SPORTS / HEALTH / YOGA / MEDITATION / SPIRITUAL / RELIGIOUS / HOROSCOPE / ASTROLOGY / NUMEROLOGY

सेहतनामा- क्या कब्ज की वजह से बढ़ता वजन:मोटापा नहीं, कई लाइफ स्टाइल बीमारियों का कारण कब्ज, रोज खाएं 30 ग्राम फाइबर

TIN NETWORK
TIN NETWORK

सेहतनामा- क्या कब्ज की वजह से बढ़ता वजन:मोटापा नहीं, कई लाइफ स्टाइल बीमारियों का कारण कब्ज, रोज खाएं 30 ग्राम फाइबर

अगर कुछ दिन आपका पेट ठीक से साफ न हो तो आप महसूस करेंगे कि आप थोड़े थुलथुल हो रहे हैं। शरीर में भारीपन महसूस होगा। लगेगा कि वजन बढ़ गया है। आपके दिमाग में सवाल उठ सकता है कि भला कॉन्स्टिपेशन यानी कब्ज का मोटापे से क्या कनेक्शन है?

इसका जवाब है कि कनेक्शन है और काफी गाढ़ा है। असल में जो-जो कारण कब्ज के लिए जिम्मेदार हैं, वे सभी कारण वेट गेन यानी मोटापे के लिए भी जिम्मेदार हैं।

चूंकि कॉन्स्टिपेशन दुनिया और भारत में बड़ी हेल्थ समस्याओं में से एक है तो इस बारे में बात करना जरूरी हो जाता है। मोटापा एक कॉम्प्लेक्स डिजीज है और इससे कई तरह की लाइफ स्टाइल बीमारियां हो सकती हैं।

इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे कॉन्स्टिपेशन और वेट गेन के कनेक्शन की। साथ ही जानेंगे कि-

  • कब्ज होने पर वजन क्यों बढ़ने लगता है?
  • कब्ज के कारण बढ़ रहा वजन कैसे कम कर सकते हैं?

कब्ज से वेट गेन क्यों होता है?
अगर एक हफ्ते में तीन से कम बार पेट पूरी तरह साफ नहीं होता है तो इसे कॉन्स्टिपेशन कह सकते हैं।

इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) जैसी पुरानी बीमारियां कब्ज का कारण बन सकती हैं। इन बीमारियों में लाइफ स्टाइल में कई बदलाव करने के बावजूद कब्ज से बचना मुश्किल हो जाता है। स्ट्रेस भी कब्ज का कारण हो सकता है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में कब्ज की समस्या खराब लाइफ स्टाइल के कारण होती है। खराब लाइफ स्टाइल का मतलब पूरी नींद न लेने, पानी कम पीने और ज्यादा तला-भुना खाने जैसी आदतों से है।

डाइट में फाइबर की कमी
भोजन में फाइबरयुक्त चीजें न खाने से हमें इसके पाचन में मुश्किल होती है। फाइबर न खाने से बाउल मूवमेंट भी नहीं होता है। इसलिए कॉन्स्टिपेशन की समस्या हो जाती है। हमारी आदत है कि चावल, रोटी जैसे कार्ब तो खूब खाते हैं पर फाइबर से भरपूर सलाद, फल, सब्जियां कम खाते हैं।

बैड फैट डाइट लेना
बैड फाइट का मतलब रिफाइंड और पाम ऑयल से है। यह फैट हमारी गट हेल्थ के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। इससे पाचन प्रभावित होता है। नतीजतन कब्ज की समस्या हो जाती है।

ग्लूटेन रिच खाना
ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो गेहूं, जौ में पाया जाता है। यह लसलसा पदार्थ होता है, जो खाने को एक खास स्वाद और मुलायमियत भी देता है। हालांकि यह हमारी गट हेल्थ के लिए अच्छ नहीं है। इसका अधिक सेवन कब्ज की समस्या पैदा कर सकता है।

खराब फूड पैटर्न
खराब फूड पैटर्न का मतलब हमें यह पता नहीं है कि किस समय पर क्या खाना चाहिए। सुबह प्रोटीनयुक्त चीजें खानी चाहिए, तब कार्ब्स खा रहे हैं। दिन में भरपूर भोजन करना चाहिए, तब खाली पेट रह रहे हैं। डिनर में हल्का खाना होना चाहिए तो उस समय हैवी प्रोटीन खा रहे हैं। इससे गट हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है और कब्ज जैसी समस्याएं पनपती हैं।

