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चुनाव के दौरान जब्त करोड़ो रुपयों और शराब का आखिर होता क्या है ?

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चुनाव के दौरान जब्त करोड़ो रुपयों और शराब का आखिर होता क्या है ?

locationनई दिल्ली

Assembly Elections 2023: राजस्थान, मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव, का ऐलान हो चुका है। इस दौरान पुलिसकर्मी बड़ी मात्र में पैसा और शराब जब्त कर रहे हैं। आइये जानते हैं आखिर जब्‍त की गई शराब और कैश का होता क्‍या है?

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Assembly Elections 2023: राजस्थान, छतीसगढ़, मिजोरम, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में होने वाले चुनाव को लेकर देश में माहौल काफी गर्म है। सभी पार्टियां सत्ता पर काबिज होने के लिए प्रयास कर रही है। लगभग सभी राज्यों में उम्मीदवारों का ऐलान भी किया जा चुका है जिसके बाद भाजपा, कांग्रेस समेत सभी दल पार्टी के भीतर से उठने वाले बगावत सुरों को साधने में लगी है। अब जब चुनाव में गिनती के दिन बाकी है तो मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए पैसे और शराब का सहारा ललिया जा रहा है। ऐसे में पुलिस और एक्साइज डिपार्टमेंट छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में पैसा और शराब जब्त कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब्ती के बाद इन पैसे और शराब का क्या होता है?


पैसा किसे दिया जाता है

जिन राज्यों में चुनाव होने वाला है वहां पैसा बांटने का खेल शुरु हो चुका है। पिछले तेरह दिनों में राजस्थान में 200 करोड़ से ज्यादा कैश जब्त किया जा चुका है। तेलंगाना में 300 करोड़ से ऊपर का सोना कुछ दिन पहले ही पुलिसकर्मियों के हत्थे चढ़ा था। ठीक ऐसा ही हाल मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ का भी है।

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन पैसों का क्या होता है। इन सवालों का जवाब देते हुए एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि चुनाव के दौरान जो पैसा पकड़ा जाता है उसे पुलिस इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सौंप देती है। अगर, पैसे कहां से आया है इसका पता हो, तो जिस व्यक्ति से पैसा पकड़ा गया है वह उस पैसे पर दावा कर सकता है। अगर पैसा वैध पाया जाता है तो उस व्यक्ति को वापस मिल जाता है।

एक घटना का उदाहरण देते हुए ऑफिसर ने बताया कि पिछले साल विधानसभा चुनाव में एक व्यक्ति के पास से पुलिस ने 25 लाख रुपये जब्त किए थे। इसके बाद जांच की गई तो उस व्यक्ति ने पैसे की पूरी बैंक डिटेल्स और एटीएम से निकालने के प्रूफ दे दिए। इसके बाद उसे सारा पैसा लौटा दिया गया।


शराब की बोतलों के साथ क्या होता है

यह खबर बहुत ही आम है कि वोटरों को प्रभावित करने के लिए उम्मीदवार चोरी-छिपे शराब बांटते हैं। यह अपराध की श्रेणी में आता है। जब पुलिस इन शराबों को जब्त करती है तो उसके बाद आबकारी विभाग को सौंप दिया जाता है। इस गलत काम को रोकने के लिए कई बार चुनाव आयोग की टीमें, आबकारी विभाग और पुलिस मिलकर अवैध शराब पकड़ने का ऑपरेशन चलाती हैं।

इस दौरान बड़ी मात्रा में देसी और विदेशी दोनों तरह की शराब पकड़ी जाती है। जब्ती के बाद इन शराबों का क्या होता है इस सवाल का जवाब देते हुए आबकारी विभाग के एक अधिकरी ने बताया कि इन शराबों को बेचा नहीं जा सकता। इसलिए इन बोतलों पर बुलडोजर चढ़ा कर नष्ट कर दिया जाता है।

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