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कैशियर को 3 गोलियां लगीं, लेकिन नहीं लुटने दिया बैंक:डैमेज किडनी निकालनी पड़ी; जयपुर में PNB में डकैती करने पहुंचे थे 2 भाई

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कैशियर को 3 गोलियां लगीं, लेकिन नहीं लुटने दिया बैंक:डैमेज किडनी निकालनी पड़ी; जयपुर में PNB में डकैती करने पहुंचे थे 2 भाई

कैशियर नरेंद्र सिंह की बहादुरी की सभी चर्चा कर रहे हैं। हालांकि, बैंकों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर फिर सवाल उठ रहे हैं। - Dainik Bhaskar

कैशियर नरेंद्र सिंह की बहादुरी की सभी चर्चा कर रहे हैं। हालांकि, बैंकों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर फिर सवाल उठ रहे हैं।

जयपुर के एक बैंक में हुई लूट की कोशिश को वहां के कैशियर की हिम्मत ने फेल कर दिया। लुटेरों ने कैशियर को तीन गोली मारी, लेकिन उसकी हिम्मत के आगे आरोपी बेबस हो गए।

हालांकि, बैंक कैशियर इसमें बुरी तरह घायल हो गया और उसकी एक किडनी डैमेज हो गई। इलाज के दौरान उसकी किडनी निकालनी पड़ी है। फिलहाल उनका इलाज जयपुर के एक प्रावइेट हॉस्पिटल में किया जा रहा है।

मामला शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे का है जब झोटवाड़ा की पंजाब नेशनल बैंक में घुसे 2 नकाबपोशों ने बैंक कर्मचारियों को बंधक बना लिया।

इसके बाद उन्होंने बैंक के स्ट्रॉन्ग रूम को लूटने की कोशिश की, लेकिन तभी बैंक कैशियर नरेंद्र सिंह शेखावत ने हिम्मत दिखाते हुए एक बदमाश को पकड़ लिया। वहीं, दूसरा बदमाश भाग निकला। हालांकि, उसे करीब ढाई घंटे के बाद पुलिस ने दबोच लिया। दोनों लुटरे मौसेरे भाई हैं।

भास्कर ने पुलिस टीम, बैंक कर्मियों से बात कर पूरा घटनाक्रम समझा….

एडिशनल कमिश्नर (फर्स्ट) कैलाश चन्द बिश्नोई ने बताया कि झुंझुनूं निवासी नरेन्द्र सिंह शेखावत (44) ने बताया कि वह गणेश नगर विस्तार करधनी में परिवार के साथ रहते हैं। पिछले करीब 3 साल से हेड कैशियर हैं।

शुक्रवार सुबह रोज की तरह 9:30 बजे बैंक ओपन हुआ था। सबसे पहले मैनेजर मनीष सैनी, महिला कर्मचारी विनेश चौधरी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रमेश सैनी आ गए थे। सुबह 10 बजे तक सभी कर्मचारियों के आने के बाद काम शुरू होता है।

बैंक में लगे एटीएम काउंटर में एक बदमाश नजर आ रहा।

बैंक में लगे एटीएम काउंटर में एक बदमाश नजर आ रहा।

बैंक ओपन होने के 10 मिनट बाद करीब 9.40 बजे हाथों में दस्ताने और मुंह पर मास्क लगाए दो लड़के आए। बैंक का माहौल देखने के लिए एक बदमाश अंदर चला गया।

दूसरा उसके इशारे के इंतजार में बैंक परिसर में लगे ATM बूथ में खड़ा होकर बाहर निगरानी करने लगा। महज 10 सेकेंड बूथ में रुकने के बाद वह भी बैंक के अंदर आ गया।

मास्क के लिए टोकने पर निकाली पिस्टल
अंदर जाने के बाद दोनों बदमाश बैंक के लगे केबिन की ओर इधर-उधर घूमने लगे। बैंक मैनेजर मनीष सैनी ने मास्क लगा देखकर उन्हें टोका। मास्क को हटाने की कहने पर एक बदमाश ने पिस्टल निकालकर तान दी।

