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वन विभाग का अनूठा नवाचार वन-वन्य जीव प्रबंध की समस्याएं समझने, बताने और उनके ठोस समाधान सुझाने वाले कार्मिक होंगे सम्मानित -कार्मिकों से 5 जनवरी 2022 तक मांगे आवेदन

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जयपुर, 26 सितंबर। नवाचार के तहत वन विभाग द्वारा वर्ष 2022 के गणतंत्रा दिवस पर उन कार्मिकों को सम्मानित किया जाएगा, जो वन एवं वन्य जीव प्रबंध की समस्याओं को स्पष्ट रूप से समझने, बताने और उन समस्याओं के ठोस समाधान सुझाने तथा सुझाये गए समाधानों को जमीन पर उतारने के उदाहरण प्रस्तुत करेंगे। इन तीन बिंदुओं पर वन विभाग ने सभी कार्मिकों से 5 जनवरी 2022 तक आवेदन मांगे हैं।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन-बल प्रमुख) डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने बताया कि गणतंत्रा दिवस 2022 के अवसर पर प्रदान किए जाने वाले प्रमाण-पत्रों के लिए इस बार उन अधिकारियों और कर्मचारियों में से चयन किया जाएगा, जो वन एवं वन्य जीव प्रबंध की समस्याओं को स्पष्ट रूप से समझने, बताने और उन समस्याओं के ठोस समाधान सुझाने तथा सुझाये गए समाधानों को जमीन पर उतारने के उदाहरण प्रस्तुत करेंगे। इसके लिए कार्मिकों से एक पृष्ठ में उपरोक्त तीनों बिंदुओं पर आवेदन 5 जनवरी 2022तक मांगे गए है।

उन्होंने बताया कि आवेदन में तीन बातों का ध्यान रखना होगा। पहली- समस्या क्या है, समस्या का कारण क्या है, समस्या के कारण क्या हानि हो रही है, समस्या के कारण किन लोगों, वनों और वन्यजीवों पर पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है?

दूसरा- समस्या का समाधान क्या है, किन लोगों के साथ मिलकर समस्या को हल किया जाना है या किया गया है, कौन से लोग इसको हल करने में मदद करेंगे और कौन से लोग इसके विरुद्ध रहेंगे या रहे हैं, समाधान के पश्चात वन विभाग के कार्यों में किस प्रकार से बेहतरी होगी या हुई है, समस्या को हल करने में लोगों की वास्तविक साझेदारी कैसे प्राप्त की जानी है या प्राप्त की गई है। प्रत्येक बिंदु पर जानकारी देनी अनिवार्य है।

तीसरी बात- समाधान के उदाहरण क्या हैं? समस्याओं की पहचान और उसके पश्चात सुझाए गए समाधान को यदि जमीन पर उतारा गया है या उसका क्रियान्वयन किया गया है तो आंकड़ों सहित उसका संक्षिप्त वर्णन भी देना है। समाधान के क्रियान्वयन के बाद वनों, वन्यजीवों एवं इन सभी पर निर्भर लोगों की आजीविका पर क्या धनात्मक प्रभाव पड़ा है इसका भी संक्षिप्त वर्णन देना होगा।

डॉ. पाण्डेय ने बताया कि तीनों बिंदुओं पर कार्मिकों को संक्षिप्त और सारगर्भित जानकारी मांगी गई है।उक्त जानकारी इसलिए जुटाई जा रही ताकि वन विभाग की समस्याओं को पहचानने, उनके समाधान विकसित करने और विकसित किए गए समाधान को जमीन पर उतारने के लिए वन विभाग में पदस्थापित पूरे प्रदेश के ज्ञान और कौशल की साझेदारी प्राप्त हो सकती है।
समस्याओं को पहचान कर उनके समाधान खोजने में सामूहिक बुद्धिमत्ता या कलेक्टिव विजडम को विभाग की बेहतरी में प्रयुक्त किये जाने की संभावनाएं बढ़ेंगी। इसका एक लाभ यह भी होगा कि दूरदराज क्षेत्रों में पदस्थापित वन बल की बुद्धिमत्ता और क्रियान्वयन-कौशल का लाभ पूरे विभाग को प्राप्त हो सकेगा।

उन्होंने बताया कि उपरोक्त आवेदन उप वन संरक्षक के माध्यम से प्रेषित करवाने होंगे। उप वन संरक्षक स्वयं के स्तर से भी नॉमिनेशन प्रेषित कर सकते हैं, जिसमें उपरोक्तानुसार सभी जानकारी समाहित हो। नॉमिनेशन / आवेदन पूर्वानुसार प्रधान मुख्य वन संरक्षक विकास को प्रेषित किये जा सकते हैं।

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