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रिलेशनशिप- ऑफिस के बाद कैसे बिताएं बाकी का वक्त:मोबाइल स्क्रीन से दूर रहें और रात में सोने से पहले करें ये काम

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रिलेशनशिप- ऑफिस के बाद कैसे बिताएं बाकी का वक्त:मोबाइल स्क्रीन से दूर रहें और रात में सोने से पहले करें ये काम

“हम अपना दिन कैसे बिता रहे हैं, यह बताता है कि हम अपना जीवन कैसे व्यतीत कर रहे हैं।” यह कहना है अमेरिकन राइटर एनी डिलार्ड का, जो अपनी लिखी फिक्शन और नॉन-फिक्शन किताबों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं।

उनकी कही गई बात बहुत गहरी है। हमारे पूरे दिन का शेड्यूल बताता है कि हम अपनी लाइफ कैसे गुजार रहे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं है कि आप अपनी लाइफ का आधा हिस्सा ऑफिस में ही गुजार देते हैं और अपने लिए समय ही नहीं निकाल पाते। ज्यादातर लोग इस बात से सहमत होंगे।

गेटिसबर्ग कॉलेज की एक स्टडी के मुताबिक, हमारे दिन का एक बड़ा हिस्सा काम में निकल जाता है। एक आम आदमी अपने पूरे जीवनकाल में काम पर औसतन 90,000 घंटे बिता देता है।

तो फिर बाकी के वक्त हम क्या कर रहे होते हैं। क्या आपने कभी गौर किया है। ज्यातादर लोगों का मानना है कि 10-7 बजे तक ऑफिस में काम करने के बाद वे बाद इतना थक जाते हैं कि कुछ और करने की हिम्मत ही नहीं बचती। वहीं कुछ लोग घर के बाकी कामों में लग जाते हैं। खासकर वर्किंग वुमन, जिन्हें ऑफिस के साथ-साथ अपने घर और बच्चों को भी देखना होता है।

ऐसे में 7 बजे के बाद का समय ऐसा लगता है कि कुछ ही देर में छू मंतर हो गया हो। हम अपने काम में इतना मशगूल हो गए हैं कि अपने लिए वक्त निकालना ही भूल चुके हैं। अगर हम चाहें तो इस शाम के 7 बजे के बाद के वक्त को अच्छे से उपयोग कर सकते हैं।

इसलिए आज ‘रिलेशनशिप’ कॉलम में बात करेंगे ऑफिस के बाद हमें कैसे बिताना चाहिए बाकी का बचा हुआ वक्त। इसके साथ ही जानेंगे कि शाम 7 बजे के बाद वो कौन-सी हैबिट्स हैं, जिनसे बदल सकती है हमारी पूरी जिंदगी।

खाली समय को यूं ही जाया न होने दें, ये वक्त बहुत जरूरी

आपके दिन का हर मिनट बहुत जरूरी है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक आप जो कुछ भी करते हैं, वो आपकी लाइफ में जुड़ता चला जाता है। जो खाली वक्त है, उसे हमें जाया नहीं करना चाहिए। ये हम खुद को समर्पित कर सकते हैं। दिन भर में 15 मिनट शांति से बैठने से लेकर किताब पढ़ने तक, कई सरल लेकिन बेहद प्रभावशाली आदतें आपके जीवन को बहुत बेहतर बना सकती हैं।

नीचे ग्राफिक में जानें उन टिप्स के बारे में, जो आपके जीवन में बदलाव ला सकती हैं-

नीचे पॉइंटर्स में इन टिप्स को विस्तार से जानें

माइंडफुल रिफ्लेक्शन

माइंडफुल रिफ्लेक्शन का मतलब है, दिन भर में हुई चीजों के बारे में सोचना। इसमें आपको तीन चीजों के बारे में सोचना है- पहला ये कि क्या अच्छा हुआ, दूसरा, कहां इंप्रूव किया जा सकता है और तीसरा अच्छी चीजों के लिए आभार व्यक्त करना। इससे हम अपने आप को, अपने इमोशन और विचारों को करीब से जान पाते हैं।

जॉर्ज एसद्रास बेवन्स द्वारा लिखी गई एक किताब ‘‘हाउ वर्किंग मेन स्पेंड देयर स्पेयर टाइम’ में बताया गया है कि आप अपने ऑफिस के अलावा बाकी वक्त कैसे बिता सकते हैं। इसमें जॉर्ज ने खाली वक्त को यूटिलाइज करने की टिप्स बताई हैं।

