार में NEET पेपर लीक के साथ ही शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का भी मास्टरमाइंड है।
संजीव का 26 साल का बेटा डॉ. शिव कुमार उर्फ बिट्टू 2017 में NEET UG पेपर लीक मामले में पकड़ा गया था। जेल से बाहर आने के बाद वो फिर पेपर लीक गैंग से जुड़ गया।
ये नेटवर्क बिहार-UP के अलावा हरियाणा और मध्य प्रदेश में भी काम करता है। संजीव और शिवकुमार UP पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक में भी शामिल थे। शिवकुमार ने अपने साथ पढ़े डॉ. शुभम मंडल को पेपर बॉक्स का लॉक तोड़ने के लिए पटना से अहमदाबाद भेजा था।
बिहार टीचर भर्ती पेपर लीक केस में शिवकुमार को 20 अप्रैल को मध्य प्रदेश के उज्जैन से अरेस्ट किया गया था। वहीं, संजीव अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है।
संजीव की अपने इलाके में अच्छी पकड़ है। 2020 में उसने पत्नी ममता को लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर हरनौत विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाया था। हालांकि ममता को JDU के हरिनारायण सिंह ने 27 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया था।
संजीव नालंदा जिले के बलवा गांव का रहने वाला है। उसकी पत्नी ने 2020 में चुनाव लड़ा था। उन्हें 38,163 वोट मिले थे। वे दूसरे नंबर पर रही थीं
पुलिस के मुताबिक, संजीव और शिवकुमार ने शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराया था। उन्हें पता चला कि पेपर का ट्रांसपोर्टेशन DTDC कूरियर कंपनी करने वाली है। वे कंपनी को गाड़ियां मुहैया कराने वाले श्रीनिवास चौधरी से मिले। उसे लालच देकर मैनेज कर लिया।
12 मार्च को अपने साथी राहुल पासवान और श्रीनिवास की मदद से ट्रांसपोर्टेशन के दौरान ही बॉक्स से पेपर निकाला और स्कैन कर लिया। पेपर लीक होने के बाद ये परीक्षा रद्द कर दी गई थी। इसके लिए 5.81 लाख कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया था।
पेपर लीक कराने का पैटर्न क्या है?
पेपर लीक का पैटर्न जानने के लिए UP-STF ने रवि अत्री और राजीव नयन मिश्रा से पूछताछ की थी। उन्होंने बताया कि बिहार, लखनऊ और हरियाणा नेटवर्क के साथ मिलकर दोनों ने एक साल में कई परीक्षाओं के पेपर लीक कराए। इनमें UP RO/ARO भर्ती परीक्षा, UP सिपाही भर्ती परीक्षा, बिहार टीचर भर्ती परीक्षा, हरियाणा पशु चिकित्सा भर्ती, हरियाणा अंग्रेजी टीचर भर्ती और सीटेट शामिल है।
रवि अत्री ने बताया कि बिहार टीचर भर्ती परीक्षा पेपर लीक में संजीव, उसका बेटा शिवकुमार, विशाल चौरसिया, अजीत चौहान के अलावा कई और लोग शामिल थे।
पेपर लीक करने के लिए गैंग पहले पता करता है कि किस राज्य में कौन सी बड़ी परीक्षा होने वाली है। फिर वे पता लगाते हैं कि पेपर किस राज्य में प्रिंट हो रहा है। पेपर का ट्रांसपोर्टेशन कैसे होगा। पेपर की प्रिंटिंग कहां और किस कंपनी में हो रही है।
गैंग के सरगना पेपर लीक करने की सेटिंग जमाते हैं
पेपर लीक कराने की जिम्मेदारी नेटवर्क के टॉप लेवल के लोगों के पास होती है। इनमें बिहार से संजीव, उसका बेटा शिवकुमार, UP से रवि अत्री, राजीव नयन मिश्रा, डॉ. शरद, डॉ. शुभम मंडल शामिल हैं। इनमें संजीव के अलावा बाकी सब अभी जेल में हैं।
