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पुतिन की सहमति से हुई प्रिगोजिन की हत्या:रिपोर्ट में दावा- उनकी ताकत को खतरा मानते थे; प्लेन के विंग में बम रखकर उड़ाया

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पुतिन की सहमति से हुई प्रिगोजिन की हत्या:रिपोर्ट में दावा- उनकी ताकत को खतरा मानते थे; प्लेन के विंग में बम रखकर उड़ाया

प्राइवेट आर्मी वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन की इसी साल 23 अगस्त को प्लेन क्रैश में मौत हुई थी। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ विद्रोह भी किया है। - Dainik Bhaskar

प्राइवेट आर्मी वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन की इसी साल 23 अगस्त को प्लेन क्रैश में मौत हुई थी। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ विद्रोह भी किया है।

रूस के राष्ट्रपति के खिलाफ विद्रोह करने वाले प्राइवेट आर्मी वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन को पुतिन की सहमति पर उनके ही करीबी ने मरवाया था। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने अपनी रिपोर्ट में ये खुलासा किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन के करीबी और रूस के सिक्योरिटी काउंसिल के सेक्रेटरी निकोलई पैत्रुशेव (भारत में NSA यानी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर की तरह) इस हत्या के मास्टरमाइंड थे। WSJ ने बताया है कि पैत्रुशेव कई बार पुतिन के सामने प्रिगोजिन के बढ़ते दबदबे को लेकर चिंता जता चुके थे।

दरअसल, प्रिगोजिन कई बार खुलकर रूस के रक्षा मंत्री और मिलिट्री लीडर की आलोचना कर चुके थे, जो पैत्रुशेव को पसंद नहीं था। उन्हें लगता था कि प्रिगोजिन को जरूरत से ज्यादा ताकत दी जा चुकी है। जब वैगनर चीफ ने तख्तापलट करने की कोशिश की, तब पैत्रुशेव ने पुतिन के सामने उसे सजा देने का प्रस्ताव रखा। रूसी राष्ट्रपति ने इससे इनकार नहीं किया।

तस्वीर में पुतिन रूस के NSA निकोलई पैत्रुशेव के साथ नजर आ रहे हैं। इन्हें पुतिन का करीबी कहा जाता है। पैत्रुशेव पुतिन के साथ रूसी खुफिया एजेंसी KGB में काम कर चुके हैं।

तस्वीर में पुतिन रूस के NSA निकोलई पैत्रुशेव के साथ नजर आ रहे हैं। इन्हें पुतिन का करीबी कहा जाता है। पैत्रुशेव पुतिन के साथ रूसी खुफिया एजेंसी KGB में काम कर चुके हैं।

प्रिगोजिन को खतरे की आशंका थी
पश्चिमी देशों के इंटेलिजेंस ऑफिसर्स ने WSJ को बताया कि प्रिगोजिन को इस बात की आशंका थी कि उसकी जान को खतरा हो सकता है। हालांकि, वो विद्रोह खत्म करने के लिए हुए समझौते की सभी शर्तों को पूरा कर रहे थे।

प्रिगोजिन की विद्रोह की बात शांत होने के बाद अगस्त में पैत्रुशेव ने अपने असिसटेंट को वैगनर चीफ की हत्या के लिए प्लान बनाने का आदेश दिया गया। जब प्लान पुतिन के सामने रखा गया तो उन्होंने इस पर सवाल नहीं उठाए थे। इसके बाद 23 अगस्त को प्रिगोजिन एम्ब्रेअर लेगेसी 600 नाम के प्लेन पर सवाल हुए। वो मॉस्को से अपने शहर सेंट पीटर्सबर्ग लौट रहे थे।

इस दौरान उनके प्लेन में सिक्योरिटी चेकिंग भी की गई। इसी दौरान प्लेन के एक विंग के नीचे बम रख दिया गया। चेकिंग खत्म हुए और पुतिन के साथ 9 लोग प्लेन में सवार हुए। 30 मिनट के अंदर विमान 28 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंच गया। इसके बाद विंग के पास ब्लास्ट हुआ और विमान जमीन पर आ गिरा।

प्लेन क्रैश में हुई थी 10 लोगों की मौत
WSJ के मुताबिक, इस प्लान मर्डर में प्लेन में मौजूद सभी 10 लोगों की मौत हो गई। रूस में शवों का DNA टेस्ट किया गया और इसमें वैगनर चीफ की मौत की पुष्टि हो गई। प्रिगोजिन की मौत के ठीक एक दिन बाद ही पुतिन का बयान भी सामने आया था। उन्होंने वैगनर चीफ की मौत पर दुख जताया था।

पुतिन ने कहा था- प्रिगोजिन टैलेंटेड कारोबारी थे। मुझे प्लेन क्रैश में उनकी मौत का अफसोस है। उन्होंने कुछ बड़ी गलतियां की थीं, लेकिन कई अच्छे काम भी किए थे। मैं उन्हें काफी लंबे वक्त से जानता था। पहली बार 1990 के आसपास उनसे मुलाकात हुई थी।

पुतिन ने आगे कहा था- उनको लेकर कुछ दिक्कतें जरूर थीं। जहां तक मुझे जानकारी है, प्रिगोजिन बुधवार को ही अफ्रीका से वापस मॉस्को आए थे। यूक्रेन में वैगनर ने जो किया, उसे हम भूल नहीं सकते। इस प्लेन क्रैश की जांच में कुछ वक्त लगेगा।

23 अगस्त को प्लेन क्रैश होने के बाद शवों को निकालते रूसी बचावकर्मी।

23 अगस्त को प्लेन क्रैश होने के बाद शवों को निकालते रूसी बचावकर्मी।

कौन हैं निकोलई पैत्रुशेव
निकोलई पैत्रुशेव रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव हैं। वे कई सालों से पश्चिमी देशों को रूसी बॉर्डर से दूर रखने की कोशिश में हैं। वे पुतिन के तीन वफादारों में से एक हैं। साल 1999 में जब बोरिस येल्तसिन ने पुतिन को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना था, तब वे KGB के नए रूप FSB के हेड थे।

पुतिन ने अपने पद के लिए पैत्रुशेव का ही नाम सुझाया था। पैत्रुशेव ने 1970 के दशक में रूस की खुफिया एजेंसी के लिए काम करना शुरू किया था। सोवियत संघ टूटने के दौरान वह पुतिन की तरह ही KGB से जुड़े रहे।

72 साल के पेत्रुशेव का मानना ​​है कि रूस अमेरिका के साथ संघर्ष में फंसा हुआ है। अपने एक बयान में उन्होंने कहा था कि अमेरिका रूस का तेल और खनिज चुराना चाहता है। उन्होंने एक इंटरव्यू में ये भी कहा था कि अमेरिका रूस पर कब्जा करने की साजिश कर रहा है।

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