सोशल मीडिया से करें डिसकनेक्ट

यहां ‘डिसकनेक्ट’ का मतलब डिजिटल दुनिया से दूर होने से है। सरल शब्दों में, इसका मतलब है सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और सोशल मीडिया से डिसकनेक्ट होना। डिजिटल डिवाइस, जिसमें आपके फोन से लेकर टीवी और आईपैड तक सबकुछ शामिल है।

हम पूरे दिन में डिजिटल दुनिया में इतना लीन रहते हैं कि बाकी चीजों पर ध्यान ही नहीं दे पाते हैं। जब आप अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को एक तरफ रख देंगे तो आपके पास बिना सोचे-समझे फीड को स्क्रॉल करने के अलावा बहुत समय होगा। इसलिए ऑफिस से आने के बाद आपको इससे कुछ देर के लिए दूर हो जाना चाहिए।

रीडिंग को बनाएं अपनी आदत

तीसरी अच्छी आदत है, हर रात कोई भी किताब के कम से कम 5 पेज पढ़ना। अगर पढ़ने में आपका मन लगता है तो और ज्यादा भी पढ़ सकते हैं। लेकिन रोज पांच पेज पढ़ने से किताब पढ़ने की आदत विकसित होगी।

इसलिए अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए रोजाना पढ़ने की आदत डालें। हर दिन 5 पेज पढ़ने से आपकी एकाग्रता बढ़ेगी, अच्छी नींद आएगी, शांति मिलेगी और नॉलेज में भी सुधार होगा। बस एक किताब चुनें, जो आपको अच्छी लगती हो। इसके साथ ही आप चाय या कॉफी भी बना सकते हैं, और बस पढ़ने का मजा लें।

अरे हां, अगर रात में किताब पढ़ रहे हैं तो चाय-कॉफी न पिएं। ये सुझाव दिन के लिए है।

एक दिन पहले ही कर लें दूसरे दिन की प्लानिंग

सोने से पहले आप अपने अगले दिन की प्लानिंग कर सकते हैं। अक्सर हम अपने दिन का कुछ वक्त इसी में गंवा देते हैं कि आज हम क्या पहनें, खाने में क्या ले जाएं, ऑफिस में क्या टारगेट पूरा करना है, क्या-क्या काम निपटाने हैं। अगर इन्हें एक दिन पहले ही तय कर लें और लिखकर रख लें तो काम आसान हो जाएंगे।

अपनों के साथ बिताएं क्वालिटी टाइम

ऑफिस के बाद अपने परिवार के लिए हमेशा कुछ वक्त निकालें। चाहे आप कितने भी थके या व्यस्त क्यों न हों। उनके साथ बिताए दो मिनट भी बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। उनके साथ गेम खेलना, डिनर करना, साथ बैठकर चाय पीना, किसी टॉपिक को डिस्कस करना। ये सब करके आप एक अच्छा क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं। यह जीवन में अपनों के साथ संबंधों को मजबूत करता है।

रोमन एम्परर मार्कस ऑरेलियस कहते हैं- ‘अपने आपको एक तोहफा दें- वर्तमान में जिएं।’

नेचर के साथ करें दोस्ती

हर शाम या रात को सोने से पहले प्रकृति के साथ कुछ वक्त गुजारें। ऐसा करने से आप थकावट भरे दिन से राहत महसूस करेंगे। शाम या रात में थोड़ी देर टहलने की आदत बना लें। रात के समय बहती हवा, सुंदर नजारा और शांत वातावरण वाकई जादुई लगता है। यह आपको मेंटल पीस और बेहतर नींद देने में मदद कर सकता है।

साइकोलॉजिस्ट डॉ. श्रेया पाहवा कहती हैं कि अगर आप इनमें से कोई भी प्रैक्टिस लगातार 21 दिन या एक महीना कर लें, तो आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव देख पाएंगे। फिर कभी आप अपनी आलसभरी पुरानी आदतों के पास नहीं लौटेंगे। ये आसान प्रैक्टिस आपको न केवल शारीरिक बल्कि आध्यात्मिक विकास में भी मदद करेंगी।

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