जम्मू के पास एयरपोर्ट बनवा रहा कंगाल पाकिस्तान, बाजवा को सता रहा लश्कर के गढ़ पर भारत के हमले का डर!
Pakistan Muridke Airfield Indian Air Force: पाकिस्तान की सेना देश में तमाम आर्थिक संकट के बाद भी मुरिदके हवाई अड्डे का निर्माण कार्य जारी रखे हुए है। यह एयरपोर्ट मार्च 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। मुरिदके के पास ही पाकिस्तान के कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय है। पाकिस्तान को भारत के हमले का डर सता रहा है।
हाइलाइट्स
- आर्थिक बदहाली की हालत से जूझ रहा पाकिस्तान भारत से दुश्मनी बढ़ाने से बाज नहीं आ रहा है
- आर्मी चीफ जनरल बाजवा भारतीय सीमा के पास लश्कर के गढ़ मुरिदके में एयरपोर्ट बनवा रहे हैं
- पाकिस्तान का यह एयरपोर्ट नियंत्रण रेखा से मात्र 100 किमी और जम्मू से 120 किमी की दूरी पर है
इस्लामाबाद: भीषण बाढ़ और आर्थिक बदहाली की हालत से जूझ रहा पाकिस्तान भारत से दुश्मनी बढ़ाने से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डिफॉल्ट होने से बस एक कदम दूर है लेकिन आर्मी चीफ जनरल बाजवा भारतीय सीमा के पास लश्कर के गढ़ मुरिदके में एयरपोर्ट बनवा रहे हैं। पाकिस्तान का यह एयरपोर्ट नियंत्रण रेखा से मात्र 100 किमी और जम्मू से 120 किमी की दूरी पर है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान इस एयरपोर्ट पर दो रनवे और एक समानांतर टैक्सीवे बना रहा है। इस एयरपोर्ट का उद्घाटन आगामी 22 मार्च को किया जाना है। कंगाली की हालत में भी पाकिस्तान के इस तरह से पैसा बहाने पर चीन को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में भयानक बाढ़ आई थी और आधा देश जलमग्न हो गया था लेकिन इस एयरपोर्ट के निर्माण कार्य पर कोई भी असर नहीं पड़ा। यह पाकिस्तानी हवाई ठिकाना मुरिदके कस्बे से 15 किमी की दूरी पर है जो पाकिस्तान के प्रमुख शहर लाहौर के पास है। सबसे अहम बात यह है कि मुरिदके पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय है। पाकिस्तान का यह एयरपोर्ट भारत के श्रीनगर से मात्र 250 किमी की दूरी पर है।
हवाई रक्षा कवच को बढ़ाना चाहता है पाकिस्तान
मुरिदके एयरपोर्ट भारतीय वायुसेना के हवाई ठिकानों पठानकोट और अवंतीपोरा के बहुत करीब है। पाकिस्तानी वायुसेना इस एयरपोर्ट पर किन विमानों को तैनात करेगी, यह देखना काफी अहम होगा। विश्लेषकों का कहना है कि यह हवाई ठिकाना लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय की रक्षा के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है। भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में आतंकी शिविर पर हवाई हमला किया था और उसे तबाह कर दिया था। उस समय भारतीय अभियान पंजाब प्रांत की ओर से शुरू हुआ था और पाकिस्तानी वायुसेना को अपने फाइटर जेट भेजने पड़े थे।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की ओर इस हवाई ठिकाने का बिना रुके निर्माण स्पष्ट रूप से इस बात का संकेत है कि पाकिस्तानी एयरफोर्स को इस इलाके में अपनी कुछ कमजोरी नजर आती है। यही वजह है कि वह अपने हवाई रक्षा कवच को बढ़ाना चाहती है। बता दें कि हाफिज सईद का लश्कर-ए-तैयबा अभी भी पाकिस्तान के लिए जम्मू कश्मीर में आतंकवाद प्रमुख स्रोत है। वहीं जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन छोटे और कम शक्तिशाली आतंकी संगठन है। लश्कर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन यह आतंकी संगठन भारत के खिलाफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के मिलिट्री इंटेलिजेंस के लिए एक बड़ा हथियार है।
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