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पेपर लीक मामले में ईडी ने पेश की चार्जशीट, RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा सहित इन 3 को बनाया आरोपी

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पेपर लीक मामले में ईडी ने पेश की चार्जशीट, RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा सहित इन 3 को बनाया आरोपी

ईडी ने दिसंबर 2022 में हुई वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में तीन एफआईआर दर्ज की है। इसमें आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा, अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह और भूपेन्द्र सारण को आरोपी बताया गया है। इसके अलावा ईडी ने जांच में यह भी माना है कि अन्य परीक्षाओं के पेपर भी लीक किए गए थे

जयपुर : दिसंबर 2022 में हुए वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में ईडी ने तीन एफआईआर दर्ज की थी। एक मामले में शुक्रवार 10 नवंबर को ईडी की विशेष कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी गई है। इस चार्जशीट में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्य बाबूलाल कटारा, अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह और भूपेन्द्र सारण को आरोपी बताया गया है। इस चार्जशीट में सबसे बड़ी बात यह है कि ईडी ने जांच में यह भी माना है कि वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के अलावा अन्य परीक्षाओं के पेपर भी लीक किए गए थे। अन्य दो एफआईआर पर ईडी की जांच जारी है।

कटारा ने भतीजे के जरिए की सौदेबाजी

वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा ने अपने भतीजे विजय डामोर के मार्फत सौदेबाजी की थी। परीक्षा से दो महीने पहले ही पेपर आरपीएससी दफ्तर से बाहर लाया गया। कटारा ने विजय डामोर के जरिए सामान्य ज्ञान विषय के पेपर को अनिल कुमार मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा को बेचा था। एक करोड़ रुपए में पेपर खरीदने के बाद शेर सिंह मीणा ने पेपर लीक माफिया भूपेंद्र सारण को पेपर बेचा। सारण ने सुरेश ढाका और सुरेश ढाका ने अपने रिश्तेदार सुरेश बिश्नोई को पेपर बेचा था। बिश्नोई ने 8 से 10 लाख रुपए लेकर कई अभ्यर्थियों को पेपर बेच दिया था।

पहले उदयपुर पुलिस और फिर एसओजी ने की जांच

पेपर लीक मामले का खुलासा सबसे पहले उदयपुर में हुआ। उदयपुर पुलिस ने एक निजी बस को रुकवाया। उस बस में करीब 40 अभ्यर्थी और कुछ दलाल बैठे थे। दलाल अभ्यर्थियों को पेपर हल करवा कर परीक्षा दिलाने जा रहे थे। बस को एस्कॉर्ट कर रही एक कार को भी जब्त किया गया जिसमें पेपर बेचने वाला सुरेश बिश्नोई सहित कुछ अन्य दलाल सवार थे। बाद में इस मामले की जांच एसओजी ने शुरू की। एसओजी ने अपनी जांच के दौरान आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, उनके भतीजे विजय डामोर, सरगना अनिल कुमार मीणा, भुपेन्द्र सारण सहित कई दलालों को गिरफ्तार किया।

करोड़ों रुपए का लेन देन हुआ तो ईडी की एंट्री हुईपेपर लीक मामले में करोड़ों रुपए के लेन देन के आरोप लगे। राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने ईडी में शिकायत दर्ज कराते हुए कई सबूत देने का दावा किया। बाद में ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की। ईडी ने बाबूलाल कटारा, विजय डामोर, अनिल कुमार उर्फ शेर सिंह मीणा और भूपेंद्र सारण सहित कई आरोपियों के ठिकानों पर दबिश देकर जांच की। कई राजनेताओं और उनके नजदीकी रिश्तेदारों के ठिकानों पर भी दबिश देकर दस्तावेज जुटाए गए। 

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