राहुल के ‘अग्निवीर’ खत्म करने के वादे का कितना असर:स्कीम आने के बाद भर्तियां कैंसिल हो गईं, सिलेक्ट कैंडिडेट अब घर बैठे
चंडीगढ़
‘केंद्र में सरकार बनते ही अग्निवीर योजना को कूड़ेदान में डाल देंगे। एक जवान को शहीद का दर्जा, पेंशन और दूसरे को नहीं, ऐसी योजना नहीं चाहिए।’
राहुल गांधी तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए लाई गई अग्निवीर योजना पर शुरुआत से हमलावर हैं। इस योजना को खत्म करने का वादा कर रहे हैं। ऊपर लिखी बात उन्होंने उत्तर प्रदेश के झांसी में 14 मई को कही थी। कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो में भी वादा किया है कि अग्निवीर योजना खत्म कर सेनाओं में पुराने तरीके से भर्तियां की जाएंगी।
लोकसभा चुनाव में अग्निवीर का मुद्दा भले ज्यादा चर्चा में न हो, लेकिन सेना में भर्ती की आस लगाए बैठे युवाओं के लिए ये अब भी बड़ा मसला है।
कोविड की वजह से 2020 से आर्मी और एयरफोर्स की भर्ती के रिजल्ट पेंडिंग थे। 14 जून, 2022 को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ योजना का ऐलान किया। इसके तहत भर्ती होने वाले फौजियों को अग्निवीर कहा गया। योजना आने के बाद सेना में भर्ती की पेंडिंग कई भर्तियां रद्द कर दी गईं। देशभर में योजना के विरोध में प्रदर्शन भी हुए।
हरियाणा के सांपला में अब भी प्रदर्शन चल ही रहा हैं। इनमें बिहार से आए लोग भी शामिल हैं। टीम यहां पहुंची। यहां ऐसे युवा भी मिले जिनका आर्मी में सिलेक्शन हुआ, लेकिन वे फौज में नहीं जा सके।
फोटो हरियाणा के सांपला की है, जहां अग्निपथ योजना के विरोध में 100 से ज्यादा युवा और उनके परिवार वाले विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
बचपन से A फॉर Army सीखा, लेकिन सेना में जाने का सपना अधूरा रह गया
हरियाणा के भिवानी में रहने वाले रमन बताते हैं, ‘बचपन से ही परिवार के लोगों को वर्दी में देखा था। मेरा भी सपना था कि वर्दी पहनूंगा, परिवार की विरासत आगे बढ़ाऊंगा। ये सपना पूरा नहीं हो पाया।’
रमन आगे कहते हैं, ‘स्कूल में A फॉर Apple पढ़ाया जाता था, लेकिन मेरे लिए हमेशा A फॉर Army और Air Force ही रहा। इसके लिए स्कूल में पिटाई भी हुई, लेकिन जवाब नहीं बदला।’
हरियाणा के भिवानी में रहने वाले रमन सेना में भर्ती का एग्जाम पास कर लिया था, लेकिन जॉइनिंग से पहले ही भर्ती रद्द हो गई।
रमन बताते हैं, ‘2019 में मैंने एयरफोर्स का एग्जाम पास किया था। 2020 की शुरुआत में एग्जाम होना था, लेकिन कोरोना की वजह से लेट हो गया। फिर जनवरी, 2021 की तारीख मिली। इसके बाद मेरा ग्रुप डिस्कशन और साइकोलॉजी टेस्ट हुआ। मैंने सभी टेस्ट पास कर लिए। इसके एक महीने बाद फरवरी में मेडिकल क्लियर किया और मार्च में रिजल्ट भी आ गया।’
रमन का सवाल है कि उनकी भर्ती क्यों रोकी गई। वे कहते हैं कि अगर अग्निवीर के तहत नई भर्ती करनी ही थी, तो पहले पुरानी भर्तियां क्लियर करनी चाहिए थीं।
पिता धरने पर बैठे, बेटे सेना की तैयारी में लिया कर्ज चुका रहे