ये लोग पैसों का लालच देकर प्रिंटिंग कराने वाली और ट्रांसपोर्टेशन कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को टारगेट करते थे। UP पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के उदाहरण से इसे समझते हैं।
रवि अत्री को पता चल गया था कि पेपर की प्रिंटिंग गुजरात के अहमदाबाद में हो रही है। वहां से TCI एक्सप्रेस (Transport Corporation of India Pvt. Ltd) के जरिए सील पेपर बॉक्स को UP पहुंचाया जाना है।
रवि अत्री ने इस कंपनी में काम कर चुके अभिषेक से बात की। अभिषेक ने वेयर हाउस के दो कर्मचारियों शिवम गिरि और रोहित पांडे को सेट किया। उन्हें बताया कि पेपर के बॉक्स पर नॉर्मल टेप नहीं, बल्कि स्टील का टेप लगा होता है। उस पर कॉन्फिडेंशियल लिखा होता है। ऐसा कोई भी बॉक्स आए, तो तुरंत फोटो भेजना।
परीक्षा से एक हफ्ते पहले वेयर हाउस में वैसा ही एक बॉक्स पहुंचा। शिवम और रोहित ने उसकी फोटो अभिषेक को भेजी। अभिषेक ने ये फोटो राजीव नयन और रवि अत्री को भेजी।
एग्जाम के पेपर ऐसे सील बंद बॉक्स में भेजे जाते हैं। ये फोटो 4 फरवरी, 2024 को ली गई थी।
वेयर हाउस में बिना सील लॉक तोड़े पेपर निकालना मुश्किल था। रवि अत्री ने इसके लिए बिहार नेटवर्क से कॉन्टैक्ट किया। यहां संजीव के बेटे शिवकुमार से बात हुई। शिवकुमार ने अपने दोस्त डॉ. शुभम मंडल को लॉक तोड़ने का स्पेशलिस्ट बताया। इसके बाद रवि अत्री ने उसी दिन 20 हजार रुपए में पटना से अहमदाबाद की फ्लाइट में टिकट बुक कराई।
डॉ. शुभम मंडल को एयरपोर्ट से रिसीव कर सीधे TCI एक्सप्रेस के वेयर हाउस ले जाया गया। वहां शिवम और रोहित की मदद से डॉ. शुभम मंडल वेयर हाउस में घुसा। उसने पेंच खोलकर बॉक्स खोल दिया और बिना सील तोड़े पेपर के सेट निकाल लिए।
मोबाइल से पेपर के फोटो लिए और फिर से बॉक्स बंद कर दिया। इसके बाद पेपर के फोटो रवि अत्री और राजीव नयन को भेजे। इस तरह रवि अत्री और संजीव के नेटवर्क ने मिलकर UP पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया था।
स्टूडेंटस तलाशने और जवाब रटवाने वाली टीम अलग
पेपर लीक करने के बाद दूसरे लेवल का नेटवर्क स्टूडेंट्स की तलाश करता है। नेटवर्क के लोग पहले से कोचिंग इंस्टीट्यूट और गैंग से जुड़े होते हैं। इनकी पहले से स्टूडेंट्स से डील होती है।
उन्हें बताया जाता है कि अगर पेपर मिल गया तो 20 से 30 लाख रुपए लगेंगे, लेकिन पेपर पढ़वाने से पहले सब सीक्रेट रखा जाएगा। 50 हजार से 1 लाख रुपए एडवांस लगेंगे। इसके साथ ही स्टूडेंट को असली मार्कशीट, सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, पैन कार्ड और चेक देने होंगे।
ये NEET केस के एक आरोपी का कबूलनामा है।
जवाब रटवाने के लिए स्टूडेंट्स को किसी सीक्रेट जगह पर एग्जाम होने तक रखा जाएगा और सभी के फोन बंद रहेंगे। इसके लिए दिल्ली पुलिस में रह चुके विक्रम पहल का नेटवर्क काम करता है। हर बड़े शहर में उसका नेटवर्क है।
मध्य प्रदेश और हरियाणा में सवालों के जवाब रटवाए
UP-STF की रिपोर्ट में बताया गया है कि मध्य प्रदेश के रीवा में शिव महाशक्ति होटल और हरियाणा के मानेसर में नेचर वैली रिसॉर्ट में पेपर रटवाया गया था। सभी कैंडिडेट्स के फोन ले लिए गए। मानेसर में एक स्टूडेंट ने चुपके से मोबाइल अपने पास रख लिया। उसने अंदर का कुछ सेकेंड का वीडियो बना लिया। ये वीडियो बाद में दोस्तों को भेजा। इससे पेपर लीक का खुलासा हुआ था।
