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लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने वाला आतंकी आमिर पुलिस के हत्थे चढ़ा

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चार दिन पहले लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने वाला आतंकी आमिर पुलिस के हत्थे चढ़ा
सूचना मिलते ही एसओजी के जवान सेना की 14 आरआर व सीआरपीएफ 3 बटालियन का संयुक्त दल घटनास्थल पर पहुंच गया और बाग की घेराबंदी करने के बाद उन्होंने आतंकी की तलाश शुरू कर दी। उनका पूरा प्रयास था कि आमिर को जिंदा गिरफ्तार किया जाए।

REPORT BY SAHIL PATHAN

श्रीनगर : उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा से पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी/टीआरएफ) के एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि यह गिरफ्तारी गत रविवार 17 अप्रैल को की गई। गिरफ्तार आतंकी लावेपारेा बांडीपोरा का रहने वाला आमिर अहमद खान है, जिसका आतंकी बनने के बाद 13 अप्रैल को इंटरनेट मीडिया पर तेजी से फोटो वायरल हुआ था।
पुलिस ने बताया कि लावेपोरा बांडीपोरा के रहने वाले तारिक खान के बेटे आमिर के लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने की सूचना मिलने के बाद से ही उन्होंने अपने सूचना तंत्रों को सक्रिय कर दिया था। उन्हें यह आशंका थी कि संगठन में शामिल होने के बाद आमिर एक बार अपने घर जरूर आएगा। ऐसा ही हुआ। 17 अप्रैल की शाम को उन्हें सूचना मिली कि आमिर अपने ही गांव के बाहर एक बाग में छिपा हुआ है।सूचना मिलते ही एसओजी के जवान, सेना की 14 आरआर व सीआरपीएफ 3 बटालियन का संयुक्त दल घटनास्थल पर पहुंच गया और बाग की घेराबंदी करने के बाद उन्होंने आतंकी की तलाश शुरू कर दी। उनका पूरा प्रयास था कि आमिर को जिंदा गिरफ्तार किया जाए। घेराबंदी होेते ही पुलिस ने आमिर को हथियार डाल आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। सूत्रों का कहना है कि आमिर को हथियार डालने के लिए मनाने के लिए सुरक्षाबलों ने उसके परिवार की मदद भी ली।आखिरकार आमिर टूट गया और उसने हथियार छोड़ सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारिक तौर पर पुलिस ने अभी तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है। आपको जानकारी हो कि सेना व पुलिस बार-बार कश्मीर के युवाओं को आतंकवाद का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में शामिल होने की अपील करता आ रहा है। यही नहीं अभिभावकों से भी कहा जा रहा है कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि कश्मीर घाटी में इंटरनेट मीडिया पर कई ऐसे लोग सक्रिय हैं, जो युवकों को बरगलाकर आतंकवाद की राह पर चलने को मजबूर कर रहे हैं। यही नहीं आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे ओवरग्राउंड वर्कर भी युवकों को आतंकी संगठनों में भर्ती कराने के लिए काम कर रहे हैं। पुलिस ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

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