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RPSC की परीक्षा में सवाल छोड़ा तो कटेंगे नंबर:निगेटिव मार्किंग के नियम भी बदले; अब 4 की जगह होंगे 5 ऑप्शन

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RPSC की परीक्षा में सवाल छोड़ा तो कटेंगे नंबर:निगेटिव मार्किंग के नियम भी बदले; अब 4 की जगह होंगे 5 ऑप्शन

अजमेर

राजस्थान लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं में अब कैंडिडेट्स को हर सवाल का जवाब देना होगा। कैंडिडेट ने किसी भी प्रश्न का जवाब नहीं दिया तो निगेटिव मार्किंग होगी। आयोग बदलाव के इस प्रस्ताव काे अंतिम रूप दे रहा है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो अगली भर्ती परीक्षा से नया नियम लागू हो जाएगा।

अब आप सोच रहे होंगे कि अगर किसी सवाल का जवाब आता ही नहीं और फिर भी अनिवार्यता के चलते किसी ऑप्शन पर टिक कर दिया और जवाब गलत हुआ तो निगेटिव मार्किंग का भी तो डर है? लेकिन घबराइए मत ऐसा नहीं होगा।

दरअसल, अब तक एग्जाम में किसी भी सवाल के जवाब में 4 ऑप्शन दिए जाते थे, लेकिन अब 5 ऑप्शन मिलेंगे। पांचवां ऑप्शन होगा- सवाल हल नहीं करने की सहमति। अगर कैंडिडेट को किसी भी सवाल का जवाब नहीं आता तो वो ये पांचवां ऑप्शन सिलेक्ट कर सकेगा।

RPSC के सेकेट्री (IAS) रामनिवास मेहता ने बताया कि इस बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी और इससे क्या फायदा मिलेगा?

पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

खत्म हो जाएगा ओएमआर शीट से छेड़छाड़ का खतरा

  • वर्तमान में है ये व्यवस्था : RPSC की ओर से वर्तमान में आयोजित किए जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में पूछे जाने वाले आब्जेक्टिव टाइप सवालों में चार ऑप्शन होते हैं। इन चारों ऑप्शन में से कैंडिडेट्स को एक ऑपशन चुनना होता है। जब कोई कैंडिडेट प्रश्नों का जवाब नहीं देना चाहता या गलत जवाब की आशंका होती है तो उसे वह खाली छोड़ देता है। क्योंकि गलत जवाब पर निगेटिव मार्किंग होती है।
  • इसलिए बदलाव की जरूरत : आरपीएससी प्रशासन की ओर से ये बदलाव इसलिए किया जा रहा है ताकि खाली छोड़े गए सवाल जवाब को किसी भी स्तर पर भरने की आशंका पूरी तरह खत्म की जा सके। नए नियम के बाद अभ्यर्थी किसी भी सवाल को खाली नहीं छोड़ पाएंगे। ऐसे में ओएमआरशीट में बाद में किसी भी तरह के बदलाव या छोड़े गए सवालों के जवाब भरने की आशंका खत्म हो जाएगी।
कई भर्तियों में आरपीएससी विवादों में रही है। ऐसे में बदलावों के जरिए अब दाग मिटाने की कोशिश की जा रही है।

कई भर्तियों में आरपीएससी विवादों में रही है। ऐसे में बदलावों के जरिए अब दाग मिटाने की कोशिश की जा रही है।

समझिए ओएमआर शीट से कैसे होता है फर्जीवाड़ा

केस 1 : ओएमआर शीट में सही जवाब भरकर पास कराने के लिए मांगी घूस

जुलाई में ईओ भर्ती परीक्षा में पास करवाने एवं ओएमआर शीट बदलवाने के नाम पर 18.50 लाख रुपए रिश्वत लेते कांग्रेस नेता एवं राज्य घूमंतु जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष (दर्जा राज्य मंत्री) गोपाल केसावत को गिरफ्तार किया था। उसकी आरपीएससी में इतनी ऊपर तक पहुंच थी कि वो वो अभ्यर्थियों को उनकी ओएमआर शीट भेजकर पहले ही बता देता था कि तुम्हें इतने नंबर मिल रहे हैं। इतना ही नहीं केसावत व अन्य दलाल पैसों के एवज में ओएमआर शीट में सही जवाब भरकर पास कराने का दावा भी करते थे।

