अलवर कोतवाली पुलिस ने फर्जी कागजों से 80 लाख रुपये का लोन उठाने वाले रामगढ़ के सरेटा गांव निवासी चाचा-भतीजे को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने पहले रामगढ़ के बैंक से लोन ले लिया.
Alwar: राजस्थान के अलवर कोतवाली पुलिस ने फर्जी कागजों से 80 लाख रुपये का लोन उठाने वाले रामगढ़ के सरेटा गांव निवासी चाचा-भतीजे को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने पहले रामगढ़ के बैंक से लोन ले लिया. फिर उन कागजों से अलवर के ICICI बैंक से 7 बार में कुल 80 लाख रुपये का लोन ले लिया, जब किस्त नहीं चुकी तो बैंक ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया. रिकॉर्ड जांच की तब पता लगा कि फर्जी कागज लगा कर लोन लिया गया था.
कोतवाली पुलिस के हेड कांस्टेबल रोहिताश ने बताया कि रामगढ़ के सरेटा गांव के जुबेर खान पुत्र नवाब और कमरुद्दीन पुत्र मकूल ने 2015 में अलवर के ICICI बैंक से 79 लाख 68 हजार 993 रुपये के 7 लोन उठाए थे. इस राशि से जयपुर में कोई दुकान खरीदी थी.
बैंक में जो कागज लगाए वो सब फर्जी तैयार किए गए थे. तहसीलदार और कानून कागजों की फर्जी सील लगाकर रिपोर्ट बनाई गई थी कि जमीन पर पुराना कोई बकाया नहीं है, जबकि उसी जमीन पर रामगढ़ बैंक का पुराना लोन था. राजस्व की रिपोर्ट के आधार पर बैंक ने लोन दे दिया. बीच-बीच में लोन लेते रहे. इस तरह 7 बार में कुल करीब 80 लाख रुपये उठा लिए. साल 2015 में लोन लिया और कोरोना में किस्ते नहीं चुकाई.
इसके बाद बैंक ने 2021 में FIR दर्ज करा दी, तब पुलिस पड़ताल में पता लगा कि कागज ही फर्जी लगाए थे. पुलिस ने बताया कि तहसील के जरिए फर्जी कागज तैयार कराए जाते थे. मतलब तीसरा व्यक्ति फर्जी मुहर के जरिए रिकॉर्ड बनाकर देता था. उसमें यह बताया जाता था कि जमीन पर कोई पुराना लोन बाकी नहीं है.
असली रिकॉर्ड की बजाय बैंक में नकली रिकॉर्ड लगाकर लोन लिया गया था. अब पूरी जांच में यह सामने आया है. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ 420, 406, 467, 468, 471 और 120बी में मामला दर्ज किया है. कमरुद्दीन और जुबेर के खिलफ दो-दो मामले पहले से भी दर्ज हैं.
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