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सोमालिया के पास जहाज हाईजैक, भारतीय नौसेना का ऑपरेशन शुरू:शिप में घुसे मार्कोस कमांडो, समुद्री लुटेरों की तलाश जारी

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सोमालिया के पास जहाज हाईजैक, भारतीय नौसेना का ऑपरेशन शुरू:शिप में घुसे मार्कोस कमांडो, समुद्री लुटेरों की तलाश जारी

तस्वीर लीला नोर्फोर्क मर्चेंट वेसल की है। यह जहाज ब्राजील के पोर्टो डू एकू से बहरीन के खलीफा बिन सलमान पोर्ट जा रहा था। (क्रेडिट- वेसल फाइंडर) - Dainik Bhaskar

तस्वीर लीला नोर्फोर्क मर्चेंट वेसल की है। यह जहाज ब्राजील के पोर्टो डू एकू से बहरीन के खलीफा बिन सलमान पोर्ट जा रहा था।

अरब सागर में सोमालिया के तट के पास हाईजैक हुए जहाज के पास भारतीय नौसेना पहुंच गई है। TIN के मुताबिक जहाज पर नजर बनाए रखने INS चेन्नई को रवाना किया गयाथा। यह हाईजैक हुए जहाज के पास पहुंच गया है। नौसेना के मार्कोस कमांडो जहाज में घुस गए हैं। उन्होंने समुद्री लुटेरों को तलाश शुरू कर दी है।

हाईजैक किए गए इस जहाज पर 15 भारतीय क्रू मेंबर्स सवार हैं। सभी सुरक्षित हैं। मामला 4 जनवरी का है, लेकिन इसकी जानकारी आज शुक्रवार को सामने आई। लाइबेरिया के फ्लैग वाले इस जहाज का नाम लीला नोर्फोर्क है।

भारतीय नौसेना ने बताया कि जहाज ने ब्रिटेन के मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स (UKMTO) पोर्टल पर एक संदेश भेजा था। इसमें कहा गया था कि 4 जनवरी की शाम को 5-6 सुमद्री लुटेरे हथियारों के साथ जहाज पर उतरे।

मैप में सोमालिया और अरब सागर की लोकेशन देखी जा सकती है। हाईजैक किया गया जहाज सोमालिया के तट के पास था…

जहाज से आखिरी बार 30 दिसंबर को संपर्क हुआ था
भारतीय नौसेना ने कहा- हाईजैक की सूचना मिलते ही एक मैरिटाइम पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट P8I को जहाज की तरफ रवाना किया गया। मर्चेंट वेसल की सुरक्षा के लिए INS चेन्नई को भी भेजा गया। फिलहाल हम मामले पर नजर बनाए हुए हैं।

मरीन ट्रैफिक के मुताबिक, जहाज ब्राजील के पोर्टो डू एकू से बहरीन के खलीफा बिन सलमान पोर्ट जा रहा था। यह 11 जनवरी को लोकेशन पर पहुंचने वाला था। वहीं, वेसल फाइंडर के मुताबिक, जहाज से आखिरी बार 30 दिसंबर को संपर्क किया गया था। जहाज को किसने हाईजैक किया, इसकी जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है।

तस्वीर 14 दिसंबर को अरब सागर से हाइजैक किए गए MV रुएन जहाज की है।

तस्वीर 14 दिसंबर को अरब सागर से हाइजैक किए गए MV रुएन जहाज की है।

14 दिसंबर को समुद्री लुटेरों ने माल्टा का जहाज हाईजैक किया था
अरब और लाल सागर में इन दिनों मर्चेंट वेसल पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इससे पहले 14 दिसंबर को भी समुद्री लुटेरों ने माल्टा के एक जहाज को हाईजैक कर लिया था।

