कभी आरिफ तो कभी सलीम बन 50 महिलाओं को ठगा:एक शिकार के लिए दो हफ्ते का टारगेट, फिर लोकेशन बदल लेता था
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‘10 फरवरी 2024 को मेट्रोमोनियल वेबसाइट पर मेरी उससे जान पहचान हुई। पांच दिन बाद 15 फरवरी को हम पहली बार मिले। उसने कहा कि तुम्हारी स्कूटी पुरानी हो गई है, चलो नई खरीद देता हूं। उसने कुछ पैसे देकर मेरे नाम पर एक स्कूटी बुक करवाई। मैंने भी 19 हजार रुपए दिए। स्कूटी फाइनेंस पर थी। उसने कहा कि आगे की EMI वो देगा। टेस्ट ड्राइव के नाम पर स्कूटी ले गया। फिर नहीं लौटा।’
ये कहानी यूपी के रायबरेली में रहने वाली एक महिला की है। मुकीम अयूब खान नाम के शख्स ने उन्हें शादी का सपना दिखाया और ठगी कर फरार हो गया। लूट की शिकार हुईं वो इकलौती महिला नहीं हैं। मुकीम पेशेवर लुटेरा है। पिछले 4 साल में 5-6 राज्यों की 50 से ज्यादा महिलाओं को शिकार बना चुका है। फिलहाल मुकीम दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में है।
वो जीवनसाथी डॉट कॉम और शादी डॉट कॉम से खासकर तलाकशुदा या विधवा मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करता था। उन्हें मिलने बुलाता और कुछ घंटे बाद ही लूटकर फरार हो जाता था। मुकीम कैसे बना इतना शातिर अपराधी, कैसे महिलाओं को टारगेट करता, इसे सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं।
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पहली कहानी रायबरेली की महिला की… लोन पर मेरे नाम नई स्कूटी खरीदी, टेस्ट ड्राइव के बहाने ले गया रायबरेली में मुकीम का शिकार हुई महिला बताती हैं, ‘10 फरवरी 2024 को मेट्रोमोनियल वेबसाइट पर उसका प्रोफाइल देखा। नाम आरिफ और उम्र करीब 36 साल थी। खुद को दिल्ली का रहने वाला बताया। वेबसाइट पर हमने एक दूसरे का फोन नंबर लिया।’
‘फिर हम चैट करने लगे। उसने बताया कि होम मिनिस्ट्री में सरकारी अधिकारी है। पत्नी की मौत हो चुकी है। 4 साल की एक बेटी है। मैंने भी बताया कि मैं तलाकशुदा हूं। मेरी एक बेटी और एक बेटा है।‘
‘इसके बाद वैलेंटाइन डे के अगले दिन 15 फरवरी, 2024 को हम पहली बार मिले। दोपहर करीब 12 बजे आरिफ रायबरेली पहुंचा। उसने मुझे घर के बाहर बुलाया। उसने कहा कि तुम्हारी स्कूटी पुरानी हो गई है, चलो नई खरीद देता हूं। इसके बाद हम दोनों रायबरेली के सारस चौराहे पर एक शोरूम में गए।‘
वे आगे बताती हैं, ‘आरिफ ने कुछ पैसे देकर मेरे नाम पर एक स्कूटी बुक की। उसके कहने पर मैंने स्कूटी के लिए 19 हजार रुपए कैश भी दिए। उसने स्कूटी मेरे नाम से फाइनेंस करवाई और कहा कि आगे की किस्तें वो देगा। स्कूटी मेरे नाम पर थी। कागजात भी मेरे नाम ही बने, इसलिए उस पर शक नहीं हुआ।‘
‘कुछ देर बाद वो टेस्ट ड्राइव के नाम पर स्कूटी लेकर गया। फिर कभी नहीं लौटा। मैं इंतजार ही करती रह गई। उसके नंबर पर कॉल किया तो वो बंद मिला। इसके बाद फर्जीवाड़े का पता चला।‘
15 फरवरी की घटना की 23 मई को रायबरेली के कोतवाली थाने में FIR दर्ज हुई, लेकिन यूपी पुलिस आरिफ तक नहीं पहुंच सकी।
इस घटना के करीब 7 महीने बाद 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुकीम खान को अरेस्ट किया। इससे पूछताछ में पता चला कि यूपी के रायबरेली में तलाकशुदा महिला से ठगी कर लूटने वाला शख्स वही था। उसका असली नाम आरिफ नहीं बल्कि मुकीम खान है।
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दूसरी कहानी यूपी की ज्यूडिशियल अफसर की… पहले घर आकर शादी फिक्स की, फिर होटल और हॉल बुकिंग के नाम पर ठगा ठगी का शिकार हुईं ज्यूडिशियल अफसर यूपी की रहने वाली हैं। उन्होंने पुलिस में अपना जो बयान दर्ज कराया है, हालांकि हम उनकी पहचान उजागर नहीं कर रहे हैं। मुकीम खान इसी साल 23 मार्च को उनसे आरिफ बनकर मिला था। आरिफ के साथ एक युवती भी थी।
