जयपुर 26 अप्रेल 2021। शासन सचिव पशुपालन विभाग, डॉ. आरूषि मलिक ने राज्य में पशुओं की समुचित चिकित्सा की व्यवस्था के निर्देश देते हुए कहा कि गृह विभाग द्वारा जारी कोरोना गाईडलाईन की सख्ती से पालना की जावें।
डॉ. आरूषि मलिक ने गूगल मीट के जरिये प्रदेश के समस्त अतिरिक्त निदेशक एवं संयुक्त निदेशकों की बैठक लेते हुए कहा कि मुर्गीपालन व्यवसाय हेतु पोल्ट्री फीड के परिवहन में किसी प्रकार की समस्या होने पर स्थानीय जिला कलक्टर से समन्वय स्थापित कर निराकरण करावें।
डॉ. आरूषि मलिक ने कहा कि गृह विभाग द्वारा जारी कोरोना गाईडलाईन के तहत समस्त पशु चिकित्सा संस्थाएं एवं प्रयोगशालाएं खुली रहेंगी। उन्होंने इन संस्थाओं में कोरोना से बचाव हेतु आवश्यक संसाधन यथा सेनिटाईजर, मास्क एवं साबुन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधानों की व्यवस्था के निर्देश भी दिये।
उन्होंने कहा कि पंचायत समिति स्तर पर बकरी पालन, अश्वपालन, गौं व भैंसपालन करने वाले उन्नत पशुपालकों का चिन्हिकरण किया जावें ताकि अन्य पशुपालक उनसे प्रेरित होकर व्यवसाय को और अधिक लाभकारी बना सके। उन्होंने कहा कि विभागीय तरल नत्रजन वाहनों का आक्सीजन परिवहन हेतु अधिग्रहण कर लिये जाने के फलस्वरूप तरल नत्रजन की कमी को देखते हुए हिमिकृत वीर्य को जिला स्तर पर पूल किये जाने के निर्देश भी दिये ताकि हिमिकृत वीर्य की गुणवत्ता बनी रहे।
डॉ. आरूषि मलिक ने पशु चिकित्सा संस्थाओं में औषधियों एवं आवश्यक रोग प्रतिरोधक टीकों की समुचित व्यवस्था एवं परिवहन किये जाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि पोल्ट्री फार्म खातीपुरा में तैयार किये जा रहे चैबरों नस्ल के चूजों का वितरण आसपास के जिलों मेेंं किया जावें ताकि बैकयार्ड पोल्ट्री के तहत ग्रामीणों को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 1 अप्रेल से 30 जून तक चलाये जा रहे मेरा पशु चिकित्सालय मेरा अभिमान नामक इस अभियान के तहत भामाशाहों सेे आवश्यक सहयोग प्राप्त किये जाने के प्रयास भी किये जावें।
बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. भवानी सिंह राठौड़ सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
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