मानव अधिकार आयोग की महिला अधिकारी से लाखों की ठगी: प्रेम संबंध का झूठा झासा
धामपुर, उत्तर प्रदेश: मानव अधिकार आयोग की एक महिला अधिकारी, जो कि कानूनी सचिव हैं, के साथ एक गंभीर ठगी का मामला सामने आया है। महिला अधिकारी का आरोप है कि पीयूष श्रीवास्तव नामक युवक ने चार वर्षों तक उनके साथ प्रेम संबंध बनाए रखा और विवाह के नाम पर उनसे लाखों रुपये की ठगी की।
महिला अधिकारी ने बताया कि पीयूष और उनके परिवार ने पहले विवाह का आश्वासन दिया, लेकिन जब विवाह का दबाव बनाया गया, तो वे मुकर गए। इस दौरान, युवक और उसके माता-पिता ने विवाह से पहले लाखों रुपये का ‘स्त्री धन’ लिया, जिसमें यह वादा किया गया था कि शादी के बाद लड़की के परिवार से कुछ नहीं लिया जाएगा।
जैसे ही महिला अधिकारी ने अपना दिया हुआ धन वापस मांगा, पीयूष के माता-पिता ने मना कर दिया। इसके बाद, युवक को कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए उसके परिवार ने उसे नौकरी के बहाने फरार करवा दिया। इसके साथ ही, उन्होंने महिला अधिकारी पर झूठे आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई भी की।
महिला अधिकारी ने कहा, “मेरे साथ मानसिक और आर्थिक शोषण किया गया है। मैं अपने मामले को लेकर पूरी जांच कराऊंगी और जो भी झूठी शिकायतें मेरे खिलाफ की गई हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
महिला अधिकारी का कहना है कि कानून सबके लिए समान है, और वे सुनिश्चित करेंगी कि आरोपी और उनके परिवार के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने मानसिक शोषण, आर्थिक शोषण, जाति सूचक शब्दों का प्रयोग, मानहानि, धोखाधड़ी और स्त्री धन का मामला दर्ज करने की बात कही।
इस मामले में, महिला अधिकारी की स्थिति और कानूनी विशेषज्ञता को देखते हुए, उनकी शिकायत की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है। उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग की कानून विधि सचिव होने के नाते, वे इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं और आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रही हैं।
इस मामले ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि विवाह के नाम पर ठगी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी और महिला को इस तरह के शोषण का सामना न करना पड़े।
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