PoK पर भारतीय सेना के बयान से मची खलबली, आया पाकिस्तानी सेना का रिएक्शन
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि आतंकवदी कभी भी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे। POK के विषय पर संसद में प्रस्ताव पास हो चुका है। इसमें कुछ भी नया नहीं है। यह संसद के प्रस्ताव का हिस्सा है। भारतीय सेना सरकार के हर आदेश के लिए पूरी तरह से तैयार है।
भारतीय सेना के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir) पर दिए बयान से पाकिस्तान में खलबली मच गई है। इस बयान पर अब पाकिस्तानी सेना का रिएक्शन सामने आया है। पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने ट्वीट कर कहा है कि भारतीय सेना के विचार उनकी घरेलू राजनीति के अनुरूप ही हैं और तथाकथित लॉन्च-पैड और आतंकवादियों के निराधार आरोप से वे हमारा ध्यान भटकाना चाहते हैं। पाकिस्तान का कहना है कि भारत की तरफ से ऐसे बयान जम्मू कश्मीर में जारी मानवाधिकार हनन से ध्यान हटाने के लिए दिए जा रहे हैं।ISPR की तरफ से किए गए एक के बाद एक ट्वीट में कहा गया है कि भारतीय सेना की तरफ से आजाद जम्मू कश्मीर को लेकर जताई गई चिंता बेबुनियाद है। DG ISPR ने कहा, “भारतीय सेना के ऑफिसर के बुलंद दावे और वास्तविक महत्वाकांक्षा बौद्धिक रूप से अपमानजनक है। पाकिस्तानी सेना एक ताकत है और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की समर्थक है। शांति की यह इच्छा हमारे क्षेत्र के खिलाफ किसी भी दुस्साहस या आक्रामकता को विफल करने की हमारी क्षमता और तैयारी से मेल खाती है।बता दें कि उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि आतंकवदी कभी भी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे। POK के विषय पर संसद में प्रस्ताव पास हो चुका है। इसमें कुछ भी नया नहीं है। यह संसद के प्रस्ताव का हिस्सा है। भारतीय सेना सरकार के हर आदेश के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार जब भी आदेश देगी सेना अपनी पूरी तैयारी के साथ PoK को वापस लेने आगे बढ़ेगी।उन्होंने यह भी कहा कि सेना यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा तैयार है कि सीजफायर पर जो समझौता है उसे कभी तोड़ा नहीं जाएगा क्योंकि यह दोनों देशों के हित में है लेकिन अगर इसे तोड़ा गया तो फिर इसका करारा जवाब मिलेगा। 27 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि PoK में जो कश्मीरी हैं, उनका दर्द भारत महसूस करता है। कश्मीर में विकास शुरू हो चुका है और भारत को अब गिलगित बाल्टिस्तान तक पहुंचने में कोई नहीं रोक सकता है।
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