*नेवी के 8 रिटायर्ड ऑफिसर कतर में 70दिनों से बंधक:ऑफिसर की बहन ने PM मोदी से मांगी मदद, लिखा- मिलने तक नहीं दे रहे*
इंडियन नेवी के 8 रिटायर्ड ऑफिसर कतर में 70 दिनों से नजरबंद हैं। इनमें से एक ऑफिसर मप्र के ग्वालियर के रहने वाले हैं। उनकी बहन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री से भाई की रिहाई की मांग की है। उनका कहना है कि भाई को न किसी से मिलने दिया जा रहा है, न ही उनके परिवार के पास जाने दिया जा रहा है।
ग्वालियर के विंडसर हिल्स निवासी रिटायर्ड ऑफिसर पुर्णेन्दु तिवारी की बहन डॉ. मीतू भार्गव ने ट्वीट कर मदद मांगी है। यह ट्वीट उन्होंने पीएम को टैग करते हुए किया है। उन्होंने लिखा- उनके भाई पुर्णेन्दु तिवारी इंडियन नेवी से रिटायर्ड ऑफिसर हैं। वह अपने 7 ऑफिसर्स के साथ कतर की कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसलटेंसी सर्विसेज के लिए काम करते हैं। पुर्णेन्दु इस कंपनी में MD (मैनेजिंग डायरेक्टर) हैं। कंपनी की ओर से ये सभी 8 रिटायर्ड इंडियन नेवी ऑफिसर कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और दूसरी जरूरी सेवाएं देने गए हुए थे। उन्हें अचानक सरकार ने निगरानी में लेकर नजरबंद कर दिया।
*70 दिनों से हैं बंधक*
यह मामला तब सामने आया है, जब सीडीआर पुर्णेन्दु तिवारी की बहन मीतू भार्गव ने ट्वीट कर सरकार से मदद की गुहार लगाई। उनका कहना है कि भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके 8 लोगों को पिछले 70 दिनों से दोहा में अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया है।
भार्गव उन्हें वापस लाने के लिए अपने स्तर पर कोशिश कर रही हैं। उन्होंने ट्वीट कर भारतीय दूतावास के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गुहार लगाई है कि उनके भाई सहित सभी 8 रिटायर्ड इंडियन नेवी ऑफिसर की वे सकुशल रिहाई करवाएं। डॉ. मीतू का कहना है कि यह सभी रिटायर्ड भारतीय इंडियन नौसेना के अधिकारी रहे हैं और उम्रदराज होने के चलते एकांत कारावास में उनके सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ने लगा है।
*सुरक्षा से जुड़े काम करती है कंपनी*
नौसेना के पूर्व अधिकारी जिस कंपनी में काम कर रहे थे वह कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा और अन्य सरकारी एजेंसियों के “स्थानीय व्यापार भागीदार” और रक्षा उपकरण संचालन तथा रखरखाव के रूप में सेवाएं देती है। ग्रुप के सीईओ, खामिस अल अजमी भी खुद रॉयल ओमान एयर फोर्स से एक रिटायर स्क्वाड्रन लीडर हैं।
*आरोपों की वजह साफ नहीं*
हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों में से एक फर्म के प्रबंध निदेशक कमांडर पुर्णेंदु तिवारी (रिटायर) भी शामिल हैं। उन्हें 2019 में देश के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार मिल चुका है। हालांकि इन भारतीयों को किन वजहों से हिरासत में लिया गया और उनके खिलाफ क्या आरोप लगाए गए हैं, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है।
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