लोकसभा घुसपैठ केस का राजस्थान कनेक्शन:कुचामन का महेश मास्टरमाइंड ललित का दोस्त, फरारी में की मदद; सरेंडर करने भी साथ पहुंचा
संसद में घुसपैठ केस में राजस्थान कनेक्शन सामने आया है। इस मामले के मास्टरमाइंड को न केवल फरारी के दौरान राजस्थान से मदद मिली बल्कि लम्बे समय से उसकी विचारधारा को भी यहां सपोर्ट मिल रहा था।
ये खुलासा मास्टरमाइंड ललित मोहन झा के दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर के बाद हुआ है। ललित मोहन झा राजस्थान के कुचामन शहर के रहने वाले महेश कुमावत नाम के एक लड़के के साथ दिल्ली के कर्तव्य पथ पुलिस स्टेशन सरेंडर करने पहुंचा था।
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि ललित ने संसद में घुसपैठ का वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर डाला और कोलकाता के एक NGO को भेजा, ताकि ये मीडिया तक पहुंच सके।
इसके बाद वह मौके से फरार हो गया था। इस दौरान वह अपने सभी साथियों के मोबाइल फोन भी ले गया था। उसने सबूत मिटाने के लिए सारे मोबाइल जला दिए।
कुचामन के महेश की घुसपैठ के मास्टरमाइंड ललित झा से दोस्ती है। उसने फरारी में मदद की और सरेंडर करने भी उसके साथ पहुंचा।
महेश ने किया ललित के रुकने का इंतजाम
मोबाइल जलाने के बाद ललित बस से राजस्थान के कुचामन शहर में रहने वाले अपने दोस्त और भगत सिंह फैन क्लब से जुड़े महेश कुमावत के पास पहुंचा।
महेश ने अपने मौसी के बेटे कैलाश कुमावत के साथ उसे रिसीव किया। महेश ने ही उसके रात में ठहरने की व्यवस्था की। तीनों रात भर स्टेशन रोड पर स्थित होटल में साथ ही रहे।
यहां से ललित और महेश अगली सुबह साथ ही वहां से निकल गए। इस दौरान महेश ने भी अपना फोन स्विच ऑफ़ कर लिया।
इधर दिल्ली पुलिस लगातार ललित का पीछा कर रही थी। पीछा करते- करते वो कुचामन भी पहुंची। यहां कैलाश कुमावत उन्हें मिल गया।
पूछताछ में ये क्लियर हो गया था कि ललित और महेश एक साथ ही पुलिस से बचते भाग रहे हैं। ललित और महेश चौतरफा घिर गए तो दोनों बस से दिल्ली पहुंचे और कर्तव्य पथ पुलिस स्टेशन पहुंचकर दोनों ने सरेंडर कर दिया।
महेश ललित और उसके ग्रुप की आइडियोलॉजी को सपोर्ट करता था। उसके सोशल मीडिया पोस्ट भी शेयर करता था।
भगत सिंह फैन क्लब से जुड़ा था महेश, मास्टरमाइंड ललित से गहरी दोस्ती
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि केस के मास्टरमाइंड ललित और महेश के बीच गहरी दोस्ती थी। दोनों सोशल मीडिया पर फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए कॉन्टेक्ट में आए थे।
इसके बाद महेश ललित की हर पोस्ट को अपने अकाउंट से शेयर करने लगा था। वो पूरी तरह से ललित और उसके ग्रुप की आइडियोलॉजी को सपोर्ट करता था। महेश उसके भगत सिंह फैन क्लब ग्रुप का एक्टिव मेंबर था।
मौसेरे भाई का फिलहाल रोल नहीं आया सामने
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि फिलहाल अब तक हुई जांच में महेश कुमावत के मौसी के बेटे कैलाश कुमावत का इस केस में कोई रोल सामने नहीं आया है। वहीं महेश का बड़ा इनवॉल्वमेंट सामने आ सकता है।
ललित और उसकी नजदीकियों और उसके सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल की स्टडी से पुलिस को और ज्यादा डिटेल्स मिलने की उम्मीद है।
संसद में घुसपैठ कर स्मोक कैन चलाने वाले सभी आरोपी भगत सिंह फैंस क्लब में शामिल थे। सोशल मीडिया ग्रुप पर ये लोग अपनी विचारधारा वाली पोस्ट डालते थे।
कई राज्यों के लोग इस क्लब से जुड़े हुए हैं। पांचवें आरोपी गुरुग्राम के विशाल शर्मा से हिरासत में पूछताछ जारी है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों का किसी आतंकी संगठन से संबंध सामने नहीं आया है। सभी करीब डेढ़ साल से संसद में घुसपैठ की साजिश रच रहे थे। तब वे मैसूर में मिले।
मार्च में मनोरंजन को रेकी करने को कहा
पुलिस के अनुसार ललित झा ने मार्च में मनोरंजन को संसद भवन की रेकी को कहा। सागर भी जुलाई में संसद भवन आया, लेकिन भीतर नहीं जा पाया। मनोरंजन और सागर ने देखा कि यहां जूतों की जांच नहीं होती है, इसलिए स्मोक कैन को जूतों में छिपाया था।
इस तरह दिया प्लान को अंजाम
10 दिसंबर को सभी दिल्ली पहुंचे। मनोरंजन फ्लाइट से आया। राजस्थान से भी एक अन्य व्यक्ति को दिल्ली में पहुंचना था।
अमोल ने इंडिया गेट पर ठाणे से लाए स्मोक कैन सभी को इंडिया गेट पर बांटे। सदर बाजार से तिरंगे भी खरीदे।
सागर ने दो पास हासिल किए, इसलिए सागर-मनोरंजन ही संसद में दाखिल हुए। सागर ने लखनऊ में एक कारीगर से जूतों में कैन छिपाने की जगह बनवाई थी।
ललित ने अमोल-नीलम के संसद के बाहर स्मोक कैन चलाने के वीडियो बनाए और बंगाल में NGO चलाने वाले नीलाक्ष को भेजे। नीलाक्ष ने पुलिस को बताया कि ललित अप्रैल में ही NGO से जुड़ा था। वह अपनी पहचान को गुप्त रखता था।
ललित स्मोक कैन चलाने को फेसबुक पर लाइव करना चाहता था। उसने चारों आरोपियों के मोबाइल अपने पास रख लिए थे।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक पर्चे भी मिले हैं।
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