PM मोदी ने कामकाज संभाला, पहली फाइल पर साइन किए:तीसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक आज, मंत्रियों के विभाग बांटे जा सकते हैं
नई दिल्ली
सोमवार को PM मोदी जब प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे तो वहां के कर्मचारियों ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया।
नरेंद्र मोदी ने रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 71 मंत्रियों ने शपथ ली, इनमें 11 सहयोगी दलों के हैं। शपथ लेने के बाद सोमवार को PM मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचकर कार्यभार संभाला। उन्होंने सबसे पहले किसान सम्मान निधि की फाइल पर साइन किए। PMO पहुंचने पर कर्मचारियों ने मोदी का स्वागत किया।
सोमवार (10 जून) शाम पांच बजे PM आवास, लोक कल्याण मार्ग, पर कैबिनेट की पहली बैठक और उसके बाद डिनर होगा।
बैठक में मंत्रियों को उनके विभाग बांटे जा सकते हैं। साथ ही सरकार के पहले सौ दिन के रोड मैप पर चर्चा होगी। यह तय माना जा रहा है कि अमित शाह और राजनाथ सिंह के विभाग नहीं बदले जाएंगे। पहले की तरह शाह गृह मंत्री और राजनाथ रक्षा मंत्री बने रहेंगे।
सबकी नजर गठबंधन में शामिल तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के मंत्रियों को मिलने वाले विभागों पर रहेगी। इसके अलावा कैबिनेट में शामिल पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी महत्वपूर्ण विभाग मिलने की उम्मीद है।
मंत्रिमंडल में 32 सांसद ऐसे हैं, जो पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं, इनमें MP के पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर, कर्नाटक के पूर्व CM कुमारस्वामी और राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी शामिल हैं।
मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ लेते ही पंडित नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
अब जानते हैं, क्या है मोदी का 100 दिन वाला एक्शन प्लान…
10 साल ट्रेलर देखा, पिक्चर अभी बाकी है…
23 फरवरी 2024 को दिल्ली में PM मोदी ने मंत्रियों से कहा था कि अगले 5 साल का रोडमैप और 100 दिनों का एक्शन प्लान बनाएं। अफसर आचार संहिता के दौरान इस पर होमवर्क करते रहें। 5 अप्रैल को राजस्थान के चूरू में एक चुनावी रैली में खुद मोदी ने कहा, ’10 साल में हमने जो काम किया वो ट्रेलर था, पूरी पिक्चर अभी आनी बाकी है।’
BJP में अपने सूत्रों से इस प्लान की डीटेल हासिल की। इसके मुताबिक इन मुद्दों पर 100 दिनों में एक्शन लेने की तैयारी थी…
- वन नेशन-वन इलेक्शन
- यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)
- मुस्लिम आरक्षण खत्म करना
- प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट में बदलाव
- दिल्ली मास्टर प्लान
- वक्फ बोर्ड खत्म करना
- महिला आरक्षण
- 70 साल के बुजुर्गों के लिए मुफ्त इलाज
- पेपर-लीक नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कानून
- CAA का कम्प्लीट इम्प्लिमेंटेशन
- यूनियन बजट
- न्यू एजुकेशन पॉलिसी
- जनगणना (2026 में परिसीमन होना है)
- लखपति दीदी की संख्या 3 करोड़ तक ले जाना
- PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
- किसानों के लिए ऑयल सीड्स और पल्सेज पर ध्यान
- भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना
- रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म पर ध्यान देना
- स्केल, स्कोप, स्पीड, स्किल के एजेंडे पर काम करना
अब डीटेल में जानिए, क्या है मोदी का 100 दिन वाला प्लान
‘चुनाव से एक महीने पहले मैंने 5 साल का प्लान बनवाया और उसमे से 100 दिन का प्लान निकालने को कहा। इस पर प्रायोरिटी के हिसाब से काम होगा। प्लान में मैंने 25 दिन और जोड़ दिए हैं। देशभर के युवा रोडमैप पर सुझाव दे रहे हैं। मैंने तय किया है कि 100 दिनों के अलावा 25 दिन युवाओं के सुझाव पर अमल के होंगे।’
20 मई को दिए एक इंटरव्यू में PM मोदी ने ये बात कही थी। लोकसभा चुनाव से पहले ही मोदी ने साफ कर दिया था कि वे नई सरकार के अगले 100 दिनों के प्लान पर काम कर रहे हैं। 100 दिन के एजेंडे में एग्रीकल्चर, फाइनेंस, डिफेंस में जरूरी सुधार और जल्द पूरे किए जाने वाले प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। सरकार के टॉप एजेंडे में शामिल सुधारों में सेना में थिएटर कमांड तैयार करना भी है।
नतीजों में भाजपा को बहुमत न मिलने से 100 दिनों के रोडमैप पर असर संभव
भाजपा इन चुनावों में 400 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही थी। 100 दिन का एक्शन प्लान भी इसी उम्मीद पर बनाया गया था कि भाजपा को बहुमत मिलेगा। वहीं, नतीजों में भाजपा 400 सीटें तो दूर, बहुमत (272) के आंकड़े से भी दूर रह गई।
NDA को बहुमत तो मिला, लेकिन साथ मिले गठबंधन के दो मजबूत साथी TDP और JDU। इनके बिना फिलहाल बहुमत नहीं है और इन्हें इस 100 दिन के प्लान में से कई चीजें मंजूर नहीं हैं।
नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड, CAA-NRC, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को खत्म करने, मुस्लिम रिजर्वेशन और वन नेशन-वन इलेक्शन पर विरोध दर्ज कराते रहे हैं। हालांकि, भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी, गठबंधन धर्म का पालन करेगी, लेकिन किसी की भी गैर-जरूरी मांगों के आगे नहीं झुकेगी।
वहीं, भाजपा ने प्लान-B पर भी काम शुरू कर दिया है और छोटे दलों समेत इंडिपेंडेंट कैंडिडेट्स से बात की जा रही है।
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