केस 2 : दूसरे अभ्यर्थियों को फेल कराने के लिए ओएमआर में भरे गलत जवाब

दो साल पहले स्थानीय निकाय विभाग (डीएलबी) की सहायक नगर नियोजक (एटीपी) व सीनियर ड्राफ्टमैन के लिए भर्ती परीक्षा में भी ओएमआर शीट से फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था। जिसमें चहेतों के चयन के लिए परीक्षा के बाद दूसरे अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट में गलत जवाब भर दिए गए थे। उस समय एटीपी की परीक्षा देने वाले अलवर के अरूण कुमार यादव ने बताया था कि उसने कुल 120 में से 77 प्रश्नों के जवाब दिए। जब आंसरशीट अपलोड की गई तो इसमें 21 उत्तर बढ़े हुए थे, यानी उत्तर की संख्या 98 हो गई। बढ़ाए गए उत्तर में से अधिकांश जवाब गलत थे। इससे माइनस मार्किंग हो गई।

केस 3 : ओएमआर शीट भरकर पास कराने वाला गिरोह था सक्रिय

करीब 9 साल पहले एसओजी को सूचना मिली थी कि ओएमआर शीट में गोले भरकर अभ्यर्थियों को पास कराने वाला गिरोह सक्रिय है। इस दौरान हुई सीनियर टीचर ग्रेड सैकंड प्रतियोगी परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों से पास कराने का झांसा देकर वरिष्ठ लिपिक प्रकाश पारचा व आरपीएससी के कुछ अन्य कर्मचारियों ने मोटी राशि वसूली। गिरोह स्कैनिंग कमेटी और ऑपरेटरों से मिलीभगत कर मूल ओएमआर शीट में खाली छोड़े गए प्रश्नों के उत्तर के गोले भर अभ्यर्थियों को पास करवाता था। एसओजी ने आरपीएससी के विधि विभाग में वरिष्ठ लिपिक प्रकाश पारचा के घर छापा मारा। वरिष्ठ लिपिक के घर से ओएमआर शीट की नौ कार्बन कॉपियां बरामद कीं।

OMR शीट खाली छोड़ने पर रखी थी नजर

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से 11 अक्टूबर से 21 अक्टूबर 2022 तक हुई प्राध्यापक (माध्यमिक शिक्षा विभाग) प्रतियोगी परीक्षा-2022 के दौरान ओएमआर शीट खाली छोड़ने वाले कैंडिडेट्स पर निगरानी के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। परीक्षा केन्द्र पर वीक्षक को निर्देश दिए गए कि वे इसका विशेष ध्यान रखेंगे कि कौनसे परीक्षार्थियों ने ओएमआर शीट पूरी खाली छोड़ी है। अगर ऐसा कहीं है तो वीक्षक को ओएमआर शीट खाली छोड़ने का उल्लेख करते हुए हस्ताक्षर करने व केंद्राधीक्षकों को ऐसे अभ्यर्थियों की सूची अलग से तैयार कर आयोग को भेजने के निर्देश दिए थे।