उसने बैंक में मौजूद मैनेजर सहित तीनों कर्मचारियों को चुपचाप रहने के लिए धमकाया। बैंक मैनेजर को अलग ले जाकर एक केबिन में बंद कर दिया।

बोले- कहां है कैश, चाबी बताओ
महिला बैंककर्मी विनेश और रमेश सैनी को गन पॉइंट पर लेकर धमकाया। बोला- कैश कहां है, चाबी बताओ। जल्दी करो नहीं तो गोली मार देंगे।

पिस्टल लेकर धमकाने वाले बदमाश ने इशारा कर अपने साथी को बैंक के मेन गेट की तरफ भेज दिया। गेट पर खड़ा होकर साथी बदमाश बाहर से आने वाले लोगों पर निगरानी रखने लगा। इसके बाद बदमाश दोनों बैंक कर्मचारियों को स्ट्रॉन्ग रूम की तरफ ले गया।

घायल कैशियर नरेंद्र सिंह की हालात फिलहाल ठीक है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत पर नजर रखी जा रही है।

9.46 बजे आए शेखावत से हाथापाई
बदमाशों के बैंक में एंट्री के 6 मिनट बाद 9.46 बजे हैड कैशियर नरेन्द्र सिंह पहुंचे। उन्हें गेट पर मास्क लगाए एक लड़का खड़ा दिखा। सिंह स्ट्रॉन्ग रूम के पास गए तो मास्क पहने एक युवक के हाथ में पिस्टल देखी।

शेखावत ने बताया कि दोनों बदमाशों के पास पिस्टल थी। इसी दौरान गेट के पास खड़े बदमाश से उनकी हाथापाई हो गई। एक बदमाश को उन्होंने पकड़ लिया और हेलमेट से उस पर वार करना शुरू कर दिया।

इसी बीच पास ही खड़ा दूसरा बदमाश भी कैशियर के पास पहुंचा गया। उन्होंने दोनों बदमाशों को एक साथ पकड़ने की कोशिश की। इसमें तीनों जमीन पर गिर गए। एक बदमाश ने उन्हें पकड़ लिया और दूसरे लंबे बाल वाले बदमाश ने उन पर गोली चला दी।

तीन गोलियां लगने के बाद भी नहीं छोड़ा बैग
कैशियर ने बताया कि बदमाशों ने उन पर तीन गोलियां चलाईं। पहली गोली दाहिनी ओर पेट पर, दूसरी गोली पीठ पर और तीसरी गोली बाई ओर सीने के पास लगी। बदमाशों ने कैशियर के कंधे पर लटका बैग छीनने की कोशिश की, लेकिन शेखावत ने बैग नहीं ले जाने दिया। घायल होने के बाद भी कैशियर ने हिम्मत दिखाते हुए लगभग सात मिनट तक उन दोनों से संघर्ष किया और पकड़े रखा।

लहूलुहान हालत में नरेन्द्र सिंह ने जमीन पर गिरकर एक बदमाश को पकड़ लिया। दूसरा बदमाश उसके चुंगल से भाग निकला। भागते समय भी बदमाश ने उन पर फायर किया।

एक बदमाश को पकड़ दूसरे को पकड़वाने के लिए नरेन्द्र ने चिल्लाकर शोर मचाया। गोली चलने की आवाज सुनकर पड़ोसी दुकानदार भी बैंक के अंदर आ गए। बैंक कर्मचारी और लोगों की मदद से एक बदमाश को पकड़ लिया गया। इसके बाद नाराज लोगों ने उसकी जमकर धुनाई कर दी।

एक बदमाश को भीड़ ने पीट दिया। इसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने उसे बड़ी मुश्किल से बचाया।

