NATIONAL NEWS

क्या ब्लू कॉर्नर नोटिस से प्रज्वल वापस आएगा:बिना वीजा-परमिशन विदेश कैसे भागा, सरकार का क्या रोल; 7 सवालों के जवाब

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

क्या ब्लू कॉर्नर नोटिस से प्रज्वल वापस आएगा:बिना वीजा-परमिशन विदेश कैसे भागा, सरकार का क्या रोल; 7 सवालों के जवाब

सैकड़ों महिलाओं के यौन शोषण के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना को लेकर कांग्रेस के आरोपों के बाद विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान सामने आया है। कांग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी को ‘प्रज्वल का सच’ पता था, उसके बावजूद केंद्र सरकार ने उसे देश छोड़कर भागने की इजाजत दी।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि राजनयिक पासपोर्ट होने की वजह से प्रज्वल को वीजा और दूसरी किसी भी तरह की यात्रा से जुड़ी हुई औपचारिकता की जरूरत नहीं थी। इसलिए वो बिना परमिशन के देश छोड़कर भाग गया। प्रज्वल के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी कर दिया गया है।

ब्लू कॉर्नर नोटिस क्या है, क्या इससे प्रज्वल को भारत वापस लाया जा सकेगा, क्या डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होने पर विदेश जाने के लिए परमिशन की जरूरत नहीं पड़ती; एक्सप्लेनर में ऐसे 7 जरूरी सवालों के जवाब जानेंगे…

सवाल 1: प्रज्वल के फरार होने पर कांग्रेस ने बीजेपी पर क्या आरोप लगाया?

जवाब: प्रज्वल रेवन्ना, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते हैं और कर्नाटक के हासन से जेडीएस के मौजूदा सांसद हैं। लोकसभा चुनाव में जेडीएस, कर्नाटक में बीजेपी की सहयोगी पार्टी है। प्रज्वल के देश छोड़कर जाने के बाद से कांग्रेस, बीजेपी पर हमलावर है।

कर्नाटक कांग्रेस ने प्रज्वल से जुड़े मामले में पीड़ित महिलाओं को आर्थिक मदद देने की भी घोषणा की है। बीते दिनों कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी, प्रज्वल का सच जानते थे, फिर भी उन्होंने सच छिपाया। उन्होंने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से 10 सवाल पूछे हैं।

सवाल 2: प्रज्वल के राजनयिक पासपोर्ट के जरिए देश छोड़ने पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है?

जवाब: विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हमने प्रज्वल की जर्मनी यात्रा को लेकर कोई मंजूरी नहीं दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘प्रज्वल के जर्मनी जाने को लेकर मंत्रालय से कोई राजनीतिक मंजूरी न ही मांगी गई और न ही जारी की गई थी। प्रज्वल को कोई वीजा नोट भी जारी नहीं किया गया, क्योंकि जिन लोगों के पास राजनयिक पासपोर्ट होता है उन्हें किसी भी देश में जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती।’

सवाल 3: राजनयिक पासपोर्ट पर बिना वीजा विदेश जाने के नियम क्या हैं?

जवाब: डिप्लोमैटिक या ऑफिशियल पासपोर्ट राजनयिक दर्जा रखने वाले लोगों, संसद के सदस्यों और विदेश में आधिकारिक सेवाएं देने वाले अधिकारियों को जारी किए जाते हैं। इस तरह के पासपोर्ट को ‘टाइप डी’ पासपोर्ट भी कहा जाता है। राजनयिक पासपोर्ट धारकों को कुछ विशेषाधिकार मिलते हैं, हालांकि प्रशासन को यह भी ध्यान रखना होता है कि इसका गलत इस्तेमाल न किया जाए।

सवाल 4: डिप्लोमैटिक पासपोर्ट के जरिए जर्मनी जाने के लिए प्रज्वल को वीजा की जरूरत क्यों नहीं पड़ी?

जवाब: साल 2011 में जर्मनी के साथ हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत, भारत के राजनयिक पासपोर्ट धारकों को 90 दिनों तक बिना वीजा जर्मनी में रहने की अनुमति है। अभी तक फ्रांस, ऑस्ट्रिया, अफगानिस्तान, चेक रिपब्लिक, इटली, ग्रीस, तुर्की, ईरान, स्विट्जरलैंड और जापान जैसे 34 देश भारतीय राजनयिक पासपोर्ट धारकों को 30 से 90 दिनों तक बिना वीजा अपने यहां रहने की अनुमति देते हैं।

दिसंबर 2022 में राज्यसभा के संसदीय बुलेटिन के मुताबिक, ‘डिप्लोमैटिक पासपोर्ट पर यात्रा के लिए सदन के सदस्य (सांसद) खुद ही संबंधित विदेशी दूतावास या हाई कमीशन से वीजा की व्यवस्था करते हैं। यह नियम उन संसद सदस्यों पर भी लागू होता है जो अपनी व्यक्तिगत क्षमता पर विदेश से बुलावे या बिना बुलावे के अपनी विशेषज्ञता या जानकारी के क्षेत्रों से जुड़े सेमिनारों या सम्मेलनों में हिस्सा लेने के लिए विदेश जाते हैं।’

सवाल 5: प्रज्वल के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस किसने और क्यों जारी किया?

