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अब साल में 2 बार होंगे यूनिवर्सिटी में एडमिशन:जुलाई के बाद जनवरी में भी मिलेंगे दाखिले, प्‍लेसमेंट ड्राइव भी 2 बार होगी

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अब साल में 2 बार होंगे यूनिवर्सिटी में एडमिशन:जुलाई के बाद जनवरी में भी मिलेंगे दाखिले, प्‍लेसमेंट ड्राइव भी 2 बार होगी

अब यूनिवर्सिटी और कॉलेज में साल में 2 बार एडमिशन लेने का मौका मिलेगा। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी UGC ने यूनिवर्सिटीज और हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में साल में दो बार एडमिशन की प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दे दी है। UGC चेयरमैन जगदीश एम कुमार का कहना है कि इससे स्टूडेंट्स के लिए मौके बढ़ेंगे और इंडियन हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस ग्लोबल स्टैंडर्ड के बनेंगे।

प्लेसमेंट ड्राइव भी साल में दो बार होगी
UGC चीफ ने ये भी जानकारी दी कि कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव भी साल में दो बार आयोजित की जाएगी। ऐसे में स्टूडेंट्स को साल में दो बार रोजगार पाने का मौका मिलेगा।

UGC चेयरमैन एम जगदीश कुमार

2024-25 एकेडमिक सेशन से लागू होगा नियम
साल में 2 बार यानी बाईएनुअल एडमिशन का प्रोसेस 2024-25 एकेडमिक सेशन से ही लागू होगा। पहली एडमिशन साइकल जुलाई-अगस्त में जबकि दूसरी जनवरी-फरवरी में आयोजित की जाएगी।

इस फैसले पर UGC चेयरमैन ने कहा, ‘अगर इंडियन यूनिवर्सिटीज साल में दो बार एडमिशन देंगी, तो ये बहुत से ऐसे स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद होगा, जो बोर्ड रिजल्ट में देरी या किन्हीं अन्य कारणों से जुलाई-अगस्त सेशन में एडमिशन लेने से चूक जाते हैं।’

अब साल बर्बाद होने का डर नहीं होगा
UGC का कहना है कि दो बार एडमिशन की व्यवस्था होने से बोर्ड रिजल्ट में देरी, हेल्थ इश्यूज या निजी कारणों के चलते शुरुआती एडमिशन साइकल से चूक गए स्टूडेंट्स को दोबारा एडमिशन लेने का मौका मिलेगा। इस व्यवस्था के चलते स्टूडेंट्स मोटिवट होंगे और उनमें साल बर्बाद होने का भय भी खत्म हो जाएगा। ऐसे में उन्हें एक साल का इंतजार नहीं करना होगा।

साल में दो बार एडमिशन की प्रक्रिया को अपनाना अनिवार्य नहीं
हालांकि साल में दो बार एडमिशन की प्रक्रिया को अपनाना अनिवार्य नहीं है। इंस्टीट्यूशंस बाईएनुअल एडमिशन की प्रक्रिया को तभी शुरू कर सकते हैं, जब वे फैकल्टी मेंबर्स, एम्प्लॉईज और स्टूडेंट्स को मैनेज करने के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव रूप से तैयार हों।

जो हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस ये फैसला लेंगे, उनके पास जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर होना अनिवार्य है। वे इस अवसर का लाभ उठाकर स्टूडेंट्स के दाखिले को बढ़ा सकते हैं और इस इनोवेटिव प्रोग्राम को शुरू कर सकते हैं।

इसी साल बदला है PhD एडमिशन का नियम
UGC ने 2 अप्रैल को PhD एडमिशन के नियमों में भी बदलाव किया है। 2024-25 सेशन से PhD एडमिशन के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्‍ट यानी NET के स्‍कोर स्‍वीकार किए जाएंगे। अभी PhD कोर्सेज में दाखिले के लिए यूनिवर्सिटीज अलग-अलग एडमिशन टेस्‍ट आयोजित करती थीं। ऐसे में नई व्‍यवस्‍था से अब PhD कैंडिडेट्स को एडमिशन के लिए एक से ज्‍यादा एग्‍जाम्स नहीं देने होंगे।

ये फैसला NEP 2020 के तहत लिया गया है। 13 मार्च को आयोजित UGC की 578वीं बैठक में ये फैसला लिया गया। इसका सुझाव एक एक्‍सपर्ट कमेटी द्वारा दिया गया था। UGC NET साल में दो बार जून और दिसंबर में आयोजित किया जाता है। NET स्‍कोरकार्ड की मदद से कैंडिडेट्स जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) और असिस्‍टेंट प्रोफेसर की भर्तियों के लिए एलिजिबिल होते हैं।

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