एक बदमाश को भीड़ ने पीट दिया। इसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने उसे बड़ी मुश्किल से बचाया।

रस्सी से बदमाश के बांधे पैर
इस बीच बैंक के बाहर हंगामा होते देखकर ड्यूटी पर जा रही झोटवाड़ा थाने की महिला कॉन्स्टेबल मेनका दौड़कर पहुंची। लोगों की मदद से बदमाश को पकड़कर काबू में किया।

बैंक के बाहर लगी रेलिंग के पास बदमाश के पैर में रस्सी बांधकर बैठा दिया। इसके बाद गुस्साए लोगों से मेनका ने बात कर समझाया और थाने में फोन कर मदद मांगी।

बैंक कर्मचारियों ने लोगों की मदद से नरेन्द्र सिंह को नजदीक स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन हालत गंभीर होने पर मणिपाल हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया।

लुटेरे भाई हैं, ढाई घंटे में दूसरे बदमाश को पकड़ा
बैंक के बाहर पकड़े गए बदमाश भरत सिंह (36) को झोटवाड़ा थाना पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। इसके बाद आरोपी से उसके साथी के बारे में पूछताछ की गई। इस बीच पूरे इलाके में नाकाबंदी करवाई गई। करीब 2:30 घंटे की मशक्कत कर साथी बदमाश मनोज मीणा (29) को मानसरोवर से अरेस्ट कर लिया।

भागने के लिए आरोपी भरत सिंह मीणा चलती PCR से कूद गया, जिससे उसका पैर फ्रैक्चर हो गया।

भागने के लिए आरोपी भरत सिंह मीणा चलती PCR से कूद गया, जिससे उसका पैर फ्रैक्चर हो गया।

इससे पहले साथी बदमाश के बारे में पूछताछ करने पर आरोपी भरत सिंह उसकी पहचान छिपाता रहा। पुलिस को गुमराह करने के लिए भरत सिंह ने यहां तक बताया कि वह एक मजदूर को बैंक लूट के लिए लाया था। सख्ती से पूछताछ करने पर साथी बदमाश मौसेरा भाई मनोज मीणा होना बताया। मनोज को मानसरोवर से पकड़ लिया। वह कपड़े बदलकर भागने की फिराक में था।

3 महीने की रेकी के बाद बैंक लूट की प्लानिंग
एडिशनल कमिश्नर (फर्स्ट) कैलाश चन्द बिश्नोई ने बताया कि बैंक लूटने के लिए बदमाश तीन माह से रेकी कर रहे थे। वारदात करने के लिए आने से पहले बदमाश दो किलोमीटर दूर मोबाइल छोड़कर आए थे, ताकि पुलिस की पकड़ में ना आ सकें।

बदमाश भरत सिंह जयपुर में तीन साल से अलग-अलग जगह पर किराए पर रहता था। इसके संबंध में मकान मालिकों से उसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। पूरी प्लानिंग भरत सिंह मीणा ने की थी।

इसके बाद उसने अपने भाई मनोज मीणा को भादरा से जयपुर बुलाया। बैंक में किसी भी सुरक्षा गार्ड के तैनात नहीं होने के बारे में भी उन्हें पता था। सुबह के समय आसानी से वारदात कर निकलने को लेकर बदमाशों ने रूट भी तैयार कर रखा था। वारदात के समय मनोज के पैर में भी गोली लगी है।

दो बैंक डकैती में हो सकते हैं शामिल
पुलिस जांच में सामने आया है कि जयपुर में पहले हो चुकी दो बैंक डकैती में दोनों बदमाश शामिल हो सकते हैं। इन बदमाशों के कमरे से पिछले करीब 2 साल की पेपर की कटिंग मिली हैं। विभिन्न तरह के रूट मैप और चार्ट भी इन बदमाशों के कमरे से बरामद हुए हैं। लूट करने के बाद बदमाशों को कहां भागना है, इनके नक्शे भी कमरे से बरामद हुए हैं।

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