जवाब: इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाईजेशन यानी इंटरपोल दुनिया के 196 देशों का संगठन है। फ्रांस में इसका मुख्यालय है। इंटरपोल अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अपराधियों पर शिकंजा कसने और देशों के बीच अलग-अलग तरीके के अपराधों से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए बनाया गया है।

इंटरपोल, ब्लू कॉर्नर को मिलाकर कुल सात तरीके के नोटिस जारी करता है। ये नोटिस, सदस्य देशों के इंटरपोल नेशनल सेंट्रल ब्यूरो के अनुरोध पर इंटरपोल के सेक्रेटेरिएट की तरफ से जारी किए जाते हैं। इसके बाद ये नोटिस सभी सदस्य देशों को उपलब्ध करवा दिए जाते हैं।

सवाल 6: क्या ब्लू कॉर्नर नोटिस के जरिए प्रज्वल को वापस लाया जा सकेगा?

जवाबः ब्लू नोटिस केवल जांच एजेंसियों की जांच को आगे बढ़ाने के लिए है। सीबीआई की वेबसाइट ब्लू कॉर्नर नोटिस को ‘बी सीरीज (ब्लू) नोटिस’ या ‘इन्क्वायरी नोटिस’ कहती है। वेबसाइट के मुताबिक, ‘ऐसे नोटिस, किसी की पहचान सत्यापित करने, उसके आपराधिक रिकॉर्ड की डिटेल्स इकट्ठा करने, किसी ऐसे व्यक्ति का पता लगाने के लिए जो लापता है या ज्ञात/अज्ञात अंतर्राष्ट्रीय अपराधी है या सामान्य आपराधिक कानूनों से जुड़े किसी मामले में वांछित है या जिसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया जा सकता है।’

आम तौर पर ब्लू नोटिस, आपराधिक आरोप दायर करने से पहले या तुरंत बाद में जारी किया जाता है, जबकि रेड नोटिस सजा मिलने के बाद किसी भगोड़े अपराधी की गिरफ्तारी के लिए जारी किए जाते हैं।

इंटरपोल के नोटिस पूरी तरह से उसके अपने विवेक पर निर्भर होते हैं, यानी इंटरपोल खुद किसी देश के अधिकारियों या पुलिस को किसी नोटिस के मुताबिक, कार्रवाई करने पर मजबूर नहीं कर सकता।

ऐसे में काफी हद तक इंटरपोल के नोटिस जारी होने के बाद की कार्रवाई दो देशों के संबंधों पर निर्भर करती है। जर्मनी और भारत के संबंध काफी अच्छे रहे हैं, इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि जर्मनी के अधिकारी प्रज्वल के मामले को सुलझाने में सहयोग की भूमिका में रहेंगे।

सवाल 7: प्रज्वल से जुड़े हजारों सेक्स स्कैंडल वीडियो का मामला क्या था?

जवाब: कथित रूप से सैकड़ों सेक्स वीडियो क्लिप सामने आने के बाद 27 अप्रैल को प्रज्वल भारत छोड़कर जर्मनी चले गए थे। 28 अप्रैल को उनकी पूर्व घरेलू सहायिका ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करवाई थी। इस दौरान कथित रूप से प्रज्वल से जुड़े सेक्स स्कैंडल के 200 से ज्यादा वीडियो सामने आए।

दावा किया गया कि महिलाएं खुद को छोड़ने की गुहार लगा रही हैं और प्रज्वल वीडियो शूट कर रहे हैं। इन आरोपों के बाद 30 अप्रैल को प्रज्वल को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया।

प्रज्वल और उनके पिता एचडी रेवन्ना के खिलाफ अपहरण का मामला भी दर्ज किया गया है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने जांच के लिए SIT का गठन किया था। 3 मई को SIT ने एचडी रेवन्ना और उनके करीबी सतीश बबन्ना को गिरफ्तार कर लिया था। एच डी रेवन्ना ने अग्रिम जमानत की अपील की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। एचडी रेवन्ना की हिरासत 8 मई तक के लिए बढ़ा दी गई है।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!