रूस पर अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर जैसा हमला:38 मंजिला इमारत से टकराया ड्रोन, पलटवार में यूक्रेन के 12 शहरों पर सैकड़ों मिसाइलें दागीं
हमला सरातोव प्रांत के एंगेल्स शहर में हुआ। एंगेल्स में रूस का स्ट्रैटेजिक बॉम्बर मिलिट्री बेस है।
रूस के सारातोव में सोमवार (26 अगस्त) को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर जैसा हमला हुआ है। एक ड्रोन सुबह 38 मंजिला रिहायशी इमारत ‘वोल्गा स्काई’ से टकराया। इसमें 4 लोग घायल हुए। रूस ने इस हमले का आरोप यूक्रेन पर लगाया।
इसके पलटवार में रूस ने यूक्रेनी शहर कीव, खारकीव, ओडेसा और लीव समेत 12 शहरों पर सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन दागे हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक हमला सुबह के वक्त ही हुआ। यूक्रेनी एयरफोर्स के अधिकारियों ने बताया कि कीव पर अटैक 11 TU-95 स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स, किंझल बैलिस्टिक मिसाइलें से किया गया। अभी तक एक रिहायशी इमारत के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है।
हमले में 4 लोगों के मौत होने की जानकारी भी सामने आई है। रूस का हमला यूक्रेन-पोलैंड के बॉर्डर के नजदीक हुआ है। पोलैंड के सैन्य अधिकारियों ने सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा कि, हमले के बाद पोलिश और उसके नाटो देशों के एयरक्राफ्ट्स को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
वीडियो में देखें रूस की इमारत से ड्रोन कैसे टकराया!
रूस के सारातोव में यूक्रेनी हमले से जुड़ी तस्वीरें
बिल्डिंग का मलबा गिरने की वजह से नीचे खड़ी कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा।
इस हमले में बिल्डिंग की 3 मंजिलों को नुकसान पहुंचा है।
रिहायशी इमारत ‘वोल्गा स्काई’ के तीन मंजिलों को नुकसान पहुंचा है।
सरातोव में एयर रूट बंद हुआ
यूक्रेन के हमले में रूसी बिल्डिंग का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ। बिल्डिंग के नीचे खड़ी 20 से ज्यादा गाड़ियों को नुकसान पहुंचा। एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। सरातोव यूक्रेन सीमा से 900 किमी दूर है। इस हमले के बाद सभी तरह की एयर रूट पर रोक लगा दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस पर सोमवार को 20 ड्रोन से अटैक किया गया। इनमें सबसे ज्यादा 9 सारातोव में दागे। मॉस्को के गवर्नर ने हमले का आरोप यूक्रेन पर लगाया है। यूक्रेन ने इस पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है। जानकारी के मुताबिक ड्रोन यूक्रेन की तरफ से दागा गया था।
23 साल पहले वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुआ था हमला
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि एक ड्रोन तेजी से ‘वोल्गा स्काई’ बिल्डिंग की तरफ बढ़ रहा है और उसमें टक्कर मार देता है। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकियों ने इस तरीके से प्लेन क्रैश करवाए थे।
आतंकियों ने 4 प्लेन हाईजैक किए थे। इनमें से 3 प्लेन एक-एक कर अमेरिका की 3 अहम इमारतों में क्रैश कराए गए। पहला क्रैश 8 बजकर 45 मिनट पर हुआ। बोइंग 767 तेज रफ्तार से वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर से जा टकराया। 18 मिनट बाद एक दूसरा बोइंग 767 बिल्डिंग के साउथ टॉवर से जा टकराया था।
जबकि एक प्लेन अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन से टकराया। चौथा प्लेन एक खेत में ही क्रैश हो गया। 9/11 हमले में 93 देशों के 3 हजार लोग मारे गए थे। इसे मानव इतिहास का सबसे भीषण आतंकी हमला माना जाता है।
सारातोव में है रूस का स्ट्रैटजिक बॉम्बर मिलिट्री बेस
रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेनी सेना ने सारातोव प्रांत के एंगेल्स में सबसे ऊंची बिल्डिंग को अपना निशाना बनाया। एंगेल्स में रूस का स्ट्रैटजिक बॉम्बर मिलिट्री बेस भी है। रूस-यूक्रेन जंग के शुरू होने के बाद से ही यूक्रेन कई बार इस पर हमला कर चुका है।
रूस ने यूक्रेन पर पलटवार से जुड़ीं फुटेज देखिए
मलबे के पास यूक्रेनी सुरक्षाकर्मी। फुटेज सोशल मीडिया से ली गई है।
यूक्रेनी इलाके में बम गिराए गए। फुटेज सोशल मीडिया से ली गई है।
कीव में रूसी हमले के बाद जान बचाने के लिए लोग सबवे में बैठ गए।
20 दिनों से रूस पर हमलावर है यूक्रेन
ढाई साल से जारी रूस-यूक्रेन जंग में 6 अगस्त 2024 को पहली बार ऐसा हुआ जब यूक्रेन ने रूस में घुसकर उसके कुर्स्क इलाके पर कब्जा कर लिया। तभी से यूक्रेन लगातार रूस पर हमलावर है।
RT की रिपोर्ट के मुताबिक 20 दिनों में यूक्रेन के हमलों में रूस के 31 नागरिकों की जान जा चुकी है।
वहीं, 140 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद ऐसा पहली बार है, जब रूस की धरती पर किसी विदेशी ताकत ने कब्जा किया हो। यूक्रेन ने दो हफ्ते में रूस के 1263 वर्ग किमी इलाके पर कब्जा कर लिया था।
हालांकि, जानकारों का कहना है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की यह जीत कम समय के लिए है और हार में बदल सकती है। अभी यूक्रेन का फोकस कुर्स्क पर है, जिससे रूस को दोनेस्त्क के पोक्रोवस्क में आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है।
राजनीतिक विशेषज्ञ तातियाना स्टैनोवाया कहती हैं कि रूस अपनी दुसरे विश्वयुद्ध की रणनीति अपना रहा है। उसकी यह रणनीति रही है कि वह पहले दुश्मन को अंदर आने देता है और फिर घेरकर हमला करता है। इस वजह से यूक्रेन का कुर्स्क अभियान जेलेंस्की के लिए उल्टा साबित हो सकता है।
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