अफेयर खुला तो किया पति का मर्डर, फिर रखा व्रत:जिस बेड में पति की लाश छुपाई, उसी पर बैठकर खाई खीर-पुड़ी
पवन की बहन अंजना ने कहा कि रीमा हमेशा टीवी पर क्राइम पेट्रोल देखा करती थी।
भरतपुर के चिकसाना थाना इलाके के नोंह गांव में पवन मर्डर केस में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। पवन की पहन अंजना ने बताया कि 29 मई को रीमा ने प्रेमी भागेंद्र के साथ मिलकर अपने पति पवन का मर्डर कर डेडबॉडी को बेड में छुपा दिया था। इसके दूसरे दिन 30 मई को उसने पति के लिए वट सावित्री का व्रत किया।
अंजना ने बताया कि रीमा ने उसी बेड पर बैठकर व्रत खोला जिसमें पति की लाश छुपा रखी थी। अंजना ने ये भी कहा कि रीमा दिन भर टीवी पर क्राइम पेट्रोल सीरियल देखा करती थी। वह अपने कमरे में किसी को भी घुसने नहीं देती थी, कमरे से बाहर जाती तो ताला लगाकर जाती थी। बच्चे अम्मा बाबा के पास ही रहते थे।
पवन और रीमा की शादी 2015 में हुई थी। पवन रीमा से 14 साल बड़ा था। रीमा का अफेयर 2018 में पवन के रिश्तेदार भागेंद्र से शुरू हो गया था। इसी साल मई में पवन ने दोनों का अफेयर पकड़ लिया था। रीमा और उसके प्रेमी भागेंद्र ने पवन का मर्डर कर दिया।
अंजना ने कहा कि 29 मई को रीमा ने प्रेमी भोला (भागेंद्र) के साथ मिलकर भाई को मार दिया और उसकी बॉडी को बेड में छुपा दिया। दूसरे दिन 30 मई को वट सावित्री व्रत था। उसने पूरे विधि विधान के साथ पति की लंबी उम्र के लिए व्रत भी रखा। उसने बिल्कुल आभास नहीं होने दिया कि रात ही में उसने मर्डर किया है और लाश को कमरे में छुपा रखा है। पवन के पिता हरिप्रसाद ने बताया कि दूसरी रात उसने भोला को फोन कर बुलाया और लाश को बेड से निकाल कर नहर में फिंकवा दिया।
परिवार को रीमा ने मर्डर के बाद बताया कि रात में पवन काम से लौटा ही नहीं। एक दो दिन परिवार पवन की तलाश करता रहा। फिर 4 जून को चिकसाना थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।
अंजना ने बताया कि मर्डर के बाद भी उसमें शंका, झिझक या शर्म जैसा कुछ नहीं था। जब भी मां और हम भाई की बात करते तो रीमा उठकर वहां से चली जाती थी। उसने करवा चौथ का व्रत भी किया था। नई साड़ी पहनी थी। हर साल की तरह व्रत का पालन किया।
पवन की बहन अंजना ने बताया कि पति के मर्डर के बाद भी रीमा सहज रही। उसने किसी को ये महसूस नहीं होने दिया कि उसने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। वह टीवी पर अक्सर क्राइम पेट्रोल जैसे सीरियल देखा करती थी।
अंजना ने बताया कि दो-तीन महीने बाद उसके चाल चलन पर पिता को शक हो गया। उन्होंने रीमा का फोन रख लिया। जिसमें भोला के साथ उसके गंदे मैसेज मिले। उससे ही शक हुआ। मैंने कभी रीमा पर शक नहीं किया था। भाई के जाने के बाद मां से कहा था कि रीमा और इसके बच्चों को कभी दुख मत देना। अंजना का कहना है कि रीमा को फोन पापा के पास ही है। आज भी उसमें रीमा के खिलाफ सबूत हैं। पता नहीं रीमा के पास दूसरा फोन कहां से आ गया था।
पवन के पिता ने कहा कि उसने रीमा को भागेंद्र के साथ पकड़ लिया था। इसके बाद कमरे की कुंदी बाहर से लगा दी। इसके बाद भागेंद्र के परिवार वाले आए और लड़ झगड़ कर उसे छुड़ाकर ले गए थे। पवन के पिता हरिप्रसाद ने रीमा का फोन छीन लिया तो वह फोन के लिए खूब रोई। उसी फोन में रीमा और भागेंद्र की चैटिंग भी मिल गई।
पवन के पिता हरिप्रसाद ने भी बताया कि पवन के मर्डर के बाद रीमा पूरे परिवार को गुमराह करती रही। उसे भोला के साथ देखा तो कमरे में बंद कर दिया था। फिर उसका मोबाइल ले लिया तो वह खूब रोई थी। तीन दिन तक रोती रही। बोली- मेरा फोन दे दो। मैंने उसका फोन नहीं दिया। हरिप्रसाद ने कहा कि मौत के कुछ महीने बाद तक रीमा ने व्रत त्योहार सब किए। महसूस नहीं होने दिया कि इतनी बड़ी बात हो गई है। पवन की मां रोती रहती थी लेकिन उसकी आंख से एक आंसू नहीं गिरा। वह सामान्य रही। फोन रख लिया तो 3 दिन तक रोई। खाना भी नहीं खाया।
पवन की मां को छह महीने तक बेटे के लौट आने का इंतजार था। जब उसे पता चला कि बहू रीमा ने उसका मर्डर कर दिया तो वह बेसुध हो गई।
हरिप्रसाद ने कहा कि वट सावित्री वाले दिन उसने खीर पुड़ी बनाई थी। पूरे परिवार को खाना खिलाया और खुद ने अपने बेड पर बैठकर खाना खाया। उसी बेड में मेरे बेटे की लाश छुपाकर रखी थी। उसने लाश को दूसरे दिन रात में कब नहर में फिंकवाया इसका पता नहीं चला। कोई आवाज हम लोगों को नहीं आई। मोबाइल से शक यकीन में बदल गया कि इसी ने पवन की हत्या की है। फिर पुलिस को सूचना दे दी।
23 साल की रीमा और 27 साल का उसका प्रेमी भागेंद्र अब चिकसाना पुलिस की हिरासत में हैं।
24 घंटे रखा पवन का शव घर में
पवन की हत्या के आरोपी उसकी पत्नी रीमा, उसका प्रेमी भागेंद्र और शव को छुपाने में मदद करने वाला भालेंद्र का दोस्त दीप पुलिस गिरफ्त में हैं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मर्डर के बाद भालेंद्र दिल्ली गया और अपने दोस्त दीप को लेकर नोंह आया। दोनों ने मिलकर शव को नहर में फेंका। 4 जून को हरिप्रसाद ने चिकसाना थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था।
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