हरियाणा के सांपला में अग्निवीर के विरोध में 100 से ज्यादा युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले ये दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन इजाजत नहीं मिली। लिहाजा अब हरियाणा में प्रदर्शन कर रहे हैं।
सांपला में हमारी मुलाकात सुरेश से हुई। हरियाणा के भांडवा के रहने वाले सुरेश बेटों के लिए धरना दे रहे हैं। दोनों बेटों ने सेना भर्ती एग्जाम तो पास कर लिया, लेकिन भर्ती नहीं हुई। तैयारी के लिए कर्ज लिया था। अब बेटे काम करके कर्ज चुका रहे हैं।
सुरेश बताते हैं, ‘बच्चों के बदले मैं धरने पर जाता हूं, क्योंकि डर है कि अगर वे गए तो उन पर केस दर्ज हो जाएगा। फिर वे आगे किसी सरकारी नौकरी के लिए फॉर्म नहीं भर पाएंगे। ऐसे में जहां भी पेंडिंग भर्तियों को लेकर बच्चों का धरना-प्रदर्शन होता है, तो मैं ही जाता हूं। 3-4 बार दिल्ली भी जा चुका हूं।’
सुरेश के दो बेटे हैं। दोनों सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं। इनकी पढ़ाई के लिए सुरेश ने जमीन गिरवी रखकर लोन लिया था।
वे बताते हैं, ‘बड़े बेटे अंकित का आर्मी के लिए फिजिकल और मेडिकल क्लियर हो चुका था, सिर्फ पेपर बाकी था। वहीं, छोटे बेटे का एयरफोर्स में सिलेक्शन का प्रोसेस पूरा हो चुका था। अग्निवीर से पहले दोनों को आश्वासन भी मिला था। फिर पुरानी सभी भर्तियां रद्द हो गईं। अब बच्चे घर बैठे हैं।’
यहीं हमारी मुलाकात बिहार के चंपारण से आए अभिजीत से हुई। उन्होंने भी सेना में भर्ती के लिए एग्जाम और फिजिकल दोनों पास कर लिया था। जॉइनिंग से पहले का प्रोसेस भी पूरा हो गया था, लेकिन जॉइनिंग नहीं हो पाई। 21 से अब तक 3 साल का वक्त बीत गया, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिले।
अभिजीत को उम्मीद है कि अग्निवीर योजना उन पर लागू नहीं होगी और सरकार पुराने नियमों के तहत उन्हें सेना में भर्ती देगी।
अभिजीत कहते हैं, ‘राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हमसे मिले थे। उन्होंने वादा किया था कि वे संसद में हम लोगों के लिए आवाज उठाएंगे। उन्होंने ऐसा किया भी है।’
बेटे ने फांसी लगाई, पिता का दावा- सेना की भर्ती रद्द होने से बेटा डिप्रेशन में था
हरियाणा के रहने वाले सत्यपाल अपने बेटे की मौत के लिए अग्निवीर योजना को जिम्मेदार मानते हैं। वे बताते हैं, ‘मेरे बेटे सचिन का गोवा के सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर के लिए सिलेक्शन हो गया था, सिर्फ जॉइनिंग बाकी थी।’
‘16 जून, 2022 को सुबह 4.30 बजे उसने कमरे में फांसी लगा ली। बेटे को गुजरे करीब दो साल हो गए, लेकिन सरकार का काेई नुमाइंदा यहां आया तक नहीं। अग्निवीर के बाद पुरानी भर्ती रद्द कर दी गई। इससे बेटा डिप्रेशन में था। उसने दोस्तों को इस बारे में बताया था। दोस्तों से कहा भी था कि मुझे ये बात न बताएं।’
सत्यपाल की तरह ही बिहार के बक्सर में रहने वाले इंद्रजीत भी छोटे भाई शिवानंद की मौत के लिए अग्निवीर योजना को दोषी मानते हैं। इंद्रजीत बताते हैं, ‘मेरा भाई शिवानंद सिर्फ 18 साल का था। आर्मी के लिए तैयारी कर रहा था। गांव में सबसे तेज दौड़ता था। दूसरे बच्चों को भी ट्रेंन करता था, लेकिन बदकिस्मती देखिए, जिस जगह पर वो आर्मी की तैयारी करता था, वहीं उसने सुसाइड कर लिया।’
