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रीट परीक्षा: आपत्ति के नाम पर भर गया बोर्ड का खजाना, आवेदन से ज्यादा आपत्ति शुल्क पड़ा गरीब युवाओं पर भारी

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जयपुर। 25 फरवरी से 1 मार्च तक आयोजित हुई रीट शिक्षक भर्ती मुख्य परीक्षा में प्रश्नों पर आपत्तियां देने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। लेवल-1 के 21 हजार पदों और लेवल-2 के 27 हजार पदों पर आयोजित हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक बार फिर से आपत्तियां गरीब विद्यार्थियों पर आर्थिक रूप से भारी पड़ती हुई नजर आई है. आपत्तियों के नाम पर ही राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड का खजाना भर गया है. बोर्ड को आपत्तियों के चलते करीब साढ़े 5 करोड़ रुपये तक के राजस्व की प्राप्ति होने की सूचना है।

प्रति सवाल 100 रुपये आवेदन शुल्क

25 फरवरी से 1 मार्च तक 9 पारियों में आयोजित हुई तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा में 20 मार्च से 22 मार्च रात 12 बजे तक आपत्तियां मांगी गई थी. प्रति प्रश्न आपत्तियों का शुल्क 100 रुपये निर्धारित किया गया था. इसके साथ ही जितने सवालों पर विद्यार्थियों को आपत्ति हो 100 रुपये प्रति प्रश्न के हिसाब से आपत्ति शुल्क जमा करवाया गया है।

करीब साढ़े 5 लाख आपत्तियां हुई प्राप्त

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के सूत्रों की अगर माने तो बोर्ड को लेवल-1 और लेवल-2 में करीब साढ़े 5 लाख आपत्तियां प्राप्त होने की जानकारी मिली है. जिसके अनुसार बोर्ड को आपत्तियों पर करीब साढ़े 5 करोड़ रुपये का शुल्क प्राप्त हुआ है. हालांकि अभी तक बोर्ड की ओर से आपत्तियां प्राप्त होने की आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है. लेकिन करीब साढ़े 5 लाख आपत्तियां प्राप्त होने की सूचना है।

9 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी परीक्षा में हुए थे शामिल

25 फरवरी से 1 मार्च तक 9 पारियों में आयोजित रीट मुख्य परीक्षा में कुल 9 लाख 65 हजार 365 परीक्षार्थी पंजीकृत थे. लेवल-1 के 21 हजार पदों पर 2 लाख 12 हजार 342 परीक्षार्थी पंजीकृत थे. वहीं लेवल-2 के 27 हजार पदों पर 7 लाख 53 हजार 231 परीक्षार्थी पंजीकृत थे. दोनों लेवल में 9 लाख 2  हजार 325 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए. साथ ही परीक्षा में उपस्थिति 93.47 दर्ज की गई।
 

हिंदी में करीब 6 से 12 सवालों पर सबसे आपत्ति

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आंसर-की ओर मास्टर आंसर-की जारी होने के बाद सबसे ज्यादा आपत्ति हिंदी विषय की परीक्षा में प्राप्त हुई है. 26 फरवरी को दूसरी पारी में आयोजित हुई हिंदी की परीक्षा में करीब 6 से 12 सवालों तक अभ्यर्थियों द्वारा आपत्ति दर्ज की गई है. जिसमें मास्टर आंसर-की के आधार पर प्रश्न संख्या 12, प्रश्न सख्या 45, प्रश्न संख्या 60, प्रश्न संख्या 66, प्रश्न संख्या 70, प्रश्न संख्या 71, प्रश्न संख्या 91, प्रश्न संख्या 108, प्रश्न संख्या 122, प्रश्न संख्या 131 और प्रश्न संख्या 148 शामिल है।

प्रश्न डिलीट होने पर हो सकता बड़ा नुकसान

बीती कुछ परीक्षाओं में देखने को मिला था की बोर्ड की ओर से प्रश्नों पर ज्यादा आपत्ति प्राप्त होने के बाद प्रश्नों को डिलीट करने का फैसला लिया गया था. अगर बोर्ड की ओर से हिंदी में 4 से 8 सवालों को भी डिलीट किया जाता है तो ऐसे में कटऑफ पर तो भारी असर पड़ेगा साथ ही सैंकड़ों अभ्यर्थी दौड़ से भी बाहर होने की कगार पर पहुंच सकते हैं।

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