ये फोटो मानेसर की बताई जा रही है। दावा है कि कैंडिडेट्स को यहां के नेचर वैली रिसॉर्ट में बुलाकर पेपर में आने वाले सवालों के जवाब रटवाए गए थे। एक कैंडिडेट ने इसका वीडियो बना लिया था।
अब जानिए NEET में गड़बड़ी के तीन केस
बिहार में पेपर लीक, गुजरात में पेपर सॉल्व करने के लिए पैसे लिए, दिल्ली में सॉल्वर पकड़ाए
पहला केस: पटना, बिहार
20-25 लड़कों को पेपर रटवाया, NEET में वही सवाल आए
इस मामले में 5 मई, 2024 को पटना के शास्त्री नगर थाने में FIR दर्ज की गई थी। इसी दिन NEET का एग्जाम हुआ था। FIR में लिखा है कि NEET एग्जाम में एक संगठित गिरोह, कुछ स्टूडेंट और परीक्षा कराने वालों की मिलीभगत की वजह से पेपर लीक हुआ है।
झारखंड के नंबर वाली सफेद रंग की रेनो डस्टर गाड़ी में गिरोह के लोग एग्जाम सेंटर के पास मौजूद थे। चेकिंग के दौरान इस गाड़ी को रोका गया। ड्राइवर के साथ दो लोगों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
कार की तलाशी में कार से चार एडमिट कार्ड की फोटो कॉपी मिली। पुलिस ने इस मामले में नीतीश, रॉकी, अखिलेश कुमार, सिकंदर यादवेंदु, आयुष राज, संजीव सिंह, शिवकुमार, अमित आनंद को आरोपी बनाया है।
NEET का एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स को पटना के लर्न बॉयज हॉस्टल और लर्न प्ले स्कूल में रखा गया था। 4 और 5 मई की रात उन्हें क्वेश्चन पेपर और आंसर दिए गए थे।
एक आरोपी जूनियर इंजीनियर, NEET के सवाल पहले मिलने की बात कबूली
एक आरोपी सिकंदर यादवेंदु ने एग्जाम से पहले सवाल मिलने की बात कबूल की है। 56 साल का सिकंदर जूनियर इंजीनियर है। उसने पुलिस को बताया कि हमारे स्टूडेंट पटना के अलग-अलग सेंटर पर एग्जाम दे रहे हैं। मैंने संजीव सिंह, रॉकी, नीतीश और अमित आनंद के जरिए NEET एग्जाम की सेटिंग कराई थी। वे लोग हमारे स्टूडेंट को सवालों के जवाब पढ़वाने ले गए थे।’
इनमें शामिल एक स्टूडेंट आयुष राज डीएवी पब्लिक स्कूल, BSEB कॉलोनी के रूम नंबर 28 में एग्जाम दे रहा था। आयुष ने कबूल किया, ‘रामकृष्णनगर थाना के खेमनीचक में लर्न बॉयज हॉस्टल और लर्न प्ले स्कूल में 4 और 5 मई की रात क्वेश्चन पेपर और आंसर दिए गए थे। एग्जाम में सभी सवाल वही आए। मेरे अलावा 20-25 और स्टूडेंट्स को जवाब के साथ पेपर दिया गया और कहा कि जवाब याद कर लो।’
मामले में FIR दर्ज होने के बाद बिहार पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट जांच कर रही है। जांच के लिए NTA से डॉक्यूमेंट मांगे गए हैं।
दूसरा केस: गोधरा
पेपर सॉल्व करने के बदले 10 लाख रुपए लिए
गुजरात के गोधरा में NEET एग्जाम के तीन दिन बाद 8 मई को FIR दर्ज की गई। ये FIR गोधरा के जिला शिक्षा अधिकारी किरीट कुमार मणिलाल पटेल ने दर्ज कराई। FIR के मुताबिक, गोधरा के जय जलाराम स्कूल में फिजिक्स टीचर तुषार भाई रजनीकांत भट स्कूल में होने वाले एग्जाम के लिए डिप्टी सुपरिनटैंडेंट बनाए गए थे।
शिक्षा विभाग की टीम ने तुषार भाई के फोन की जांच की, तो 16 स्टूडेंट्स के रोल नंबर की लिस्ट मिली। ये लिस्ट वॉट्सऐप चैट पर रॉय ओवरसीज नाम से कोचिंग सेंटर चलाने वाले परशुराम रॉय ने भेजी थी। परशुराम राय भी केस में आरोपी है।
