NATIONAL NEWS

2022-23 में इलेक्टोरल ट्रस्ट से BJP को 259 करोड़ मिले:यह सभी पार्टियों को मिले चंदे का 70%; कांग्रेस, AAP, YRS को मिलाकर 17.40 करोड़ मिले

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

2022-23 में इलेक्टोरल ट्रस्ट से BJP को 259 करोड़ मिले:यह सभी पार्टियों को मिले चंदे का 70%; कांग्रेस, AAP, YRS को मिलाकर 17.40 करोड़ मिले

वित्त वर्ष 2022-23 में भारत राष्ट्र समिति (BRS) को 90 करोड़ रुपए मिले, जो सभी पार्टियों को मिले चंदे का 24.56% है। - Dainik Bhaskar

वित्त वर्ष 2022-23 में भारत राष्ट्र समिति (BRS) को 90 करोड़ रुपए मिले, जो सभी पार्टियों को मिले चंदे का 24.56% है।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में भाजपा को इलेक्टोरल ट्रस्ट से 259.08 करोड़ का चंदा मिला। यह सभी राजनीतिक दलों को मिले चंदे का 70.69% है।

भारत राष्ट्र समिति (BRS) को 90 करोड़ रुपए मिले, जो सभी पार्टियों को मिले चंदे का 24.56% है। इसके अलावा कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस को 17.40 करोड़ रुपए का चंदा मिला।

प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से BJP को 256.25 करोड़

ADR की रिपोर्ट में बताया गया कि 2022-23 में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने बीजेपी को 256.25 करोड़ रुपए का दान दिया था। जबकि 2021-22 में बीजेपी को 336.50 करोड़ रुपए का चंदा मिला था।

2022-23 में समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन ने भाजपा को 1.50 करोड़ रुपए का डोनेशन दिया। एसोसिएशन से कांग्रेस को 50 लाख रुपए का चंदा मिला।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में 39 कॉपोरेट और बिजनेस घराने ने इलेक्टोरल ट्रस्ट को 363 करोड़ का चंदा दिया। 34 कॉपोरेट और बिजनेस घरानों ने प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 360 करोड़ रुपए से अधिक का योगदान दिया। वहीं, एक कंपनी में समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट को 2 करोड़ रुपए का योगदान दिया।

दो कंपनियों ने परिबार्टन इलेक्टोरल ट्रस्ट को 75.50 लाख रुपए का योगदान दिया। जबकि दो कंपनियों ने ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट को 50 लाख रुपए का योगदान दिया।

नेशनल पार्टियों की संपत्ति 1 साल में 1531 करोड़ बढ़ी
सितंबर 2023 में द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट सामने आई थी। इसके मुताबिक, देश की 8 नेशनल पार्टियों की घोषित संपत्ति 1 साल में 1531 करोड़ रुपए बढ़ गई। 2020-21 में इन पार्टियों की संपत्ति 7,297.62 करोड़ रुपए थी। 2021-22 के दौरान इनकी संपत्ति बढ़कर 8,829.16 करोड़ रुपए हो गई।

ये पार्टियां- भाजपा, कांग्रेस, नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP), बहुजन समाज पार्टी (BSP), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI), CPI (माओवादी), तृणमूल कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPEP) हैं।

क्या है इलेक्टोरल ट्रस्ट स्कीम?
सरकार 13 जनवरी 2013 को इलेक्टोरल ट्रस्ट स्कीम लाई थी। इसमें कंपनीज एक्ट 1965 के सेक्शन 25 के तहत जो कंपनियां रजिस्टर्ड हैं, वे इलेक्टोरल ट्रस्ट बना सकती हैं। इसके जरिए कोई भी कंपनी या शख्स नेशनल या स्थानीय राजनीतिक पार्टियों को चंदा दे सकते हैं। इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए जमा हुए पैसे का 95% हिस्सा हर वित्तीय वर्ष में राजनीतिक पार्टियों को डोनेट करना जरूरी होता है।

इसके साथ ही फाइनेंशियल ईयर में इलेक्टोरल ट्रस्ट रिन्यू भी कराना पड़ता है। साल 2013 में जब यह स्कीम शुरू हुई तो 3 इलेक्टोरल ट्रस्ट थे, लेकिन 2021-22 तक अब ये संख्या बढ़कर 18 हो गई।

इलेक्टोरल बॉन्ड को भी समझ लीजिए
अगर आप किसी राजनीतिक पार्टी को चंदा देना चाहते हैं तो आप इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए पार्टी को फंड दे सकते हैं। सरकार साल 2017 में इसका प्रस्ताव लाई थी, जिसे 2018 में लागू किया गया।

इसके तहत कोई भी भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से एक हजार, 10 हजार, एक लाख, 10 लाख और 1 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद सकता है। बॉन्ड खरीदने के बाद सिर्फ 15 दिनों के भीतर राजनीतिक दलों को डोनेट करना होता है।

आप ये खबर भी पढ़ सकते हैं…
सबसे बड़े इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को दिया 71% चंदा; 10 साल में 360% बढ़ी दान की राशि

चुनावी बॉन्ड ने इलेक्टोरल ट्रस्ट को भले ही किनारे कर दिया है, पर वे अब भी राजनीतिक दलों को अच्छा फंड दे रहे हैं। 2013 में यूपीए सरकार द्वारा शुरू किए गए इलेक्टोरल ट्रस्टों ने 10 सालों में ₹2,557.74 करोड़ रु. चंदा दिया। 

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!