नहर बंदी बनी चुनौती:जलदाय विभाग के टैंकर बिक रहे है मोहल्लों में, कांग्रेस नेता ने टैंकर की चाबी निकाल, चालक को बंधक बनाया
इंदिरा गांधी नहर में बंदी के चलते बीकानेर में भारी पेयजल संकट खड़ा हो गया है। पानी के टैंकर की कीमत दो गुनी होकर पंद्रह सौ रुपए तक पहुंच गई है, वहीं गरीब आदमी के लिए घर-घर भेजा जा रहा पानी भी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। कांग्रेस नेता ने शनिवार को एक मोहल्ले में सरकारी पानी को बेच रहे टैंकर से चाबी निकाल ली और टैंकर चालक को एक कमरे में बिठा दिया।दरअसल, नहर बंदी के चलते बीकानेर में एक दिन छोड़कर एक दिन पानी देने का प्रावधान किया गया है। इस अवधि में पानी तो आता है लेकिन इतनी कम मात्रा में पानी मिल पा रहा है कि दूर तक जाकर पानी लाना पड़ रहा है। जलदाय विभाग के सहायक व कनिष्ठ अभियंताओं को कम पानी वाले क्षेत्रों में मुफ्त पानी के टैंकर भेजने के आदेश हैं। ये टैंकर तो निकल रहे हैं लेकिन मोहल्लों में सभी को पानी देने के बजाय पंद्रह सौ रुपए में टैंकर एक ही घर में खाली कर दिया जाता है। पिछले कई दिनों से चल रहे इस खेल को कांग्रेस नेता सुभाष स्वामी ने पकड़ लिया है। उन्होंने शनिवार को सर्वोदय बस्ती में टैंकर के पानी को बेच रहे एक चालक को रोक लिया। उसके टैंकर की चाबी कब्जे में लेकर जलदाय विभाग के आला अधिकारियों को मौके पर बुला लिया। आरोप है कि पिछले कई दिनों से आम आदमी के लिए पानी देने के नाम पर जलदाय विभाग टैंकर भेज रहा है। ये टैंकर आम आदमी को देने के बजाय आसानी से बेच दिए जाते हैं।
जलदाय विभाग के अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस नेता ने ही जलदाय विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। स्वामी ने सोशल मीडिया पर सारे हालात को लाइव दिखाते हुए अभियंताओं पर आरोप लगाए।
ये है नहर बंदी का शिड्यूल
इंदिरा गांधी नहर परियोजना की 67 किलोमीटर लंबी नहर के रिलाइनिंग के काम के चलते 21 मार्च से 60 दिनों की नहर बंदी है। 21 मार्च से 20 अप्रेल तक आईजीएनपी नहर में आंशिक बंदी रखी गई। इस दौरान पेयजल के लिए नहर में 2 हजार क्यूसेक आगामी 20 अप्रेल तक दिया गया। 21 अप्रेल से आगामी 30 दिनों इंदिरा गांधी नहर में पूर्ण बंदी रहेगी। इस तरह 21 मार्च से 19 मई तक 60 दिन पूर्ण नहर बंदी रहने वाली है। 30 दिन तक आशिंक नहरबंदी तो वहीं 30 दिन तक पूर्ण नहरबंदी रहने वाली है। ऐसे में बीकानेर सहित पश्चिमी राजस्थान के दर्जनभर जिलों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है।
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