एक्सरसाइज न करना
हमारे पाचन तंत्र, गट हेल्थ और यहां तक कि बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी प्रतिदिन एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। एक्सरसाइज करने से बाउल मूवमेंट होता है। खाने का पाचन बेहतर होता है तो कब्ज जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

कम पानी पीना
कम पानी पीने से शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है, जो गंभीर कब्ज की समस्या पैदा कर सकता है। शरीर में पानी कम होने से मल गाढ़ा हो जाता है। इससे मल त्याग में मुश्किल आती है।

अगर कब्ज बना हुआ है तो वेट गेन से कैसे बच सकते हैं?
अगर लंबे समय से कब्ज का सामना कर रहे हैं और वेट गेन से बचना चाहते हैं तो ये प्रयास कर सकते हैं:

  • खानपान में लिक्विड इनटेक बढ़ाएं।
  • तरबूज, अजमोदा और अनानास जैसे ज्यादा पानी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • दलिया, सेब और गोभी जैसे फाइबरयुक्त फूड खाएं।
  • एनिमल प्रोटीन कम करके उसकी जगह प्रोटीन के लिए दालें खा सकते हैं क्योंकि प्लांट बेस्ड प्रोटीन में फाइबर भी मौजूद होता है।
  • फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं। भोजन करने के बाद जरूर टहलें।
  • समस्या बढ़ रही है तो ओवर-द-काउंटर फाइबर सप्लीमेंट ले सकते हैं।
  • अगर जरूरत पड़े तो ओवर-द-काउंटर लैक्सेटिव दवाएं भी ले सकते हैं।
  • गहरी सांस लें, ध्यान करें या जर्नलिंग से अपना स्ट्रेस मैनेज करें।

कब्ज की समस्या से बचना है तो क्या करें

  • कब्ज की समस्या का मूल कारण हमारा खराब खानपान है। हमें अपनी जीभ के स्वाद के लिए नहीं बल्कि पेट में रह रहे खरबों दोस्त बैक्टीरिया के लिए उनकी पसंद की चीजें खानी चाहिए। जो खाने को पचाने और हमारी इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं।
  • हमारे गट बैक्टीरिया को फाइबरयुक्त खाना, प्रोबायोटिक्स और हरी पत्तेदार सब्जियां बहुत पसंद हैं।
  • इन्हें पिज्जा, बर्गर और तली-भुनी चीजें बिलकुल पसंद नहीं आती हैं। इन्हें देखते ही मुंह बनाकर बैठ जाते हैं। इनकी नाराजगी का ही नतीजा कब्ज होता है।
  • इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन के मुताबिक एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 30 ग्राम फाइबर खाना चाहिए।

इसलिए पहले ग्राफिक में देखते हैं कि इन्हें क्या खाना पसंद है, फिर देखेंगे कि क्या नहीं पसंद है।

अब ग्राफिक में वे चीजें देखते हैं, जो नहीं खानी हैं।

कब्ज और वजन से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल यानी FAQs

सवाल: किन बाउल सिंड्रोम के कारण वजन बढ़ता है?

जवाब: एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इरिटेबल बाउल सिंड्रोम यानी IBS के चलते वजन बढ़ सकता है और घट भी सकता है। अगर पेट में अल्सर जैसी कोई समस्या हो रही है, तब भी वजन बढ़ सकता है। हालांकि अल्सर की समस्या में आमतौर पर वजन कम होता है।

सवाल: क्या कब्ज के कारण तोंद निकल आती है?

जवाब: कब्ज के कारण गैस और सूजन की समस्या हो सकती है, इससे पेट बढ़ सकता है। हालांकि इसे वेट गेन से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। सूजन के कारण पेट बढ़ा हुआ दिखाई देता है। समस्या ठीक होने पर सामान्य भी हो जाता है।

सवाल: कब्ज के कारण बढ़ रहे वजन से छुटकारा कैसे पा सकते हैं?

जवाब: इसका सीधा जवाब यह हो सकता है कि अगर कब्ज की समस्या दूर हो जाए तो वजन भी नहीं बढ़ेगा। इसके लिए ज्यादा-से-ज्यादा लिक्विड इनटेक, हाई फाइबर फूड्स और डेली एक्सरसाइज करने की जरूरत है। इससे काफी हद तक मदद मिल सकती है।

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!