सेहतनामा- हंसी से व्यायाम तक ऐसे सक्रिय करें हैप्पीनेस हार्मोन:ये हैं नेचुरल पेनकिलर, मोटिवेशन, फोकस और मूड के लिए जिम्मेदार
खुशी को कई फैक्टर प्रभावित करते हैं जैसे वातावरण, रिश्ते और सबसे महत्वपूर्ण है, हमारे दिमाग में मौजूद रसायन। इन्हें अक्सर ‘खुशी के हार्मोन’ या न्यूरोट्रांसमीटर कहा जाता है। ये हमारे मूड, भावनाओं और हमारे टोटल वेलबीइंग को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
न्यूरोट्रांसमीटर ऐसे रासायनिक मैसेंजर हैं, जो दिमाग में न्यूरॉन्स के बीच संकेतों को प्रसारित करते हैं। एंडॉर्फिन, ऑक्सीटोसिन, डोपामिन और सेरोटोनिन खुशी के प्रमुख हार्मोन हैं। इन्हें एक्टिवेट करके हम मानसिक सेहत और खुशी को बढ़ा सकते हैं।
छोटे लक्ष्य प्राप्त करने से भी बढ़ती है खुशी
एंडॉर्फिन : यह प्राकृतिक दर्द निवारक है
एंडॉर्फिन दिमाग के नेचुरल पेनकिलर होते हैं। ये रसायन मूड को सुधारते हैं। स्ट्रेस को कम करते हैं। एंडॉर्फिन दिमाग के उन रिसेप्टर्स से बंधे होते हैं, जो दर्द को दूर करते हैं और आनंद की भावना को ट्रिगर करते हैं।
ऐसे बढ़ाएं: हंसना एंडॉर्फिन को सक्रिय करने का सबसे अच्छा उपाय है। फिजिकल एक्टिविटी, खासकर एरोबिक एक्सरसाइज, एंडॉर्फिन के स्तर को बढ़ाती है। कुछ स्पाइसी फूड्स से भी यह हार्मोन बढ़ता है। दरअसल दिमाग तीखेपन को हल्के दर्द के रूप में मानता है, जो एंडॉर्फिन के उत्पादन को बढ़ाता है।
डोपामिन : प्रेरणा और फोकस के लिए महत्वपूर्ण
यह एक रिवार्ड केमिकल है, जो उपलब्धि या आनंद का अनुभव होने पर रिलीज होता है। यह मोटिवेशन और फोकस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ऐसे बढ़ाएं : छोटे लक्ष्य बनाकर उन्हें प्राप्त करने से यह हार्मोन बढ़ता है। इसके अलावा नई आनंददायक गतिविधियों में शामिल होने एवं उपलब्धियों की खुशी मनाने से भी यह बढ़ता है। भले ही वे कितनी भी छोटी क्यों न हों।
सेरोटोनिन : मूड को नियंत्रित करता है
यह हार्मोन मूड, भूख, और नींद को नियंत्रित करने में मदद करता है। सेरोटोनिन की कमी का संबंध डिप्रेशन से भी पाया गया है।
ऐसे बढ़ाएं: सूरज की रोशनी सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाती है। ऐसे में रोज दिन का कुछ हिस्सा बाहर जरूर बिताएं। कोशिश करें कि पार्क और प्राकृतिक स्थलों पर घूमें। इसके अलावा मेडिटेशन और माइंडफुलनेस गतिविधियां भी सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाती हैं।
ऑक्सीटोसिन : सोशल बॉन्डिंग, इंटीमेसी में महत्वपूर्ण
ऑक्सीटोसिन को अक्सर ‘लव हार्मोन’ कहा जाता है क्योंकि यह सोशल बॉन्डिंग और इंटिमेसी में महत्वपूर्ण रोल निभाता है। यह विश्वास की भावना को बढ़ाता है और एंग्जायटी को दूर करने में मदद करता है।
ऐसे बढ़ाएं: शारीरिक स्पर्श ऑक्सीटोसिन के स्तर को बढ़ाने में बेहद मददगार है। ऐसे में जब भी अवसर मिले, प्रियजनों को गले लगाएं। इसके अलावा मदद करने या आभार व्यक्त करने से भी इसका स्तर बढ़ता है। पालतू जानवरों के साथ खेलना भी इसे बढ़ाने में मदद करता है।
Add Comment