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भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी को कोर्ट का नोटिस:कमिश्नर को पैलेस के अंदर आने से रोका; पूरी संपत्ति की लिस्ट तैयार करनी थी

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भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी को कोर्ट का नोटिस:कमिश्नर को पैलेस के अंदर आने से रोका; पूरी संपत्ति की लिस्ट तैयार करनी थी

बीकानेर

बीकानेर (पूर्व) से भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी सहित 4 लोगों को जिला एवं सेशन काेर्ट का अवमानना का नोटिस मिला है। कोर्ट ने पूर्व महाराजा करणी सिंह की वसीयत से प्राप्त संपत्तियों की लिस्ट तैयार कर पेश करने का आदेश दिया था। त्रिलोचन शर्मा को मौका कमिश्नर नियुक्त किया था।

कमिश्नर जनवरी में लालगढ़ पैलेस स्थित शिव विलास पहुंचे तो गार्ड ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। कमिश्नर ने कोर्ट में रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने फिर आदेश जारी कर मौका कमिश्नर को पुलिस सहयोग से पैलेस के अंदर जाकर संपत्तियों की लिस्ट तैयार करने का आदेश जारी किया।

इस पर कमिश्नर को शिव विलास के अंदर तक तो जाने दिया गया, लेकिन सभी कमरों को नहीं खोला गया। इससे पूरी संपत्तियों की लिस्ट तैयार नहीं हो सकी। मौका कमिश्नर ने जितने कमरे खोले गए, उनकी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की।

अब पूर्व राजपरिवार की सदस्य राज्यश्री कुमारी के वकील कमल नारायण पुरोहित ने फिर कोर्ट में एप्लिकेशन दायर कर शेष कमरों को खुलवाकर संपत्तियों की लिस्ट तैयार करने का निवेदन किया है।

लालगढ़ पैलेस के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर गोविंद सिंह ने बताया-

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कोर्ट के आदेश की अवमानना करने पर सिद्धि कुमारी, संजय शर्मा, मदन सिंह और अविनाश व्यास (गार्ड) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। हमें इसकी कॉपी अब मिली है। मामले की सुनवाई 12 फरवरी को होगी।QuoteImage

कोर्ट ने क्या दिया था आदेश… जानकारी के अनुसार- बीकानेर (पूर्व) की विधायक सिद्धि कुमारी और उनकी बुआ राज्यश्री कुमारी (अंतरराष्ट्रीय शूटर) के बीच प्रॉपर्टी विवाद में जिला एवं सेशन कोर्ट ने 21 नवंबर 2024 को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की सहमति से त्रिलोचन शर्मा को मौका कमिश्नर नियुक्त किया था। उन्हें निर्देश दिया था कि पूर्व महाराजा करणी सिंह की वसीयत से प्राप्त संपत्तियों की लिस्ट तैयार कर कोर्ट के सामने प्रस्तुत करें।

पहले दो एफआईआर कराई थी दर्ज…

पहली FIR: एक एफआईआर सिद्धि कुमारी पर हुई है। यह रिपोर्ट लक्ष्मी निवास होटल चलाने वाले मैसर्स गोल्डन ट्राइंगल फोर्ट्स एंड पैलेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के राजीव मिश्रा ने दर्ज कराई थी। मिश्रा का आरोप था- सिद्धि कुमारी उन्हें होटल चलाने में अड़चन पैदा कर रही हैं।

सिद्धि कुमारी के पिता नरेंद्र सिंह ने उनकी फर्म के साथ 19-19 साल की तीन लीज डीड पर 15 जून 1999 को हस्ताक्षर किए थे। 57 साल के लिए हुई इस लीज के बदले उन्हें भुगतान किया गया था। इसके बाद भी विधायक सिद्धि कुमारी और उनकी बहन महिमा कुमारी ने उनसे फरवरी 2011 तक चार करोड़ रुपए वसूल लिए थे। बाद में लीज आगे नहीं बढ़ाने पर रुपए वापस नहीं लौटाए थे।

दूसरी FIR: सिद्धि कुमारी से जुड़े ट्रस्ट में कोषाध्यक्ष की हैसियत से संजय शर्मा ने बीछवाल थाने में मामला दर्ज कराई थी। इसमें आरोप था- देवस्थान विभाग ने राजस्थान पब्लिक ट्रस्ट के प्रावधानों के तहत नए बोर्ड ऑफ ट्रस्टी का नाम संशोधित कर दिया। इसके बाद जब 29 मई 24 को चार्ज लिया तो पता चला कि सामान खुर्द-बुर्द कर दिया गया है। महत्वपूर्ण दस्तावेज लेकर चले गए हैं। इन आरोपों के आधार पर राज्यश्री कुमारी, मधुलिका कुमारी (राज्यश्री की बहन) के साथ ही वहां काम करने वाले हनुवंत सिंह, गोविंद सिंह और राजेश पुरोहित के खिलाफ एफआईआर करवा दी।

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