ज्यूडिशियल अफसर के बयान के मुताबिक, ‘23 मार्च को आरिफ एक युवती के साथ हमारे शहर आया था। उसने कहा कि वो उसकी बहन अना रिजवी है। दोनों शहर के एक होटल में रुके थे। फिर शाम को घर पर आए। उस वक्त घर पर मैं और मेरी 80 साल की बुजुर्ग मां थीं।’
‘उस वक्त रोजा चल रहा था। इफ्तार पर दोनों ने बहुत मीठी-मीठी बातें कीं। दोनों ने शादी की बात फाइनल करने के लिए कहा। इसके बाद बोले कि आप लोग ईद के बाद लखनऊ में हमारे घर आना। ये कहकर चले गए।’
‘30 मार्च से 2 अप्रैल के बीच दोनों फिर आए और एक होटल में रुके। वो हर रोज मंगनी के लिए बैंक्वेट हॉल देखने के बहाने मुझे बुला लेते थे। फिर कभी एटीएम खो जाने तो कभी कोई बहाना बनाकर 50 हजार रुपए ले लिए। इसके अलावा होटल की बुकिंग के एडवांस के नाम पर भी 40 हजार रुपए ले लिए।‘
‘आरिफ की ठगी यही नहीं रुकी। 2 अप्रैल की सुबह करीब साढ़े 11 बजे वो हमारे घर आया। उस वक्त मैं कोर्ट में गई हुई थी। तब वो मेरा इंतजार करने की बात कहकर मेरे कमरे में बैठा रहा। इसी दौरान मौका पाकर उसने मेरी अलमारी में रखे सोने और चांदी की ज्वेलरी के साथ कीमती घड़ियां भी चुरा लीं।‘ इस मामले की एफआईआर दर्ज है।
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अब जानिए कौन है ये मुकीम खान… लॉकडाउन में बेरोजगार हुआ, तब शुरू किया फर्जीवाड़े का काम दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपी मुकीम अयूब खान यूपी के प्रतापगढ़ का रहने वाला है। 2014 में उसकी शादी हुई थी। उसके 3 बच्चे भी हैं। वो पहले कुछ प्राइवेट काम करता था, लेकिन कोविड में लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हो गया। वो दसवीं फेल है, लेकिन दिमाग से बेहद शातिर है। वो अपने हर टारगेट से अलग-अलग नाम से मिलता और पूरी प्लानिंग के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देता रहा।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के DCP संजय कुमार सेन के मुताबिक, ‘उसने 2020 में शादी डॉट कॉम पर एक फेक प्रोफाइल बनाया। उसके जरिए उसने तलाकशुदा महिला से कॉन्टैक्ट किया। उसकी बात गुजरात के वडोदरा की एक वर्किंग वुमन से हुई। उसकी 5 साल की बेटी थी। मुकीम उस महिला से मिलने के लिए वडोदरा गया।‘
‘उनसे इमोशनल बातें कीं। फिर एक दिन अपना पर्स खो जाने की बात कहकर 30 हजार रुपए ऐंठ लिए। इसके बाद मुकीम ने उस महिला से शादी भी कर ली। शादी के बाद धीरे-धीरे उसने कई लाख रुपए ठग लिए। बस यहीं से उसे एहसास हो गया कि तलाकशुदा या विधवा महिला को शादी का झांसा देकर और इमोशनल बात कर ठगा जा सकता है।‘
फिर मुकीम ने आसानी से पैसे कमाने के इसी धंधे को आगे बढ़ाया। उसने मेट्रोमोनियल वेबसाइट पर 20 से ज्यादा फेक आईडी बनाई। सभी पर अलग-अलग नामों से तलाकशुदा या विधवा वर्किंग महिलाओं को टारगेट करने लगा। यहां से उसने दूसरा शिकार दिल्ली की एक महिला को बनाया।
दिल्ली की विधवा महिला से की तीसरी शादी, फिर 50 से ज्यादा को ठगा दिल्ली क्राइम ब्रांच के DCP संजय कुमार सैन बताते हैं, ‘2023 में मेट्रोमोनियल वेबसाइट के जरिए वो दिल्ली के प्रीत विहार में रहने वाली एक महिला के कॉन्टैक्ट में आया। महिला विधवा थीं और उनकी 5 साल की बेटी है। मुकीम ने उन्हें झांसे में लिया।‘
‘वो वडोदरा में शादी कर चुकी महिला को छोड़कर दिल्ली आ गया। इस महिला से उसने तीसरी शादी कर ली। कुछ ही वक्त में वो इनसे भी कैश और कीमती ज्वेलरी लूटकर फरार हो गया।‘
