एक ही नाम के दो-दो प्रत्याशी मैदान में, बायतु में हरीश चौधरी तो उदयपुरवाटी से राजेंद्र गुढ़ा पर सियासत
राजस्थान चुनाव में एक ही नाम से दो प्रत्याशियों की मैदान में उतारने के मामले देखे जाते हैं। इस बार बायतु विधानसभा में हरीश चौधरी नाम के दो प्रत्याशी हैं, जबकि उदयपुरवाटी में राजेंद्र सिंह गुढ़ा नाम के दो प्रत्याशी हैं। दोनों ही स्थानों पर नाम के आगे पिता के नाम लिखे गए हैं। इससे गुरुवार को रिटर्निंग अफसर के कार्यालय में हंगामा हुआ।
जयपुर : राजनीति में चुनाव के दौरान हर तरह के दांव पेच खेले जाते हैं। इसमें से एक दांव यह भी है कि एक ही नाम से दो या दो से ज्यादा प्रत्याशियों को मैदान में उतारना। कई बार ऐसा देखा जाता है कि जनता को भ्रमित करने के लिए एक प्रत्याशी के जैसे नाम वाले दूसरे प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में उतार दिए जाते हैं ताकि मूल प्रत्याशी को वोटों का नुकसान पहुंचाया जा सके। इस बार के विधानसभा चुनाव के दौरान भी ऐसा ही हुआ है। बायतु विधानसभा में हरीश चौधरी नाम के दो प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जबकि उदयपुरवाटी में राजेंद्र सिंह गुढ़ा नाम के दो प्रत्याशी हैं।
एक कांग्रेसी और दूसरा निर्दलीय हरीश चौधरीबायतु विधानसभा क्षेत्र से हरीश चौधरी नाम के दो प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। एक हरीश चौधरी कांग्रेस के प्रत्याशी हैं जो राज्य सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी भी है। कांग्रेस ने उन्हें फिर से मैदान में उतारा है। इसी विधानसभा सीट से एक और हरीश चौधरी ने नामांकन दाखिल किया है। निर्दलीय नामांकन भरने वाले ये हरीश चौधरी नागौर जिले के जायल के रहने वाले हैं। कांग्रेस प्रत्याशी हरीश चौधरी के पिता का नाम मूल सिंह चौधरी है जबकि निर्दलीय प्रत्याशी हरीश चौधरी के पिता का नाम चेनाराम चौधरी है। दोनों की अलग अलग पहचान के लिए पिता का नाम साथ में लिखा गया है।
उदयपुरवाटी में दो-दो राजेंद्र गुढ़ाझुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री और कांग्रेस से निष्कासित राजेंद्र गुढ़ा शिवसेना की ओर से प्रत्याशी हैं। इसी सीट पर राजेंद्र सिंह गुढ़ा नाम से एक निर्दलीय प्रत्याशी ने भी नामांकन दाखिल किया है। दोनों प्रत्याशियों के नाम के आगे गुढ़ा लिखा होने से गुरुवार शाम को रिटर्निंग अफसर के कार्यालय में काफी हंगामा हुआ। शिवसेना के राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि निर्दलीय प्रत्याशी के नाम के आगे से गुढ़ा शब्द हटाया जाए। उधर निर्दलीय प्रत्याशी गुढ़ा लिखे जाने पर अड़े रहे। आखिर में रिटर्निंग ऑफिसर ने नियमों का हवाला देते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के नाम के आगे से गुढ़ा शब्द नहीं हटाने का फैसला लिया। एक ही नाम के दो प्रत्याशी होने पर राजेंद्र गुढ़ा ने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर शिकायत दर्ज कराई है कि यह उनके खिलाफ एक साजिश है। इससे उन्हें वोटों का नुकसान हो सकता है।
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