परम पूज्य गुरुदेव जी के आशीर्वाद से जयपुर में भक्तिभाव से मनी होली, पर्यटकों और जरूरतमंदों को वितरित किया गया गुलाल व प्रसाद
जयपुर। फागुन माह के पावन अवसर पर होली के उल्लास को और भी खास बनाने के लिए परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर श्री कैलाशानंद गिरी जी महाराज के तत्वाधान में प्रत्याहार हीलिंग होम एवं आर. के. इन्फ्रा द्वारा एक भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर जयपुर के ठि. श्री राधा गोविंद देव जी के मंदिर में श्रद्धालुओं, पर्यटकों और आमजन को गुलाल वितरित कर होली की शुभकामनाएं दी गईं।





कार्यक्रम में श्रद्धा और सेवा का अनूठा संगम देखने को मिला। जहां एक ओर भक्तों ने श्रद्धा से भगवान श्री राधा गोविंद देव जी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया, वहीं दूसरी ओर जरूरतमंद बालिकाओं और अन्य वंचित वर्ग के लोगों को गुलाल एवं भोजन प्रसादी वितरित कर उनकी होली को भी उल्लासमय बनाया गया।
धार्मिक वातावरण में भक्ति व सेवा का अनूठा समागम
होली के इस आयोजन में मंदिर परिसर गुलाल के रंगों और भक्तिरस से सराबोर हो गया। भक्तों ने “राधे-राधे” और “जय श्री कृष्ण” के जयघोष के साथ गुलाल उड़ाकर भक्ति रस में गोते लगाए। इस दौरान श्रद्धालु न केवल होली के रंग में रंगे, बल्कि सेवा और परोपकार की भावना से भी सराबोर हो उठे।
इस विशेष आयोजन में प्रत्याहार एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट की न्यास एवं संचालिका, भारत भूषण अवॉर्डी डॉ. अलका (एस्ट्रोलॉजर, हीलर, टैरो कार्ड रीडर एवं यंत्र-मंत्र विशेषज्ञ) की विशेष भूमिका रही। उन्होंने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक जीवन में सेवा और दान के महत्व के बारे में बताया।
इसके अलावा, आर. के. इन्फ्रा के संचालक विकास मूंदड़ा (आर्किटेक्चर एवं इंटीरियर डिजाइनर) ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से समाज में एकता और प्रेम बढ़ता है। इस अवसर पर अजय गुप्ता, त्रिशा गुप्ता और प्रत्याहार हीलिंग होम के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।
भक्ति और सेवा से ओतप्रोत आयोजन
मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजन न केवल हमारी संस्कृति को जीवंत रखते हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की प्रेरणा भी देते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं ने आयोजन समिति के इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ समाज में सेवा और परोपकार की भावना भी मजबूत होती है।
इस तरह, यह आयोजन केवल रंगों का नहीं, बल्कि प्रेम, श्रद्धा और सेवा का संगम बन गया। जय श्री कृष्ण!
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