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19 सितंबर को जब मुकीम वडोदरा से दिल्ली निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंचा था, तब पुलिस ने एक सीक्रेट सूचना पर उसे अरेस्ट कर लिया।
लखनऊ में महिला को सलीम बताकर मिला, ले भागा स्कूटी मुकीम ने 30 मई को लखनऊ में भी एक तलाकशुदा महिला को ठगी का शिकार बनाया। महिला ने 2 जून को FIR दर्ज कराई थी। महिला ने बयान में बताया, ‘4 साल पहले मेरा पति से तलाक हो गया था। मई के पहले हफ्ते में मेट्रोमोनियल साइट पर एक शख्स से बातचीत शुरू हुई। उसने अपना नाम सलीम बताया। वो दिल्ली का रहने वाला था। हमारे बीच कई दिनों तक वॉट्सऐप पर चैट हुई।‘
‘30 मई की शाम वो लखनऊ में पहली बार मुझसे मिलने आया था। वो मेरी स्कूटी पर बैठकर साथ में पार्क आया। यहां हम थोड़ी देर साथ में घूमे। इसके बाद उसने मेरी स्कूटी की चाबी मांगी। मुझे लगा कि वो कहीं घूमकर आ जाएगा। उसने भी कहा था कि 2 मिनट में घूमकर स्कूटी को कहीं सही पार्किंग में खड़ी कर दूंगा। कई घंटे बीत गए, लेकिन फिर वो नहीं लौटा। हम इंतजार करते रहे। उसे फोन लगाया, वो भी स्विचऑफ मिला।‘
आइए अब जानते हैं वो महिलाओं को कैसे ट्रैप करता पहला स्टेप- मेट्रोमोनियल वेबसाइट से टारगेट, फिर नंबर शेयर कर वॉट्सऐप चैट मुकीम ने जीवनसाथी और शादी डॉट कॉम पर जो फेक प्रोफाइल बना रखे थे, उसमें वो खुद को होम मिनिस्ट्री का अफसर बताता था। फिर किसी वर्किंग तलाकशुदा या विधवा मुस्लिम महिलाओं का प्रोफाइल देखता। उन्हें मैसेज भेजता। प्रोफाइल ऐसा बनाता था कि कोई भी महिला आकर्षित हो जाए। रिस्पॉन्स मिलने पर वो उनसे मोबाइल नंबर शेयर कर लेता था।
वॉटसऐप पर चैट बातचीत शुरू होते वो अपनी मनगढ़ंत कहानी सुनाता था। कहता था कि मेरी वाइफ की अचानक मौत होने से मैं काफी परेशान हूं। 5 साल की बेटी है। फिर वो अपनी बेटी के साथ वाली फोटो भेज देता था। इमोशनल मैसेज करते हुए कहता था कि सरकारी अधिकारी हूं इसलिए सैलरी तो अच्छी है, लेकिन बेटी को वक्त नहीं दे पा रहा हूं। इस तरह इमोशनल मैसेज कर दिल जीत लेता था।
दूसरा स्टेप- भरोसा जीतकर मुलाकात करता, फिर करता था ठगी वो किसी भी टारगेट को पूरा करने के लिए 1 से 2 हफ्ते का समय रखता था। उसी समय में चैट करता था। मिलने का टाइम फिक्स करता था। फिर वो कैश, ज्वेलरी या किसी स्कूटी और सामान की ठगी करता। फिर उसे तुरंत बेच देता था। कभी मैरिज हॉल बुकिंग के लिए एडवांस तो कभी खुद के लिए ट्रेन या फ्लाइट टिकट भी बुक करा लेता था। कभी-कभी एटीएम कार्ड ब्लॉक होने या पर्स भूल जाने का भी नाटक करता।
एक बार भरोसा जीतने के बाद ही वो उनके परिवारों से मिलकर शादी की बात करता था। वो शादी की तारीख तय करता। फिर शादी के लिए ही रिसॉर्ट, मैरिज हॉल या होटल की बुकिंग के नाम पर उनसे एडवांस में पैसे ले लेता था। वो महिलाओं का भरोसा जीतने के लिए कई बार उन्हें महंगी घड़ी या गिफ्ट भी दिलाता था। फिर पर्स गिर जाने या दूसरे बहाने बनाकर कैश और ज्वेलरी लूटकर भाग जाता था।
हर दो हफ्ते में नया टारगेट, नई लोकेशन, इसलिए नहीं आता था गिरफ्त में दिल्ली पुलिस के DCP क्राइम ब्रांच संजय कुमार सैन के अनुसार, ‘मुकीम खान बेहद शातिर किस्म का अपराधी रहा है। वो अपने खास टारगेट के लिए खास नंबर का इस्तेमाल करता था। एक साथ कई टारगेट से चैट करता था।
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‘वो हर दो हफ्ते में अपनी लोकेशन बदल देता था। कभी शहर तो कई बार राज्य। इसलिए उसे गिरफ्तार करना आसान नहीं था। एक टीम जब तक किसी लोकेशन पर उसे ट्रेस कर पहुंचती थी तब तक वो फरार हो चुका होता था। इसकी शिकार बनीं काफी महिलाएं ऐसी हैं जो अभी तक सामने भी नहीं आ पाई हैं।‘
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