तुषार के फोन से दो लिस्ट मिलीं। एक लिस्ट में 20 स्टूडेंट के नाम नीले रंग से और 6 स्टूडेंट के नाम रेड मार्क किए थे। पुलिस को तुषार भाई की कार से दो बैग भी मिले, जिनमें 7 लाख रुपए रखे थे। तुषार भाई को ये रुपए तीसरे आरोपी आरिफ वोहरा ने दिए थे।
जिला शिक्षा अधिकारी किरीट कुमार ने बताया, ‘तुषार ने हर कैंडिडेट से पेपर सॉल्व करने के लिए 10 लाख रुपए लिए थे। स्टूडेंट्स को पहले ही बता दिया था कि वे उन्हीं सवालों को OMR शीट में फिल करें जिनके जवाब उन्हें सही-सही पता हैं। बाकी सारे सवालों के लिए शीट खाली छोड़ दें। एग्जाम के बाद खाली सीट भरी गईं।’
पुलिस ने इस केस में दो और लोगों को अरेस्ट किया है। इनमें स्कूल प्रिंसिपल पुरुषोत्तम शर्मा और एजुकेशन कोच विभोर आनंद शामिल हैं। विभोर आनंद बिहार का रहने वाला है और अभी गुजरात के वडोदरा में रहता है।
पुलिस के मुताबिक, विभोर आनंद सोशल मीडिया के जरिए दूसरे राज्यों के स्टूडेंट्स से बात करता था। इसके बाद चुनिंदा स्टूडेंट्स को परशुराम रॉय के पास भेजता था। परशुराम रॉय अपने नेटवर्क के जरिए आगे का काम करता था।
परशुराम रॉय की लिस्ट में जिन स्टूडेंट्स के नाम हैं, वे ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक से हैं। सभी ने गोधरा के जय जलाराम स्कूल को प्रेफर्ड सेंटर के तौर पर चुना था।
तीसरा केस: नई दिल्ली
नकली स्टूडेंट बनकर एग्जाम दिया, पकड़े गए
दिल्ली के केजी मार्ग पर भारतीय विद्या भवन में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने एग्जाम सेंटर बनाया था। यहां सुपरिनटैंडेंट रहे अजय भारद्वाज बताते हैं, ‘एग्जाम खत्म होने वाला था, तभी हमें NTA से खबर मिली कि एग्जाम दे रहे दो स्टूडेंट की पहचान गलत है। ये नकली स्टूडेंट हो सकते हैं। इन दोनों के नाम और रोल नंबर थे-
1. जय राजेश कौशिक, रोल नंबर- 2002170130
2. आकाश अस्तान, रोल नंबर- 2002170276
केस में दर्ज FIR के मुताबिक, स्कूल में दो स्टूडेंट्स कृष्णा केसरवानी और सुमित मंडोलिया को बुलाया गया। सेंटर सुपरिनटैंडेंट अजय भारद्वाज ने बताया कि सुमित मंडोलिया जय राजेश कौशिक की जगह और कृष्णा केसरवानी आकाश अस्तान की जगह पर परीक्षा दे रहे थे। दोनों स्टूडेंट के क्वेश्चन पेपर और एडमिट कार्ड पुलिस ने जब्त कर लिए।
एक्सपर्ट बोले- NEET में बड़ा स्कैम हुआ, जांच से NTA को दूर रखा जाए
RTI एक्टिविस्ट विवेक पांडे बताते हैं, ‘ये पहली बार नहीं है, जब NEET के एग्जाम में धांधली के आरोप लग रहे हैं। 2016, 2017, 2018 के बाद अब 2024 में बड़े स्तर पर धांधली के आरोप लगे हैं।’
NEET मामले में सुप्रीम कोर्ट में 10 याचिकाएं लगाई गई हैं। इन्हें अलग-अलग राज्यों के स्टूडेंट्स ने दायर किया है। इनमें से एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रख रहे वकील मैथ्यू नेदुमपारा कहते हैं, ‘हमारा फोकस एक ही बात पर है कि एग्जाम प्रोसेस से स्टूडेंट्स का भरोसा उठ गया है। NEET एग्जाम को कैंसिल किया जाना चाहिए, क्योंकि दूसरा विकल्प नहीं है।’
‘एग्जाम के पहले पेपर लीक हो गए। कम से कम 100 स्टूडेंट्स को एग्जाम के पहले ही पेपर और आंसर मिल गए थे। बाकी ग्रेस मार्क का मुद्दा भी है, लेकिन पेपर लीक ज्यादा अहम है।’
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