भारत-मिस्र संयुक्त विशेष बल अभ्यास साइक्लोन-III सफलतापूर्वक संपन्न
जयपुर, 23 फरवरी 2025: भारत-मिस्र संयुक्त विशेष बल अभ्यास साइक्लोन-III 23 फरवरी 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें 14 दिनों के गहन संयुक्त प्रशिक्षण को पूरा किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की विशिष्ट सेनाओं के बीच पारस्परिकता और सहयोग को बढ़ाना था, जिससे उनकी युद्धक क्षमता, रणनीतिक समन्वय और परिचालन तालमेल को दर्शाया गया।
युद्ध कौशल का उत्कृष्ट मंच
यह संयुक्त अभ्यास दोनों देशों के विशेष बलों के लिए आतंकवाद विरोधी अभियानों, युद्ध चिकित्सा कौशल, विध्वंस तकनीकों और विशेष हेलिबोर्न ऑपरेशनों (SHBO) में प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। इस सहयोग ने एक-दूसरे की युद्ध तकनीकों, रणनीतियों और प्रक्रियाओं को बेहतर तरीके से समझने में मदद की, जिससे आपसी विश्वास और समन्वय को बढ़ावा मिला।
तीन चरणों में गहन प्रशिक्षण
साइक्लोन-III अभ्यास को तीन चरणों में विभाजित किया गया, जिनमें प्रत्येक चरण का ध्यान विशिष्ट युद्ध कौशल और रणनीतिक संचालन पर था:
- प्रथम चरण: प्रारंभिक चरण में सैन्य प्रदर्शनी और सामरिक बातचीत हुई। दोनों टीमों ने अपनी परिचालन रणनीतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा की, जिससे ज्ञान साझा करने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिला।
- द्वितीय चरण: इस चरण में विस्फोटक उपकरण (IED) और इसके निष्क्रियकरण (CIED) तकनीक, हेलीकॉप्टर से फास्ट-रोपिंग, और युद्धकालीन प्राथमिक चिकित्सा जैसे प्रशिक्षण मॉड्यूल शामिल थे। प्रतिभागियों ने इन महत्वपूर्ण अभियानों को कुशलता और फुर्ती के साथ निष्पादित किया।
- तृतीय चरण: अंतिम चरण में एक संयुक्त सामरिक अभ्यास शामिल था, जिसमें छापेमारी और बंधक बचाव अभियान जैसी परिदृश्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस चरण ने दोनों बलों के समन्वय, गति और सटीकता को उच्च तीव्रता वाले युद्ध परिदृश्यों में परखा।
भारतीय विशेष बलों की रणनीतिक श्रेष्ठता
पूरे अभ्यास के दौरान, भारतीय विशेष बलों ने उच्चतम स्तर की व्यावसायिक आचरण, सामरिक कुशाग्रता और सैन्य अनुशासन का प्रदर्शन किया। उनके उत्कृष्ट प्रशिक्षण अभ्यास, विभिन्न परिचालन वातावरणों में त्वरित अनुकूलन क्षमता और रणनीतिक संचालन की मिस्र की सेना द्वारा अत्यधिक सराहना की गई। यह संयुक्त प्रशिक्षण वैश्विक आतंकवाद विरोधी प्रयासों और सैन्य सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।
भारत-मिस्र रक्षा संबंधों को सुदृढ़ करना
साइक्लोन-III के समापन पर, दोनों सेनाओं ने अभ्यास की उपलब्धियों पर गहरी संतुष्टि व्यक्त की। इस संयुक्त प्रशिक्षण ने न केवल युद्ध तत्परता को मजबूत किया, बल्कि भारत और मिस्र के बीच रक्षा साझेदारी को भी गहरा किया। दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने इस अभ्यास को द्विपक्षीय सैन्य सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
यह संयुक्त सैन्य अभ्यास भारत और मिस्र के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को उजागर करता है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी प्रयासों के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। साइक्लोन-III की सफलतापूर्वक समाप्ति दोनों देशों के बीच स्थायी संबंधों का प्रमाण है और भविष्य में रक्षा सहयोग की नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त करता है।
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