एग्जाम में इन बदलावों को लेकर भी चल रही प्लानिंग…

  • वन टाइम वेरिफिकेशन : इसी तरह वन टाइम वेरिफिकेशन की प्रक्रिया आरंभ करने पर भी आयोग विचार कर रहा है। इससे फायदा यह होगा कि अभ्यर्थियों को किसी साक्षात्कार व काउंसलिंग में पहले सत्यापित किए जा चुके दस्तावेजों को दोबारा सत्यापित कराने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
  • इंटरव्यू में ऑन स्क्रीन मार्किग : आयोग द्वारा मूल्यांकन प्रणाली में ऑन स्क्रीन मार्किंग के सफल परीक्षण के बाद इसे इंटरव्यू में भी लागू करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। इससे इंटरव्यू की प्रक्रिया को और पुष्ट करने में सहायता मिलेगी।
  • ऑनलाइन विशेषज्ञ पैनल प्रणाली : राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा यूजीसी हैंडबुक 2014 के आधार पर आयोग के पास उपलब्ध विशेषज्ञों के साथ एक ऑनलाइन विशेषज्ञ पैनल प्रणाली विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में आयोग पेपर सेटर्स, पाठ्यक्रम तैयार करने और साक्षात्कार आयोजित करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करने की योजना बना रहा है।
  • प्रश्न बैंक तैयार करने की कवायद : प्रश्न बैंक तैयार करने के लिए आरपीएससी की ओर से विषयवार कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगीं। इस प्रश्न बैंक का इस्तेमाल अलग-अलग एग्जाम में किया जा सकेगा। इससे पेपर बनाने में लगने वाले समय में कमी आएगी।
  • परीक्षा केंद्र प्रबंधन : परीक्षा केंद्र सीधे राजस्थान लोक सेवा आयोग और जिला कलेक्टर के नियंत्रण में मुख्य समन्वयक के रूप में आएगा, जो सीधे आयोग को रिपोर्ट करेंगे। आयोग की परीक्षा केंद्रों यानी स्कूलों और कॉलेजों और उनके सभी शिक्षण कर्मचारियों से संबंधित संपूर्ण डेटाबेस तक पहुंच होगी।
  • बायोमैट्रिक एक्सेस कंट्रोल सिस्टम : परीक्षा केंद्रों पर, उम्मीदवारों को केवल आंखों या अंगूठे के निशान के साथ बायोमैट्रिक एक्सेस कंट्रोल सिस्टम के माध्यम से ही अनुमति दी जाएगी। इस प्रक्रिया से अभ्यर्थियों की पहचान सुनिश्चित हो सकेगी। साथ ही आयोग की परीक्षा प्रणाली के संबंध में विश्वास और बढ़ेगा।
आरपीएससी की ओर से 7 बदलावों के प्रस्ताव तैयार किए हैं। जल्द ही ये बदलाव अमल में लाए जा सकते हैं।

आरपीएससी की ओर से 7 बदलावों के प्रस्ताव तैयार किए हैं। जल्द ही ये बदलाव अमल में लाए जा सकते हैं।

आगामी दिनों में यह होंगे एग्जाम

  • असिस्टेंट कॉलेज प्रोफेसर : 1913 पदों के लिए होने वाला ये एग्जाम अक्टूबर में प्रस्तावित है। आवेदन की लास्ट डेट 31 जुलाई थी। करीब दो लाख अभ्यर्थियों ने इसके लिए आवेदन किया।
  • राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा: 905 पदों के लिए ये एग्जाम 1 अक्टूबर को होगा। एग्जाम के लिए 7 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।
  • जूनियर लीगल ऑफिसर: 140 पदों के लिए ये एग्जाम अक्टूबर में होना प्रस्तावित है।
  • खोज एवं उत्खनन अधिकारी और संग्रहाध्यक्ष : खोज एवं उत्खनन अधिकारी के 1 तथा संग्रहाध्यक्ष के 9 पदों के लिए ये एग्जाम नवम्बर में प्रस्तावित हैं। आवेदन की लास्ट डेट 25 अगस्त है।

इंटरव्यू का वेटेज 12.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव पेंडिंग

आयोग की ओर से सीधी भर्ती के इंटरव्यू के अंकों को तीन भागों में विभाजित किया गया है। आयोग द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार इंटरव्यू के लिए निर्धारित कुल 100 मार्क्स का डिवाइडेशन संवीक्षा परीक्षा में प्राप्तांकों के 40 मार्क्स, अकादमिक योग्यता के 20 अंक तथा शेष 40 अंक साक्षात्कार में प्रदर्शन के आधार पर तय किए गए। आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सीधी भर्तियों में इसी आधार पर चयन किया जा रहा है। जबकि पूर्व में सीधी भर्ती में अभ्यर्थियों का चयन 100 अंक के इंटरव्यू के आधार पर ही किया जाता था। भविष्य में इस प्रकार की सभी परीक्षाओं में प्रतियोगी परीक्षा का वेटेज 87.5 एवं इंटरव्यू का वेटेज 12.5 प्रतिशत करने के लिए नियमों में संशोधन का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया गया है। जिसे फिलहाल स्वीकृति नहीं मिली है।

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