Kargil War: सेना की उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी रिटायर हो गये हैं. कारगिल युद्ध के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल जोशी दो साल से उत्तरी कमान के कमांडर के पद पर थे.
REPORT BY SAHIL PATHAN:लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने आर्मी के नये उप-प्रमुख के तौर पर भारतीय सेना की कमान संभाल ली है. वहीं तीन बड़े सैन्य अफसरों के रिटायरमेंट से थलसेना में बड़ा फेरबदल हुआ है. पूर्वी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने अब सेना के नए सह-प्रमुख का पदभार संभाल लिया है. उनकी जगह अब लेफ्टिनेंट जनरल आर पी कलीता ने ली है. उत्तरी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी के रिटायरमेंट पर उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ले रहे हैं.31 जनवरी यानी सोमवार को सेना के तीन बड़े अफसरों ने लंबी सेवाओं के बाद अपने ‘बूट्स टांग दिए’ यानि उनका रिटायरमेंट हो गया. इनमें साउथ ब्लॉक में सेना मुख्यालय में सह-प्रमुख यानि वाइस चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल सी पी मोहंती थे. राजपूत रेजीमेंट से ताल्लुक रखने वाले लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती पिछले डेढ़ साल से इस पद पर थे और एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के दौरान ‘इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट’ और डिसरेप्टिव टेक्नोलॉजी’ को सेना में शामिल करने में अहम भूमिका निभाई.
जनरल मनोज पांडेय थलसेना की दौड़ में रह सकते हैं सबसे आगे
लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती की जगह अब लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने ली है. फोर्ट विलियम (कोलकता) स्थित सेना की पूर्वी कमान के कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अब सेना में थलसेना प्रमुख, जनरल एम एम नरवणे के बाद सबसे सीनियर अधिकारी हो गए हैं. जनरल नरवणे इसी साल 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं.ऐसे में जनरल नरवणे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल पांडे थलसेना प्रमुख बनने की दौड़ में सबसे आगे रहेंगे. लेफ्टिनेंट जनरल पांडे सेना की इंजीनियरिंग कोर से ताल्लुक रखते हैं. अभी तक थलसेना प्रमुख का पद अमूमन इन्फेंट्री, आर्टलरी और आर्मर्ड कोर के ही अधिकारियों को मिलता आया है.
कारगिल युद्ध के हीरो रहे लेफ्टिनेंट जनरल जोशी भी हुये रिटायर
सेना की उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी भी सोमवार को एक लंबी सर्विस के बाद रिटायर हो गए. कारगिल युद्ध के हीरो रहे लेफ्टिनेंट जनरल जोशी पिछले दो साल से उत्तरी कमान के कमांडर के पद पर थे. इसी दौरान ही पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चीन के साथ भारतीय सेना का तनाव शुरू हुआ और गलवान घाटी की लड़ाई (जून 2019) भी हुई. उनकी जगह अब लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी लेंगे.
डीआईए के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल केजीएस ढिल्लन भी हुए रिटायर
सोमवार को ही डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी (डीआईए) के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल केजीएस ढिल्लन रिटायर हुए. श्रीनगर स्थित चिनार कोर के कमांडर रहे, लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन अपने ‘कितने गाज़ी आए और कितने चले गए’ डॉयलॉग के लिए खासे चर्चित रहे और ऑपरेशन ऑल-आउट के दौरान आतंकी संगठनों की कमर तोड़ने में अहम भूमिका निभाई.मंगलवार यानि 1 फरवरी को लेफ्टिनेंट जनरल जी ए वी रेड्डी ने लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन की जगह डीआईए के महानिदेशक का पदभार संभाल लिया. लेफ्टिनेंट जनरल रेड्डी अभी तक चेन्नई स्थित, ओटीए एकेडमी के कमांडेंट के पद पर तैनात थे.
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