बीकानेर।देशनोक सड़क हादसे को लेकर जनाक्रोश अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। हादसे में मृतकों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन ने अब जोर पकड़ लिया है। सर्व समाज संघर्ष समिति ने सोमवार, 22 अप्रैल को बीकानेर बंद का आह्वान किया है। यह ऐलान रविवार को हुई एक प्रेस वार्ता में पूर्व कैबिनेट मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने किया।
गोविंदराम मेघवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “सड़क हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के लिए सिर्फ शोक संवेदना नहीं, न्याय चाहिए। सरकार यदि मुआवजा और संविदा पर नौकरी देने की मांगें नहीं मानती है तो बीकानेर के लोग अब सड़कों पर उतरेंगे।”
बीते तीन दिनों से देशनोक में सर्व समाज द्वारा धरना दिया जा रहा है। लोगों में सरकार की निष्क्रियता को लेकर जबरदस्त आक्रोश है। धरना स्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण, सामाजिक संगठन, और जनप्रतिनिधि पहुंच रहे हैं। रविवार को केशकला बोर्ड के पूर्व चेयरमैन महेंद्र गहलोत सहित कई अन्य नेताओं ने भी धरने को समर्थन दिया।
मेघवाल ने चेतावनी देते हुए कहा, “सोमवार को बीकानेर बंद रखा जाएगा। यदि उसके बाद भी सरकार नहीं जागी, तो मंगलवार को बीकानेर में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यह आंदोलन किसी जाति या वर्ग का नहीं, सर्व समाज की आवाज़ है।
संघर्ष समिति की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
देशनोक सड़क हादसे में मृतकों के परिजनों को मुआवजा
एक-एक परिजन को संविदा पर सरकारी नौकरी
देशनोक में सड़क सुरक्षा उपायों को तत्काल प्रभाव से लागू करना
दुर्घटनास्थल पर बायपास सड़क और अंडरपास का निर्माण
अब तक जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है। इससे आक्रोशित जनता का धैर्य जवाब दे रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि जब हादसे के बाद जनप्रतिनिधि और प्रशासन मौके पर पहुंचे, तो फिर अब तक पीड़ित परिवारों के लिए ठोस निर्णय क्यों नहीं लिया गया?
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