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जयपुर, 4 मई। कोविड-19 महामारी में मेडिकल ऑक्सीजन और अतिआवश्यक दवाईयों की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। ऎसे लोगों की पहचान करने एवं उन पर कड़ी कार्यवाही करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक स्पेशल टीम गठित की गयी हैं।
पुलिस महानिदेशक श्री एम.एल. लाठर ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा ऎसे असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। निर्देशों की पालना में सतर्कतापूर्वक पहचान की जाकर कार्यवाही शुरू कर दी गयी हैं। इसी संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वप्रेरणा से दायर रिट याचिका में 30 अप्रेल को भी विस्तृत आदेश जारी किये गए हैं।
श्री लाठर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने इस आदेश में कोरोना के ईलाज में काम आने वाली दवाईयों, इंजेक्शनों की जमाखोरी, अधिक कीमत और नकली दवाईयों के बेचने, कालाबाजारी रोकने के संबंध में कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इनमें आमजन का उसकी असहाय स्थिति एवं परेशानी में शोषण कर लाभ कमाने का घृणित प्रयास करने वालों के विरूद्ध विशेष टीम गठित कर आपराधिक अभियोग चलाने की कार्यवाही के आदेश हैं।
श्री लाठर ने बताया कि इस आदेश मेंं भारी संख्या में जनसमूह के एकत्रीकरण (मास-गेदरिंग) को कोरोना के संकर््रमण के लिए सुपरस्प्रेडर माना गया है। ऎसे व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने की अपेक्षा की गयी हैं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुपरस्प्रेडर बनने की कार्यवाही को रोकने के लिए राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार को मास गेदरिंग पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार निरंतर प्रयत्नशील है। वैवाहिक समारोहों एवं सावों के आयोजन में अति-न्यून संख्या में एकत्रित होने के लिए लगातर अपील की जा रही हैं। निर्देशों का उल्लंघन करने पर राज्य के महामारी अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत जुर्माना एवं अभियोग किए जाने की कार्यवाही की जा रही है।
श्री लाठर ने बताया कि 3 मई को राज्य में अनावश्यक खुले में घूमकर संकर््रमण फैलाने वाले 1900 व्यक्तियों को निरूद्ध कर उन्हें संस्थागत क्वारन्टीन किया गया है। पिछले 24 घंटों में बिना मास्क के घर से निकलने वाले अथवा मास्क को मुंह एवं नाक पर ठीक प्रकार से नहीं लगाने वाले 2701 व्यक्तियों के विरूद्ध महामारी अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही की गई है। इसी अवधि में सार्वजनिक स्थलों पर थूकने वाले 2120 व्यक्तियों एवं संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक सामाजिक दूरी संधारित नहीं करने वाले 26840 व्यक्तियों के विरूद्ध जुमाने की कार्यवाही की गई हैं।
श्री लाठर ने बताया कि राज्य में कोविड-19 के बढ़ते हुए भयावह संक्रमण की श्रृंखला को प्रभावी ढंग से तोड़ने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही हैं। इन प्रयासों में पूर्ण सफलता तभी मिलेगी, जब प्रत्येक नागरिक द्वारा कड़ा अनुशासन रखा जायें।
यह भी उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने वैक्सीन की कीमत की असमान दरें निर्धारित करने की नीति पर जीवन जीने के मूलभूत अधिकार, जन-स्वास्थ्य के संरक्षण एवं समता के अधिकार के प्रकाश में पुनर्विचार करने के निर्देश भी केंन्द्र सरकार को दिए हैं।
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