इसके बाद नौसेना ने अपने एक युद्धपोत को अदन की खाड़ी में हाइजैक हुए जहाज MV रुएन की मदद के लिए भेजा था। जहाज को 6 लोगों ने अगवा किया था। भारतीय नौसेना ने माल्टा के जहाज से एक नाविक को रेस्क्यू किया था। यह नाविक गंभीर रूप से जख्मी था। इसका इलाज शिप पर मुमकिन नहीं था, लिहाजा उसे ओमान भेजा गया था।

द मैरीटाइम एग्जीक्यूटिव की रिपोर्ट के मुताबिक हाइजैक हुआ जहाज कोरिया से तुर्किये की तरफ जा रहा था। तभी सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने उस पर हमला कर दिया।

वीडियो हूती संगठन ने जारी किया था, इसमें उनके लड़ाके जहाज को हाइजैक करते दिख रहे हैं।

वीडियो हूती संगठन ने जारी किया था, इसमें उनके लड़ाके जहाज को हाइजैक करते दिख रहे हैं।

हूतियों ने भारत आ रहे जहाज को हाईजैक किया था
इससे पहले 19 नवंबर को हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से एक कार्गो शिप गैलेक्सी लीडर को हाइजैक कर लिया था। यह जहाज तुर्किये से भारत आ रहा था। हूती विद्रोहियों ने इसे इजराइली जहाज समझकर हाइजैक किया था। हूतियों ने शिप हाइजैक करने का वीडियो भी शेयर किया था। इस जहाज में 25 भारतीय क्रू मेंबर्स थे।

जहाज हाइजैक होने की जानकारी मिलते ही नेतन्याहू ने इसका आरोप ईरान पर लगाया था। इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ईरान की ओर से अंतरराष्ट्रीय जहाज पर हमला बताया था। उन्होंने कहा था कि यह ईरान की तरफ से की गई आतंकी हरकत है। यह दुनिया पर हमले की कोशिश है। इससे दुनिया की शिपिंग लाइन भी प्रभावित होगी।

1990 के बाद सोमालिया में सिविल वॉर शुरू हुआ। लोग बेरोजगार होने लगे। रोजगार छिनने के बाद सोमालिया के लोग समुद्री लुटेरे बन गए।

1990 के बाद सोमालिया में सिविल वॉर शुरू हुआ। लोग बेरोजगार होने लगे। रोजगार छिनने के बाद सोमालिया के लोग समुद्री लुटेरे बन गए।

1990 के बाद सोमालिया में बढ़े समुद्री लुटेरे
सोमालिया वो मुल्क है, जिसके समुद्र में बड़ी तादाद में मछलियां मौजूद हैं। 1990 तक इसकी अर्थव्यवस्था मछलियों से ही चलती थी। तब यहां समुद्री लुटेरों का कोई डर नहीं था। अधिकतर लोग मछली का व्यापार करते थे। फिर यहां सिविल वॉर शुरू हो गया। सरकार और नौसेना नहीं रही। इसका फायदा विदेशी कंपनियों ने उठाया।

सोमालिया के लोग छोटी नावों में मछली पकड़ते थे। उनके सामने विदेशी कंपनियों के बड़े-बड़े ट्रॉलर आकर खड़े हो गए। लोगों का रोजगार छिनने लगा। इससे परेशान होकर 1990 के बाद इस देश के लोगों ने हथियार उठा लिए और समुद्री लुटेरे बन गए। समुद्री मालवाहक जहाजों का एक बड़ा बेड़ा सोमालिया कोस्ट के पास से होकर गुजरता था।

मछुआरे से लुटेरे बने लोगों ने इन जहाजों को निशाना बनाना शुरू किया। जहाज छोड़ने के बदले वे फिरौती लेने लगे। साल 2005 तक यह धंधा इतना बड़ा हो गया कि एक पाइरेट स्टॉक एक्सचेंज बना दिया गया। यानी लुटेरों के अभियान को फंड करने के लिए लोग इन्वेस्ट कर सकते थे। बदले में लोगों को लूटी हुई रकम का एक बड़ा हिस्सा मिलता।

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