ट्रेनिंग के लिए आ रहे युवाओं में अब वो क्रेज नहीं
आर्मी से रिटायर्ड अनिल पाटिल मध्य प्रदेश के खंडवा में जय हिंद डिफेंस एकेडमी चलाते है। वे 2019 से स्टूडेंट्स को आर्मी में भर्ती के लिए फ्री ट्रेनिंग दे रहे हैं। अनिल कहते हैं, ‘मेरे पास पहले करीब 550 बच्चे आते थे। अब सिर्फ 100 से 150 बच्चे ही ट्रेंनिग के लिए आते हैं।’
अनिल की एकेडमी से 166 अग्निवीर सिलेक्ट हो चुके है, जिसमें से 55 आर्मी में और बाकी दूसरी फोर्सेज में गए हैं।
अब बात सेना में भर्ती हुए अग्निवीरों की
मोटिवेशन कम हुआ, हमेशा नौकरी छूटने का डर
अग्निवीर स्कीम के तहत सिलेक्ट हुए और सेना में सेवाएं दे रहे 2 युवाओं से भी बात की। हम इनकी पहचान नहीं बता रहे हैं।
अग्निवीर 1: सेना में हमारे साथ भर्ती हुए ज्यादातर साथी अब यही सोचते हैं कि 4 साल होने पर या तो सरकार हमें बाहर करेगी, या हम खुद बाहर हो जाएंगे। यहां से जाकर कोई दूसरी नौकरी कर लेंगे। इसी सोच के हिसाब से वो काम भी कर रहे हैं। हालांकि जो सेना में पर्मानेंट होने की सोच रहे हैं, वो पूरी मेहनत कर रहे हैं।
अग्निवीर 2: अब सेना में रहने का मोटिवेशन कम हो गया है। पहले आर्मी में जाने के लिए नौजवानों की भीड़ दिखाई देती थी, अब वैसा नहीं है। ग्राउंड पर तैयारी करने वालों में भी कमी आई है।
ज्यादातर स्टूडेंट्स सोचते हैं कि अग्निवीर में 4 साल के बाद सिलेक्ट नहीं हुए तो आगे क्या करेंगे। कॉम्पिटिशन में हम चार साल पीछे न हो जाएं। हम चाहते हैं कि परमानेंट भर्ती कोटे को 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया जाए।
अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज
अग्निपथ योजना को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुईं। जुलाई, 2022 में इन याचिकाओं पर सुनवाई हुई। SC ने सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करने और इनका निपटारा करने को कहा।
अगस्त, 2022 में अग्निवीर से जुड़ी सभी याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने योजना पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया।
इसके बाद 26 फरवरी, 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट ने योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा था कि ये स्कीम देशहित में लाई गई है। इसका मकसद सेनाओं को बेहतर बनाना है, इसलिए सरकार के इस फैसले में कोर्ट को दखल देने की कोई वजह नजर नहीं आती है।
कांग्रेस लीडर सलमान खुर्शीद ने नई याचिका लगाई
कांग्रेस के सीनियर लीडर सलमान खुर्शीद ने अग्निवीर योजना आने के बाद पेंडिंग और रद्द हुई नियुक्तियों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। 7 मई को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई और कोर्ट ने 27 मई को सुनवाई की अगली तारीख दी है।
सलमान खुर्शीद की टीम की वकील रिद्दी गोयल कहती हैं, ‘सवाल ये भी है कि कोविड की वजह से अगर प्रक्रिया आगे भी बढ़ानी पड़ी तो क्या उम्र को लेकर एक बार रिलैक्सेशन नहीं दिया जाना चाहिए।’
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