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क्‍या पंजाब में एक और भिंडरावाले का उदय हो रहा है? अमृतपाल की लोकप्रियता का बढ़ता ग्राफ देता है संकेत

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क्‍या पंजाब में एक और भिंडरावाले का उदय हो रहा है? अमृतपाल की लोकप्रियता का बढ़ता ग्राफ देता है संकेत

पंजाब का हाल अच्‍छा नहीं है। खालिस्‍तानी समर्थक अमृतपाल सिंह भगवंत मान सरकार के लिए चुनौती पेश कर रहा है। उसके समर्थकों ने गुरुवार को अजनाला पुलिस थाने को अपनी गिरफ्त में ले लिया। वे थाने से तभी बाहर आए जब आश्‍वासन मिला कि पुलिस लवप्रीत तूफान को रिहा कर देगी। लवप्रीत अमृतपाल सिंह का करीबी है

नई दिल्‍ली: पंजाब फिर सुलगने लगा है। भगवंत मान सरकार सवालों के घेरे में है। 23 फरवरी की घटना इसकी बानगी है। अमृतसर के अजनाला में पुलिस स्‍टेशन पर हमला हुआ। अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने थाने को कब्‍जे में ले लिया। पुलिस स्‍टेशन से वे तभी निकले जब उनकी शर्तें मान लेने का भरोसा दिया गया। अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के विरोध में यह बवाल हुआ। ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के शक्ति प्रदर्शन के आगे पंजाब सरकार बौनी दिखी। यह संगठन खालिस्‍तान समर्थक है। इसकी शुरुआत खालिस्‍तानी समर्थक ऐक्‍टर दीप सिद्धू ने की थी। पिछले साल दीप सिद्धू की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। अमृतपाल सिंह की लोकप्रियता का बढ़ता ग्राफ किसी भी तरह से शुभ संकेत नहीं है। वह जरनैल सिंह भिंडरावाले को आदर्श मानता है। वह खुद को एक धार्मिक नेता के तौर पर पेश करता है। भिंडरावाले से अमृतपाल सिंह की कई चीजें मिलती-जुलती हैं। ऐसे में सवाल है कि क्‍या पंजाब में एक और भिंडरावाले का उदय हो रहा है?

अमृतपाल सिंह ने अपनी ताकत दिखा दी है। उसके कहने पर समर्थक कुछ भी करने को तैयार हैं। अमृतपाल ने बुधवार को ही समर्थकों से अपील कर दी थी। उनसे गुरुवार को सुबह 11 बजे अजनाला पुलिस थाने का घेराव करने को कहा गया था। समर्थकों ने ठीक वैसा ही किया। उन्‍होंने अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के विरोध में पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

यहां से जो तस्‍वीरें आईं, वो डराने वाली थीं। अमृतपाल सिंह के समर्थकों को तलवारों से पुलिस पर हमला करते देखा जा सकता था। उन्‍होंने पुलिस स्‍टेशन पर हमला कर उसे अपने कब्‍जे में ले लिया। फिर तभी निकले जब उन्‍हें लवप्रीत की रिहाई का आश्‍वासन मिला।

अमृतपाल का ग्राफ भ‍िंंडरावाले जैसा
कुछ दिन पहले चमकौर साहिब के रहने वाले वरिंदर सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें अमृतपाल सिंह और उसके गैंग पर आरोप लगाए गए थे। वरिंदर ने दावा किया था कि अजनाला में धार्मिक आयोजन के दौरान उस पर हमला हुआ था। यह हमला अमृतपाल और उसके गैंग ने किया था। अमृतपाल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था। उसने कहा था कि यह केस अस्‍थायी रूप से मानसिक व्‍यक्ति के कहने पर दर्ज किया गया है जिसने उनके जत्‍थे के खिलाफ गलत बयानी की थी। अमृतपाल सिंह ने यह भी दावा किया था कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर राजनीतिक रूप से प्रेरित है।

अमृतपाल सिंह का बढ़ता ग्राफ खालिस्‍तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले जैसा है। 1980 के दशक में भिंडरावाले ने धार्मिक उपदेशों के जरिये अपने समर्थक जुटाए थे। खालिस्‍तानी आंतकी भिंडरावाले के समर्थक उसे संत जी कहा करते थे। वारिस पंजाब दे की कमान संभालने के बाद अमृतपाल सिंह की लोकप्रियता भी वैसी ही है। उसने भी धर्म का सहारा लिया है। वह भिंडरावाले को अपना आदर्श भी बताता है। भिंडरावाले के नक्‍शेकदम पर चलते हुए अमृतपाल सिंह भी सिखों के लिए अलग राष्‍ट्र चाहता है।


भ‍िंंडरावाले के समर्थन में खड़े हो जाते थे लोग
1981 में खालिस्‍तानियों ने लाला जगत नारायण की हत्‍या कर दी थी। मामले में भिंडरावाले के खिलाफ अरेस्‍ट वॉरंट जारी हुआ था। पुलिस को सूचना मिली थी कि भिंडरावाले हरियाणा में है। जिस गुरुद्वारे में वह रुका हुआ था जब पुलिस वहां पहुंची तो उसे समर्थकों का कड़ा विरोध झेलना पड़ा था। इससे पहले पुलिस भिंडरावाले तक पहुंचती वह भाग चुका था। भ‍िंंडरावाले के समर्थक उसे संत जी कहकर बुलाते थे। उसके ल‍िए वे कुछ भी कर जाने को तैयार रहते थे।

अमृतपाल सिंह का रवैया भी भिंडरावाले से मेल खाता दिखता है। खालिस्‍तान समर्थक होने के साथ ही वह किसी को भी धकमी दे देता है। हाल में अमृतपाल स‍िंह ने गृहमंत्री अमित शाह को धमकी दी थी। कहा था कि अगर उसे और उसके गुट को रोकने की कोशिश की गई तो अमित शाह का हाल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा होगा।

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